Monday, July 1, 2024
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अयोध्या मामला : पूरे दिन अलर्ट रहा प्रशासन

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  • कमिश्नर और एडीजी समेत पूरा अमला संवेदनशील इलाकों में घूमा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: 28 साल बाद सीबीआई कोर्ट में आए बाबरी विध्वंस के फैसले को देखते हुए पूरा प्रशासनिक अमला सड़कों पर उतर आया। कमियनर और एडीजी से लेकर पुलिस और प्रशासन के अधिकारी पूरे शहर में घूमते रहे। अधिकारियों ने हर चौराहे पर तैनात भारी भरकम फोर्स का जायजा लिया और जिम्मेदार नागरिकों से बात कर स्थिति सामान्य बनाने की अपील भी की।

अयोध्या मामले का फैसला आने से दो घंटे पहले से कमिश्नर अनीता सी मेश्राम, एडीजी राजीव सभरवाल, आईजी प्रवीण कुमार, डीएम के बालाजी और एसएसपी अजय साहनी आदि आबूलेन चौकी पर एकत्र हो गए और विचार विमर्श करने लगे। अधिकारियों ने सभी थानेदारों और सर्किल आफिसरों को अलर्ट रहने को कह दिया था।

मुस्लिम इलाकों और मिश्रित आबादी वाले इलाकों में पीएसी और आरएएफ के जवानों की तैनाती की गई थी। संबंधित थानेदार और चौकी प्रभारियों को पूरे समय गश्त करने को कहा गया था। यूपी पुलिस ने इसे लेकर कड़ी तैयारी पहले ही कर ली थी। हर जगह पुलिस फोर्स की तैनाती की गई थी। ताकि किसी भी तरह का विवाद न हो।

अयोध्या मामले में फैसला आने को लेकर पहले से ही मेरठ और आसपास में अलर्ट जारी कर दिया गया था। इस वजह से शहर के अफसर खुद ही हर जगह का मुआयना कर रहे थे। वहीं रात से ही तैनात पुलिस फोर्स ने शहर की हर एक हरकत पर नजर बनाए हुए है।

एडीजी राजीव सब्बरवाल ने मेरठ जोन में कड़ी व्यवस्था के निर्देश भी जारी कर दिए। सुरक्षा में चूक न हो इसके लिए खुद भी पूरी व्यवस्था पर नजर बनाए हुए थे। सभी अधिकारी शहर में पल-पल की जानकारी देते रहे एसपी सिटी और एडीएम सिटी लगातार शहर का दौरा कर रहे थे। सभी अति संवेदनशील पाइंट टापर पुलिस बल तैनात है।

अफसरों ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहरभर का दौरा किया। इसी तरह बुलंदशहर, बागपत, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर और शामली में भी अयोध्या मामले को लेकर अलर्ट जारी है। शहर के हर कोने में पुलिस तैनात थी। अफसर लगातार शहर का निरीक्षण कर रहे थे।

वहीं प्रदेश से भी पूरी सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के निर्देश भी जारी हुए हैं। इन शहर की रिपोर्ट अफसर लगातार दे रहें हैं। एडीजी राजीव सभरवाल ने बताया कि पूरे जोन में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिये गए हैं।

कमिश्नर अनीता सी मेश्राम का कहना है कि मंडल के हर डीएम को निर्देश दिये गए हैं कि शांति बनाई रखी जाए और सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये जाएं।

दरअसल सीबीआई कोर्ट में फैसला आने के बाद जिस तरह के माहौल को लेकर चिंता बनी हुई थी वो पूरी तरह से निराधार निकली। शाम चार बजे से पहले शहर के में स्थिति रोजमर्रा वाली दिखने लगी।

बाबरी विध्वंस पर फैसले को लेकर मुस्लिम इलाकों में नहीं दिखी कोई हलचल

बाबरी ढांचा विध्वंस मामले में बुधवार को आने वाले फैससे को लेकर क्रांतिधारा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। फैसला आने के बाद न कोई संशस दिखा और न ही कोई चिंता। आम दिनो की तरह क्रांतिधारा अपनी रौ में नजर आया। फैसले के मदेदनजर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। कोविड-19 संक्रमण के बीच मुस्लिम इलाकों के बाजार गुलजार दिखे।

बता दे कि बाबरी विध्वंस के 28 साल बाद आए फैसले को लेकर मुस्लिम इलाको में कोर्ई भी हलचल नहीं दिखी। फैसले को लेकर न कहीं चर्चा दिखी न कही उत्सुकता।

बाबरी विध्वंस को अपनी आंखो से देखने वाले मुस्लिम जरुर कुछ नाराज नजर आए। और उन्होने आरोपियों को सजा देने की मांग की। लेकिन यह भी कहते नजर आए कि अब ये सब पुरानी बाते हो गई है, इन्हे भूलना ही ठीक हैं। भीड़ का आलम यह रहा कि महानगर के मुस्लिम इलाकों के बाजारो में जाम की स्थिति देखने को मिली।

सभी वर्गो के लोग बाजार में सामान खरीदते दिखे। बुधवार दोपहर करीब साढेÞ 12 बजे ढांचा विध्वंस 28 साल बाद फै सले में सभी आरोपी को बरी कर दिया।

खैरनगर बाजार,पालिका बाजार घंटाघर,हापुड़ अड्डा भगत सिंह मार्किट,भूमिया पुुल बाजार मुस्लिम बाजारो व बस्तियों में कोई संशस व न कोई चिंता दिखी। घंटाघर स्थित पालिका बाजार में मुस्लिम युवा दुकानदार से चर्चा की। तो उन्होने कहा कि बाबरी विध्वंस की कहानी सुनी हैं।

आज विवाद नहीं विकास की जरुरत हैं। राममंदिर बने हमे कोई ऐतराज नहीं हैं। खैरनगर में मुस्लिम दुकानदार ने कहा अब पुरानी बातों को याद करने का क्या फायदा,हम इस बात से खुश है कि सादियों का विवाद खत्म हो गया है।

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