जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: आमतौर पर सैन्य क्षेत्र को लेकर आम जनमानस के मन में साफ सुथरा एरिया की छवि बनती है। एक समय था, जब शहर से ज्यादा कैंट क्षेत्र की सड़कें साफ सुथरी, चमचमाती हुई होती थीं, लेकिन पिछले कुछ सालों में यह धारणा और स्थिति बदली है। कैंट में सड़कों का बुरा हाल है। सैन्य क्षेत्र भी इससे बचे नहीं हैं। बीसी लाइन जैसे इलाकों की सड़कें जर्जर हालत में हैं। यहां सफाई तक नहीं होती। मुख्य मार्गों पर ही गंदगी के ढेर लगे देखे जा सकते हैं। कई जगहों पर सड़कों में गहरे गड्ढे हैं। स्ट्रीट लाइटों की भी समस्या होने से रात में अनहोनी का डर बना रहता है। लगातार शिकायतों के बाद भी कैंट बोर्ड कोई कदम उठाने के लिए तैयार नहीं है।
सैन्य क्षेत्र में माल रोड और कुछ दूसरी सड़कें आज भी सफाई में अच्छी मानी जाती हैं, लेकिन इनसे सटी दूसरी सड़कें अनदेखी की शिकार हैं। यह सड़कें कैँट के सिविलियन क्षेत्र की नहीं बल्कि सैन्य इलाके की ही हैं, जहां सेना अफसरों के बंगले हैं और लगातार रात दिन उनकी इन्हीं सड़कों से आवाजाही भी रहती है। फिर भी इन सड़कों को अनदेखा किया जा रहा है। सैन्य एरिया में ऐसा ही क्षेत्र है बीसी लाइन। यहां कोई ऐसी सड़क नहीं है, जो जर्जर हालत में न हो। जानकार बताते हैं कि यहां सड़कें डेढ़ दशक से भी ज्यादा सड़क से नहीं बनीं। ेअब अगर कोई सड़क पंद्रह सालों से न बनी हो तो समझा जा सकता है कि उसकी हालत कया होगी?
मुख्य मार्ग पर ही बना दिया डलावघर
बीस लाइन की सड़कें तो जर्जर अवस्था में हैं ही, यहां मुख्य मार्ग पर ही डलावघर भी बना दिया गया। कूड़ा यहां जमा रहता है और कई कई दिन उसे उठाया ही नहीं जाता। यहां मुख्य मार्ग पर ही पिछले दिनों लकड़ियां बड़ी मात्रा में डाल दी गयीं। धीरे-धीरे बड़ी और मोटी लकड़ियां तो यहां से गायब कर दी गयीं, छोटी लकड़ी यहां ऐसे ही छोड़ दी गयीं जो पूरे क्षेत्र की शोभा बिगाड़ने का काम रही रही हैं। यह भी कह सकते हैं कि यहां मुख्य मार्ग को ही बदरंग कर दिया गया। हैरानी की बात यह है कि इन मार्गों से रोजाना सेना के अफसरों की गाड़ियां गुजरती हैं लेकिन किसी को भी सड़कों की जर्जर हालत नजर नहीं आती।
जर्जर सड़कों से कोठियों के वाशिंदे परेशान
बीसी लाइन की कोठी नंबर-140, 141, 142, 143, 147, 148, 149 व 150 के लोग परेशान हैं। इन सबकी कोठियों के आगे सड़क जर्जर हालत में हैं और उसमें कई जगहों पर गहरे गड्ढे हो गए हैं। इन सभी कोठियों के सामने सड़क की हालत इतनी ज्यादा खराब है कि रात में निकलते हुए भी डर लगता है कि कहीं कोई चोटिल न हो जाए। स्ट्रीट लाइटों की स्थिति भी चिंताजनक ही है। कोई लाइट जलती है तो कोई नहीं जलती। कई बार तो गड्ढों को लोग निजी तौर पर ही भरवाते रहते हैं। कैंट बोर्ड इस तरफ कोई ध्यान ही नहीं देता।
शिकायत के बाद भी नहीं सुनता कैंट बोर्ड
यह पूरा क्षेत्र कैंट बोर्ड के अधीन आता है और देखरेख की जिम्मेदारी भी कैंट बोर्ड की ही बनती है, लेकिन उसने आज तक इस क्षेत्र के लोगों की दिक्कतों को जानने की जरूरत नहीं समझी। कई बार कोठी मालिकों ने कैंट बोर्ड में सड़कों को ठीक कराने और सफाई व्यवस्था कराने के लिए शिकायतें भी दर्ज करायीं, लेकिन उन पर कभी कोई अमल नहीं हुआ। मुख्य मार्ग से डलावघर हटाने के लिए भी कहा गया पर कोई सुनवाई नहीं हुई।