- राजकीय महिला पीजी कालेज में पंचकर्म पर व्याख्यान
जनवाणी संवाददाता |
कांधला: पंचकर्म का महत्व बताते हुए डा. शशीकांत शर्मा ने रसोईघर को आयुर्वेद का पूर्णता घर बताया। उन्होंने कहा कि रसोईघर में हल्दी, सौंफ व धनिया सब कुछ आयुर्वेद हैं। आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है।
राजकीय महिला स्रातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।
जिसमें डा. शर्मा वेदश्री आयुर्वेद से डा. शशीकांत शर्मा पंचकर्म पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने आयुर्वेद के महत्व को समझाते हुए रसोईघर को आयुर्वेद का पूर्णता घर बताते कहा कि रसोईघर में हल्दी, सौंफ व धनिया सब कुछ आयुर्वेद हैं। आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है। भारत इसका जनक है और भारत आयुर्वेद के विश्व गुरु भी हैं।
इसको हमें अपनाना है, वह आयुर्वेद को अपनी जीवनशैली में शामिल करने की आवश्यकता है। जिससे हम स्वस्थ जीवन जी सकें। उन्होंने बताया कि दिनचर्या में आयुर्वेद को हमें रखना होगा। पुरानी बीमारियों को खत्म करना आदि समस्याओं का समाधान करने में स्वच्छता के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा। एलोपैथी से बचने के लिए आयुर्वेद का बहुत अहम रोल है। उन्होंने शिरोधारा पंचकर्म के विषय के बारे में भी छात्राओं को बताया।
महाविद्यालय की प्राचार्य ने छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया की आयु को आयुर्वेद के द्वारा किस प्रकार बढ़ा सकते हैं, और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। 100 वर्षों के जीवन में जन्म से पहले ही दवाइयों का सेवन शुरू हो जाता है। इससे हमें बचना चाहिए और योग व्यायाम को अपनी जीवनशैली में अपनाना चाहिए।
अर्ली टू बेड अर्ली टू राइज के साथ में उन्होंने बताया की ब्रह्म मुहूर्त में जगना व समय से सोना चाहिए खानपान में आयुर्वेद के तरीके अपनाने चाहिए। व्यक्ति को अपने जीवन में निरंतर गतिशील रहना चाहिए। छात्राओं से कहा वह अपने घरों में आसपास तुलसी, नीम, पीपल, एलोवेरा के पौधे लगाए जिससे वातावरण साफ व स्वच्छ रहने के साथ ही अधिक से अधिक आक्सीजन युक्त भी रहें। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना की कार्यक्रम अधिकारी डा. लक्ष्मी गौतम ने किया।
कार्यक्रम में डा. रामायण राम, डा. दीप्ति चौधरी उपस्थित रहे। एनएसएस की स्वयं सेविकाओं ने महाविद्यालय के विभिन्न विभागों व परिसर में साफ सफाई की और पौधों को पानी देते हुए श्रमदान किया।