जनवाणी ब्यूरो |
मेरठ: कचहरी में पेशी के दौरान 18 वर्ष पूर्व हुए रविंद्र भूरा हत्याकांड के पांच आरोपियों को न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। इस मामले में सात आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, जिनमें से दो आरोपियों की मौत हो चुकी है। इस मामले का एक आरोपी रहा अजय जडेजा कई अन्य मामलों में जेल में है, जबकि चार अन्य आजाद, अजय मलिक, यशवीर और गुलाब जमानत पर बाहर हैं।
आरोपियों के अधिवक्ता वीके शर्मा ने बताया कि एसआई रेशम सिंह ने थाना सिविल लाइन में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें बताया था कि 16 अक्तूबर 2006 को उनकी ड्यूटी जिला कारागार मेरठ में बंद अभियुक्त रविंद्र भूरा की पेशी में लगी थी। पुलिस लाइन से सरकारी शस्त्र लेकर वह कड़ी सुरक्षा के बीच रविंद्र भूरा की पेशी करने कचहरी लाए थे।
कचहरी में आरोपी अपने हाथ में पिस्तौल लेकर आए और रविंद्र भूरा पर फायरिंग शुरू कर दी। तभी कांस्टेबल मनोज कुमार ने एक बदमाश को दबोच लिया था। बदमाश ने मनोज को गोली मार दी थी। इससे कांस्टेबल मनोज घायल हो गया और सभी आरोपी फरार हो गए।
इस घटना में रविंद्र भूरा और उसके भतीजे गौरव, एक बदमाश और कांस्टेबल की मौके पर मौत हो गई थी। वहीं, मामले में पुलिस ने 27 गवाह न्यायालय में पेश किए थे। आरोपियों की ओर से उनके अधिवक्ता द्वारा न्यायालय में बताया कि पुलिस द्वारा सभी आरोपियों को इस मुकदमे में झूठा फंसाया जा रहा है। इसके लिए कुछ साक्ष्य कोर्ट में पेश किए गए। इनके आधार पर न्यायालय ने आरोपियों का संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया।