Friday, January 24, 2025
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बड़े बकायेदार, बड़े ही खेल

नगर निगम के खेल भी निराले हैं। कार्यकारिणी बोर्ड ने निगम के अफसरों से एक सूची बड़े बकायेदारों की मांगी थी, जो निगम अफसरों ने बोर्ड बैठक में उपलब्ध ही नहीं कराई गयी। यही नहीं, आरटीआई के तहत भी बड़े बकायेदारों की सूची मांगी गयी थी, लेकिन उसे निगम अफसरों ने उपलब्ध नहीं कराया। बड़े बकायदारों का नाम सार्वजनिक नहीं कर रहे हैं तथा उनसे सेटिंग का खेल चल रहा हैं, जिसके चलते बड़े बकायेदारों के नाम सार्वजिनक करने से बच रहे हैं। इसको लेकर भले ही कितना भी लक्ष्य दे दिया गया हो, लेकिन बड़े-बड़े खेल इसमें किये जा रहे हैं। इस ‘महाखेल’ में नगर निगम के बड़े अफसर शामिल हैं। ये अफसर भी मौन साधे हुए हैं, इसमें कुछ भी पूछने पर मौन साध लेते हैं। क्योंकि सेटिंग का खेल जो किया हैं। ऐसे में चुप्पी लगाना तथा मीडिया के सवालों से अधिकारी बचते रहते हैं।

  • बड़ा सवाल: लक्ष्य 100 करोड़ का, वसूल पाए सिर्फ 66 करोड़
  • सवा महीने से कम समय में कैसे होगी 34 करोड़ रुपये की वसूली?

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: नगर निगम टैक्स वसूली के मामले में भी फिसड्डी साबित हो रहा हैं। बड़े बाकायदारों पर निगम अफसर खास मेहरबान बने हुए हैं, जिसके चलते दिया गया लक्ष्य भी पूरा होता नहीं दिख रहा हैं। नगर निगम का वित्तीय वर्ष, 2022-23 का टैक्स वसूली के लिये 100 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया हैं। नगर निगम को वसूली के लिये तीन सेक्टरों में बांटा गया हैं, जिसमें तीनों सेक्टरों में कुल मिलाकर 100 करोड़ रुपये टैक्स वसूली का लक्ष्य निगम बोर्ड के द्वारा रखा गया, जिसमें 10 महीने के अंदर 66 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी हैं।

वहीं शेष 34 करोड़ रुपये की वसूली को सवा महीने से भी कम समय शेष बचा हैं। देखना है कि नगर निगम इस 34 करोड़ रुपये की वसूली के लक्ष्य को कैसे हासिल करता हैं? वहीं सरकारी अवकाश के दिनों को कार्यदिवस के दिनों से अलग कर दिया जाये तो एक करोड़ रुपये प्रतिदिन की टैक्स वसूली से ही यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता हैं, वरना वित्तीय वर्ष में टैक्स वसूली यह लक्ष्य प्राप्त करना संभव नहीं हैं ओर टैक्स वसूली में नगर निगम लक्ष्य हासिल करने में पिछड़ सकता हैं।

नगर निगम द्वारा महानगर को टैक्स वसूली के क्षेत्र में तीन सेक्टरों में बांटा गया हैं, जिसमें शास्त्रीनगर, कंकरखेडा एवं नगर निगम मुख्यालय क्षेत्र शामिल हैं। नगर निगम के बोर्ड के द्वारा जो टैक्स वसूली का लक्ष्य है,वह वित्तीय वर्ष 2022 में, जोकि एक अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक का समय निर्धारित किया गया। टैक्स वसूली को नगर निगम की टीम अब तेजी से अभियान चलाकर दिये गये लक्ष्य को हासिल करने में जुटी हैं, लेकिन 10 माह का समय बीतने के बाद भी अभी लक्ष्य प्राप्ति से काफी पीछे दिखाई दे रही है।

तीनों ही सेक्टरों से कुल मिलाकर 10 महीनों के अंदर तमाम प्रयासों के बावजूद 100 करोड़ रुपये के लक्ष्य में से 66 करोड़ रुपये ही वसूल हो सके हैं और शेष 34 करोड़ रुपये टैक्स वसूली के अभी महानगर की जनता पर बकाया है, उसकी वसूली के लिये नगरायुक्त अमित पाल एवं मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अवधेश कुमार ने संबंधित सेक्टरों की टीम को वसूली अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिये हैं।

वहीं, 34 करोड़ रुपये की यदि टैक्स वसूली के इस लक्ष्य को समय रहते, सरकारी अवकाश को छोड़कर कार्यदिवस दिनों में हासिल किया जाये तो कम से कम नगर निगम को एक करोड़ रुपये प्रति दिन के हिसाब से वसूली करनी होगी,तभी जाकर यह लक्ष्य हासिल करना संभव है, नहीं तो वित्तीय वर्ष 2022-23 में 100 करोड़ रुपये के टैक्स वसूली का नगर निगम का लक्ष्य अधूरा ही रह जायेगा।

महानगर को टैक्स वसूली में तीन भागों में बांटा गया हैं, जिसमें कंकरखेड़ा, शास्त्रीनगर, नगर निगम मुख्यालय क्षेत्र, सभी क्षेत्रों में कुल मिलाकर वित्तीय वर्ष 2022-23 में 100 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 20 फरवरी 2023 तक 66 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी हैं और शेष 34 करोड़ रुपये की वसूली को टीम लगी हैं। फरवरी ओर मार्च माह में अधिक टैक्स वसूली होती है, जिसमें समय रहते नगर निगम के द्वारा 100 करोड़ रुपये के लक्ष्य को हासिल कर लिया जायेगा। -अवधेश कुमार, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, नगर निगम, मेरठ

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