- 15 यानि शनिवार को मनाया जाएगा शिवरात्रि का पर्व
- गरुड़ द्वार पर रहेगी जल और लोटे की सुविधा, कांवड़ियों का गरुड़ द्वार से होगा प्रवेश
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शिवरात्रि पर भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए मंदिर में शिवभक्तों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए मंदिरों में तैयारी पूरी कर ली गई है। बाबा औघड़नाथ शिव मंदिर समिति ने मंदिर में तैयारी पूरी कर ली है। मंदिर समिति अध्यक्ष सतीश सिंघल ने बताया कि मंदिर में सुबह आरती के बाद जलाभिषेक शुरू हो जाएगा।
15 जुलाई को सुबह से ही जलाभिषेक होना शुरू हो जाएगा। शनिवार और रविवार को मंदिर दिन रात खुला रहेगा। मंदिर में प्रसाद का स्टाल, जूते चप्पल स्टैंड के साथ ही मंदिर के बाहर खोया पाया केंद्र और प्रशासनिक कैंप तैयार हो गया है। इसके साथ ही मंदिर में शिव भक्तों के जलाभिषेक के लिए मंदिर के बाहर बैरिकेडिंग करा दी गई है।
मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए लोटों की व्यवस्था की गई है। मंदिर में आने वाले शिवभक्त और स्थानीय लोगों को मंदिर के गरुड़ द्वार से प्रवेश दिया जाएगा और नंदी द्वार से बाहर निकाले जाएगे। मंदिर समिति के सदस्य मंदिर में पूरे दिन मौजूद रहेगें।
बता दें कि 15 जुलाई को होगा शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। जिसको लेकर शहर के सभी शिव मंदिरों में तैयारियां पूरी कर ली गई। शिवरात्रि का पर्व श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है, जिसमे भगवान शिव के निमित्त विशेष पूजा, अर्चना, जाप अनुष्ठान रुद्राभिषेक आदि किया जाता है। इसमें भी विशेष बात ये है कि शिवरात्रि में वास्तविक महत्व रात्रि का ही है।
इसलिए ज्योतिषीय तिथि गणना के अनुसार चतुर्दशी तिथि जिस दिन रात्रि तक व्याप्त हो उस दिन को ही शिवरात्रि का पर्व निश्चित किया जाता है और जब त्रियोदशी और चतुर्दशी तिथि की संधि होती है अर्थात जब त्रियोदशी तिथि समाप्त होकर चतुर्दशी तिथि शुरू होती है उस समय शिवरात्रि का वास्तविक पुण्यकाल और भगवान शिव के अभिषेक का विशेष समय शुरू होता है।
इस बार हालांकि चतुर्दशी तो 15 और 16 जुलाई दोनों दिन उपस्थित रहेगी, लेकिन शास्त्र दृष्टि से त्रियोदशी और चतुर्दशी का मेल ही शिवरात्रि का मुख्य पुण्यकाल होता है, जो केवल 15 जुलाई को बनेगा। 15 जुलाई शनिवार को दिन में तो त्रियोदशी तिथि रहेगी, लेकिन रात को 8 बजकर 32 मिनट पर त्रियोदशी समाप्त होकर चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी
और पूरी रात व्याप्त रहेगी यानि के इस बार त्रियोदशी और चतुर्दशी की संधि 15 जुलाई की रात में हो रही है। इसलिए 15 जुलाई को ही शिवरात्रि का व्रत और पर्व मनाया जाएगा। 15 तारीख को रात्रि 8 बजकर 32 पर त्रियोदशी और चतुर्दशी का मेल होगा जिसे शिवरात्रि का विशेष पुण्यकाल माना गया है।
ये होगा भगवान शिव के अभिषेक का विशेष शुभ समय
ऐसा माना जाता है कि श्रावण मास में ही महादेव ने सृष्टि की रक्षा के लिए समुंद्र मंथन से निकले विष को अपने कंठ में ग्रहण किया था और तब महादेव के कंठ में उत्पन्न हो रही है। इस विष की ऊष्मा को कम करने के लिए सभी देवताओं ने जल से भगवान शिव का अभिषेक किया था और तभी से श्रावण में महादेव (शिवलिंग) के जलाभिषके की परंपरा आरंभ हुई।
