- सरधना ब्लॉक में शहीद ग्राम भामौरी सबसे स्वस्थ
- भामौरी गांव में नहीं कोई भी कोरोना पॉजिटिव, मृत्यु दर भी शून्य
- अब तक निकले 5-7 पॉजिटिव भी हो चुके हैं स्वस्थ
दानिश अंसारी |
सरधना: ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना के रौद्र रूप से जहां लोग दहशत में हैं। वहीं, देहात में कुछ गांव सकारात्मक संदेश के साथ ग्रामीणों को उम्मीद की किरन दिखाने में सहायक साबित हो रहे हैं। सरधना ब्लॉक में ऐसा ही एक गांव है शहीद ग्राम भामौरी। कोरोना महामारी के बीच यह गांव सबसे स्वस्थ गांवों में से एक है। क्योंकि इस गांव में एक भी ग्रामीण कोरोना पॉजिटिव नहीं है। उससे भी अच्छी बात यह है कि यहां कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई है। यानी यह गांव वर्तमान में पूरी तरह से कोरोना मुक्त है।
इस गांव में प्रधान से लेकर ग्रामीण खुद अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सफाई और सैनिटाइजेशन के साथ कोरोना गाइडलाइन का पालन कर रहे हैं। जो अन्य गांवों के लिए भी एक संदेश है। संदेश यह है कि यदि सुरक्षा बरती जाए तो कोरोना ही नहीं किसी भी बीमारी से बचा जा सकता है।
सरधना ब्लॉक में आने वाला गांव भामौरी शहीद ग्राम के नाम से जाना जाता है। यह गांव तहसील मुख्यालय से करीब आठ किमी की दूरी पर है। इस गांव की कुल आबादी लगभग पांच हजार है और यहां 844 परिवार रहते हैं। वर्तमान में कोरोना वायरस ने ग्रामीण इलाकों में तांडव मचा रखा है।
कोई गांव ही ऐसा बचा होगा, जो कोरोना का शिकार नहीं है। रोजाना गांवों से आकस्मिक मौत होने के साथ ही कोरोना लक्षण वाले मरीजों की बात सामने आ रही है। जिससे ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग दहशत में जी रहे हैं। मगर इतनी दहशत के बीच भामौरी गांव अन्य गांव के लोगों को सकारात्मक ऊर्जा और एक संदेश दे रहा है।
क्योंकि वर्तमान में यह गांव पूरी तरह से कोरोना मुक्त है। सरकारी रिकॉर्ड पर नजर डालें तो गांव में एक भी कोरोना केस नहीं है। इससे भी अच्छी बात यह है कि भामौरी में कोरोना से एक भी मौत नहीं हुई है। इसके पीछे का कारण भी हम आपको बताते हैं।
भामौरी के प्रधान से लेकर ग्रामीण तक अपनी जिम्मेदारी समझ रहे हैं। सभी मिलकर गांव को स्वच्छ बनाने के साथ ही सैनिटाइजेशन करने और कोरोना गाइड लाइन का पालन भी कर रहे हैं। जिससे यह गांव कोरोना मुक्त है। यह गांव अन्य गांव को भी यह संदेश दे रहा है कि यदि सुरक्षा बरती जाए तो कोरोना ही नहीं अन्य बीमारियों से भी बचा जा सकता है। इसी तरह इस कोरोना महामारी से बचा जा सकता है। वर्तमान में यह के लोग कोरोना मुक्त होने के साथ ही खुद को काफी हद तक सुरक्षित भी महसूस कर रहे हैं।
वहीं, इस संबंंंध में सरधना सीएचसी प्रभारी डा. राजेश कुमार का कहना है कि भामौरी गांव वर्तमान में पूरी तरह से कोरोना मुक्त है। गांव में एक भी कोरोना केस नहीं है। पूरे कोरोनाकाल में अब तक 5-7 केस सामने आए हैं। वह भी पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं।
उधर, भामौरी के ग्राम प्रधान दिनेश सोम का कहना है कि गांव में लगातार सफाई अभियान चलाया जा रहा है। इसके साथ ही समय-समय पर गांव को सैनिटाइजेशन कराया जा रहा है। कीटनाशक दवा का छिड़काव भी नियमित किया जा रहा है। इन सब के बीच सबसे महत्वपूर्ण यह है कि ग्रामीण अपनी जिम्मेदारी समझ रहे हैं। इसलिए आज हमारा गांव कोरोना मुक्त है।
जो कोरोना पॉजिटिव हुए वह भी हो गए स्वस्थ
ग्राम प्रधान दिनेश प्रधान बताते हैं कि उनके गांव में पूरे कोरोना काल में अब तक 5-7 लोग ही कोरोना पॉजिटिव हुए हैं। अच्छी बात यह है कि वह भी पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में भामौरी गांव पूरी तरह से कोरोना मुक्त है। उन्होंने अन्य गांव के लोगों से भी सुरक्षा बरतने और कोरोना गाइडलाइन का पालन करने की अपील की।
निगरानी समिति भी पूरी तरह सक्रिय
ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना महामारी को नियंत्रण करने के लिए प्रशासन ने गांव-गांव निगरानी समिति बना रखी है। भामौरी गांव में भी निगरानी समिति बनी हुई है। जो पूरी तरक से गांव में सक्रिय है। सफाई, सैनिटाइजेशन के साथ ही ग्रामीणों को जागरूक करने का काम यह समिति कर रही है। मंगलवार को गांव में हुई निगरान समिति की मीटिंग की समीक्षा हुई तो अच्छी रिपोर्ट सामने आई। समीक्षा में 39 लोग मामूली रूप से बीमार मिले हैं। जिनको दवा की व्यवस्था भी की गई है।
इन गांवों की हालत सबसे खराब
सरधना ब्लॉक क्षेत्र में कोरोना महामारी ने कहर बरसा रखा है। ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है। सरधना में कई गांव ऐसे हैं, जिनकी हालत सबसे अधिक खराब है। सरधना में टॉप पांच गांवों की बात करें:
- सकौती केस-24
- अलीपुर केस-20
- सलावा केस-16
- खेड़ा केस-13
- दशरथपुर केस-8