Saturday, June 29, 2024
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अब सीसीएसयू से करे श्रीराम चरित्र मानस और भागवत गीता की पढ़ाई

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  • विवि में आयोजित की गई बैठक, कई बिंदुओं पर लिए गए निर्णय
  • नई शिक्षा नीति पर जल्द विवि तैयार करेगा पाठ्यक्रम

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: चौधरी चरण सिंह विवि में सोमवार को आनलाइन माध्यम से विवि परिषद की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए विवि कुलपति प्रो.एनके तनेजा ने कई बिंदुओं पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए। बैठक के दौरान नई शिक्षा नीति के अनुसार एमफिल पाठ्Þयक्रम को पूरी तरह समाप्त करने पर स्वीकृति प्रदान की गई।

वहीं विवि कुलपति प्रो.एनके तनेजा ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू किए जाने के लिए सभी संकायाध्यक्षों को निर्देशित करते हुए बोर्ड आॅफ स्टडीज की बैठक बुलाकर नई शिक्षा नीति के अनुसार पाठयक्रम निर्धारित किए जाने की स्वीकृति भी प्रदान कर दी है।

वहीं बैठक के दौरान किसी भी विद्यार्थी के हाईस्कूल उतीर्ण होने के उपरांत दो वर्ष का आईटीआई डिप्लोमा और इंटरमीडियट एक विषय के साथ उत्तीर्ण होने के उपरांत विश्वविद्यालय द्वारा संचालित बीए और बीकम पाठयक्रम में प्रवेश की स्वीति प्रदान की गई। इसी प्रकार बीएससी और बीटैक पाठ्यक्रमों में किसी विद्यार्थी द्वारा हाईस्कूल यूपी बोर्ड से उत्तीर्ण होने के उपरांत दो वर्ष का या तीन वर्ष का इलैक्ट्रोनिक्स कंप्यूूटर साइंस इनफोरमेशन टेक्नोलजी का आईटीआई पोलिटेक्निक डिप्लोमा और इण्ंरमीडिएट एकल विषय (हिंदी) यूपी बोर्ड के साथ उत्तीर्ण होने के उपरांत विश्वविद्यालय द्वारा संचालित बीएससी (गणित) बीएससी (कंप्यूूटर साइंस) बीटेक (इलेक्ट्रोनिक्स) बीटेक (कंप्यूटर साइंस) बीसीए पाठ्यक्रमों में वर्ष 2020-21 से प्रवेश की स्वीकृति प्रदान की गई है।

विश्वविद्यालय संबंधित महाविद्यालययों और संस्थानों में संचालित बीएससी अप्टोमेंटरी पाठयक्रम को विज्ञान संकाय से चिकित्सा संकाय में पराचिकित्सकीय पाठयक्रम के रूप में सम्मिलित किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई। इतना ही नहीं विश्वविद्यालय संबंधित महाविद्यालयों व संस्थानों में संचालित बीएससी र्नसिंग एवं पोस्ट बेसिक र्नसिंग पाठयक्रमों के अंतिम वर्षो में कई कोर्स को लागू किये जाने के निर्देश दिए है।

संबद्धता विभाग द्वारा उक्त पाठयक्रमों में सत्र 2019-2020 से अंगीकार करने की स्वीकृति प्रदान की गई। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने एमफिल और पीएचडी उपाधि प्रदान करने हेतु न्यूनतम मानदंड एवं प्रक्रिया का निर्धारण किया गया था। इसी क्रम में नई शिक्षा नीति 2020 के परिपेक्ष्य में उक्त अध्यादेशों में संशोधन की स्वीकृति विवि की ओर से प्रदान की गई है। वहीं कार्य परिषद के सदस्य द्वारा अनुमोदित किया जाने पर विद्धत परिषद द्वारा रामचरित्र मानस में विज्ञान,श्रीमद भागवत गीता में विज्ञान का 1 वर्ष का सर्टिफिकेट कोर्स तथा 2 वर्षीय डिप्लोमा कोर्स शुरू करने के लिए तीन सदस्य कमेटी का गठन कर दिया गया है, ताकि जल्द से जल्द वह अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकें।

विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में शोध ग्रंथ के मूल्यांकन में यदि प्रथम परीक्षक ने शोध ग्रंथ को स्वीकृति प्रदान की है एवं शोध उपाधि प्रदान किए जाने की संस्तुति की है और द्वितीय परीक्षक ने शोध ग्रंथ को पुन: संशोधित करने के लिए अपनी आख्या प्रस्तुत की है एवं तृतीय परीक्षक द्वारा शोध ग्रंथ को निरस्त करने की संस्तुति की गई है तो ऐसी दशा में शोध ग्रंथ को निरस्त कर दिया जाता है।

इस प्रकरण द्वारा गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट दी जिसमें यह कहा गया कि यदि तीन परीक्षक शोध ग्रंथ की स्वीकृति प्रदान कर देते या फिर दो परीक्षक स्वीकृति प्रदान कर देते है और तीसरा निरस्त कर देता है तो चौथे परीक्षक को शोध ग्रंथ भेजी जाएगी। रिपोर्ट को विद्धत परिषद द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में प्रति कुलपति प्रो.वाई विमला, कुलसचिव धीरेंद्र कुमार,कुलानुशासक प्रो.बीरपाल सिंह,प्रो.भूपेंद्र सिंह,परीक्षा नियंत्रक प्रो. रूप नारायण, प्रो.नवीन चंद्र लोहानी,प्रेस प्रवक्ता मितेंद्र कुमार गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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