- तर्पण में हुई त्रुटि के लिए पूर्वजों से मांगा क्षमा, गाय, कुत्ता, कौवा को लगाया भोग
जनवाणी ब्यूरो |
बिजनौर; पितृ विसर्जन (आश्विन अमावस्या) पर गुरुवार को लोगों ने पूरी श्रद्धा के साथ अपने पूर्वजों का श्राद्ध पिंडदान, तर्पण कर उन्हें विदाई दी। अपने पुरखों का पिंडदान करने के लिए लोग तड़के से ही गंगा बैराज व विदुर कुटी पहुंचे। लोगों ने पूर्जा अचैन कर गंगा में डुबकी लगाकर श्राद्धकर्म और पिंडदान किया।
पितृ अमावस्या पर अपने ज्ञात-अज्ञात पितरों के पिंडदान और श्राद्ध के गुरूवार को गंगा बैराज व विदुर कुटी पर भारी भीड़ रही। पिंडदान के दौरान लोगों ने अपने कुल, गोत्र का उल्लेख कर हाथ में गंगा जल लेकर संकल्प लिया गया।
इस दौरान तर्पण आदि में हुई त्रुटि, किसी पितर को तिलांजलि देने में हुई चूक के लिए क्षमा याचना भी की। अपने पितरों से सुखद, सफल जीवन के लिए आशीर्वाद भी मांगा।
पिंडदान के बाद गाय, कुत्ता, कौवा को पितरों के प्रिय व्यंजन का भोग लगा कर खिलाया। अपने पूर्वजों को पिंडदान तर्पण करने के बाद लोग घर पहुंचे।
घर में बने विविध प्रकार के बने व्यंजनों को निकाल पितरों को चढ़ाकर ब्राम्हणों को खिलाने के बाद स्वयं प्रसाद ग्रहण किया।