वैसे तो 15 जुलाई शिवरात्रि को प्रात:काल से ही सामान्यजन के लिए भगवान शिव का जलाभिषेक शुरु हो जाएगा और पूरे दिन भर ही भगवान शिव का अभिषेक होगा, पर विशेष रूप से इस शिवरात्रि पर रात्रि 8 बजकर 32 मिनट पर त्रियोदशी और चतुर्दशी का मेल होगा और यही भगवान शिव के अभिषेक का विशेष पुण्यकाल होगा।
इसलिए विशेष रूप से जो भक्त प्रतिवर्ष कावंड लाते हैं और जो लोग शिवरात्रि का व्रत करते हैं या जिन लोगों को भगवान शिव के निमित्त विशेष पूजा साधना करनी है वे सभी शिवरात्रि पर रात 8 बजकर 32 के बाद भगवान शिव का अभिषेक अवश्य करें।
इनसे करें शिवलिंग का अभिषेक
- स्वस्थ और समृद्धि के लिए पंचामृत (दूध, दही, बूरा, शहद, मक्खन) से अभिषेक करें।
- धन प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से अभिषेक करें।
- शत्रु बाधा मुक्ति के लिए सरसों के तेल से अभिषेक करें।
- मानसिक एकाग्रता के लिए दूध से अभिषेक करें।
- वर प्राप्ति के लिए केशर युक्त जल से अभिषेक करें।
- पत्नी प्राप्ति के लिए दही से अभिषेक करें।
- सर्वसिद्धि के लिए गंगाजल से अभिषेक करें।
- कालसर्प योग की शांति के लिए काले सफेद तिल और चंदन युक्त जल से अभिषेक करें।
- साढ़ेसाती के लिए काले तिल युक्त जल से अभिषेक करें।
- जिन व्यक्तियों की जन्मकुंडली में काल सर्प योग हो, चंद्रमा बहुत कमजोर हो, राहु या शनि की दशा चल रही हो, जिन्हे हमेशा मैंटल स्ट्रैस डिप्रेशन, एंग्जायटी रहती हो तो ऐसे लोगों के लिए शिवरात्रि पर भगवन शिव के निमित किए गए पूजन अर्चन, व्रत और रुद्राभिषेक से इन सभी ग्रह दोषों का नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाता है।
विशेष बिंदू
- श्रावण शिवरात्रि : 15 जुलाई शनिवार
- शिवरात्रि का विशेष पुण्यकाल (त्रियोदशी और चतुर्दशी की संधि) रात 8:32 से आरंभ
- शिवरात्रि पर सामान्य जलाभिषेक का समय प्रात:काल से आरंभ
- विशेष जलाभिषेक का समय रात्रि 8:32 से
औघड़नाथ मंदिर में बनाया हाईटेक कंट्रोल रूम
शिवरात्रि पर्व पर लाखों की संख्या में कांवड़िये भोलेनाथ को जलाभिषेक कर औघड़नाथ मंदिर में पूजा अर्चना करेंगे। मंदिर और कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए पुलिस प्रशासन ने मंदिर में हाईटेक कंट्रोल रुम बनाया है। सुरक्षा की दृष्टि से 130 सीसीटीवी कैमरों को लगाया गया है।
सभी कैमरों को कंट्रोल रूम से कनेक्ट कर चप्पे-चप्पे पर पैनी नजर रखी जायेगी। कांवड़ यात्रा पर मंदिर की सुरक्षा के लिए दो दिन सिविल पुलिस के अलावा पैरा मिलिट्री फोर्स और एटीएस एवं आर्मी के जवान मुस्तैद रहेंगे। मोदीपुरम से लेकर हापुड़ रोड एल ब्लॉक तक 130 सीसीटीवी कैमरे लगाये गए हैं। वहीं औघड़नाथ मंदिर परिसर और इसके आसपास की सुरक्षा के लिए 30 सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं।
इन कैमरों के जरिए अराजक तत्वों या किसी अन्य घटनाओं व आतंकी घटनाओं से निपटने के लिए पुलिस प्रशासन ने मंदिर की सुरक्षा का खाका तैयार किया है। गुरुवार को एसपी अनित कुमार और सीओ कैंट ने मंदिर परिसर में बनाये गये कंट्रोल रूम को चेक कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।