Wednesday, December 25, 2024
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Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary: भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती आज, जानें इस दिन क्यों मनाया जाता है सुशासन​ दिवस?

नमस्कार,दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। आज देशभर में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती मनाई जा रही है। 25 दिसंबर को ने सिर्फ क्रिसमस डे होता है बल्कि यह भारत में सुशासन दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं यह सुशासन दिवस क्यों मनाया जाता है और इसकी कब शुरूआत हुई ​थी?चलिए हम आपको बताते हैं…

अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ा है सुशासन

सुशासन दिवस भारत के तीन बार प्रधानमंत्री रहे स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ा हुआ है। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर को हुआ था। उनकी जयंती को ही सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। आइए जानते हैं अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें और यह दिन क्यों मनाया जाता है।

क्या है सुशासन दिवस का महत्व?

अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर हर साल 25 दिसंबर को भारत में सुशासन दिवस मनाया जाता है। 2014 में, अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इसके बाद, मोदी सरकार ने वाजपेयी जी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य नागरिकों, विशेष रूप से छात्रों को सरकार की पारदर्शिता और जवाबदेही के प्रति जागरूक करना है। इसका लक्ष्य बेहतर प्रशासनिक कार्यप्रणाली और नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना है।

वाजपेयी का जीवन और शिक्षा

अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में हुआ था। वे पत्रकार बनना चाहते थे, लेकिन बाद में राजनीति में आ गए। उनके जीवन का एक अनोखा प्रसंग यह है कि उन्होंने अपने पिता के साथ डीएवी कॉलेज, कानपुर से लॉ की पढ़ाई की। दोनों एक ही क्लास में बैठते थे और हॉस्टल में एक ही कमरे में रहते थे। जब उनके दोस्तों को यह बात पता चली तो उन्होंने और उनके पिता ने अपने सेक्शन बदल लिए।

देश के तीन बार पीएम बने

अटल बिहारी वाजपेयी एक आदर्श राजनेता थे। वे पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्होंने 26 राजनीतिक दलों के साथ मिलकर सरकार बनाई। वे तीन बार भारत के प्रधानमंत्री बने। उनके जीवन के प्रारंभिक दिनों में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हुए। हालांकि, उनकी बहन अक्सर उनकी खाकी पैंट फेंक देती थीं क्योंकि उनके पिता सरकारी कर्मचारी थे और परिवार चाहता था कि वे राजनीति से दूर रहें।

अपनी वक्तृत्व कला के लिए प्रसिद्ध थे वाजपेयी

अटल बिहारी वाजपेयी अपनी वक्तृत्व कला के लिए प्रसिद्ध थे। वे जब भी किसी जनसभा में शामिल होते थे, भाषण से पहले और बाद में काली मिर्च और मिश्री का सेवन करते थे। खासतौर पर उनके लिए मथुरा से मिश्री मंगवाई जाती थी।

तोहफे नहीं थे पसंद

अटल बिहारी वाजपेयी को तोहफे पसंद नहीं थे। वे गिफ्ट लेने की परंपरा के सख्त खिलाफ थे। हालांकि, उन्हें खाने-पीने का बहुत शौक था और वे घर पर बने भोजन को सबसे बड़ा तोहफा मानते थे।

शौक और रुचियां?

अटल बिहारी वाजपेयी को हिंदी सिनेमा से गहरा लगाव था। उनकी पसंदीदा फिल्म ‘उमराव जान’ थी। उन्हें गोलगप्पे खाना बेहद पसंद था। रिपोर्ट्स के अनुसार, वे गोलगप्पे वाले को ऊपर कमरे में बुलाकर मसालेदार गोलगप्पे खाते थे। वाजपेयी मांसाहारी भोजन के भी शौकीन थे और उन्हें खासतौर पर मछली खाना पसंद था।

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