नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम का श्रेय लेते हुए एक बार फिर यह दावा किया है कि अमेरिका की मध्यस्थता और व्यापारिक दबाव के कारण दोनों देशों के बीच तनाव कम हुआ। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि भारत और पाकिस्तान के बीच फिर से युद्ध होता है, तो अमेरिका कोई भी व्यापार समझौता नहीं करेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान के बीच व्यापार की संभावनाओं का उपयोग करके तनाव कम करने में सफलता पाई। उनका दावा है कि व्यापार की पहल के ज़रिए उन्होंने उन दोनों देशों को संभावित युद्ध, विशेषकर परमाणु युद्ध, से रोका। दोनों देशों के बीच युद्ध का इतिहास रहा है। हर बार वे दोनों गोलियों के बाद समझौता करने पर राजी हुए हैं। मगर हमने व्यापार के जरिये समझौता कराया। इसलिए मुझे इस पर बहुत गर्व है। कोई भी इसके बारे में बात नहीं करता। लेकिन पाकिस्तान और भारत के बीच बहुत ही खतरनाक संघर्ष चल रहा था। यह बहुत बुरा होता जा रहा था। वे दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देश हैं। अब हालात ठीक हैं।
वहीं, ट्रंप ने एयरफोर्स वन से उड़ान भरने के बाद ज्वाइंट बेस एंड्रयूज में कहा कि पाकिस्तान के प्रतिनिधि अगले सप्ताह आ रहे हैं। हम भारत के साथ भी समझौता करने के बहुत करीब हैं। अगर वे एक-दूसरे के साथ युद्ध करने जा रहे हैं तो मुझे किसी के साथ समझौता करने में कोई दिलचस्पी नहीं होगी। मैं ऐसा नहीं करूंगा और मैं उन्हें बता दूंगा।
ट्रंप का दावा भारत ने किया खारिज
लगातार जारी ट्रंप की बयानबाजी के बीच भारत ने अपनी विदेश नीति को स्पष्ट कर दिया है। खुद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बीते 22 मई को दो टूक लहजे में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के साथ सैन्य संघर्ष खत्म करने को लेकर सहमति बनाने में किसी तीसरे देश की भूमिका नहीं थी। दोनों देशों के बीच सहमति सीधी बातचीत के बाद बनी है। उन्होंने यह बात अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे पर कही कि अमेरिका ने दोनों देशों के बीच सहमति बनाने में भूमिका निभाई थी।
ट्रंप ने 10 बार किया संघर्ष विराम का दावा
भारत की तरफ से दो-टूक खंडन के बावजूद उन्होंने 10 मई से अब तक बीते 21 दिनों में करीब 10 बार ऐसे बयान दिए हैं, जिसमें ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका ने दोनों देशों का युद्ध रोका। शुक्रवार को एलन मस्क के अमेरिकी प्रशासन से अलग होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी ट्रंप ने कहा था कि हमने भारत और पाकिस्तान को लड़ने से रोका। मेरा मानना है कि यह परमाणु आपदा में बदल सकता था। मैं भारत और पाकिस्तान के नेताओं के साथ-साथ अपने लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं।
अमेरिका उनसे व्यापार नहीं करेगा
डोनाल्ड ट्रंप हम व्यापार की बात करते हैं… हम कहते हैं कि हम उन लोगों के साथ व्यापार नहीं कर सकते जो एक-दूसरे पर गोली चला रहे हों और परमाणु हथियारों का उपयोग करने की कगार पर खड़े हों। ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के किसी भी नेता का नाम लिए बिना कहा, ‘वे उन देशों के महान नेता हैं, उन्होंने परिस्थितियों को समझा और दोनों के सहमत होने के बाद यह सब बंद हो गया। हम दूसरों को लड़ने से रोक रहे हैं।’ बता दें कि इससे पहले भी ट्रंप बीते 21 मई को कह चुके हैं कि उन्होंने अपने हस्तक्षेप और व्यापारिक पहलू का जिक्र कर भारत-पाकिस्तान के संघर्ष को और गंभीर होने से रोका।
भारत-अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौते की उम्मीद
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के एलान के बाद से अमेरिका भारत के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है। सूत्र बताते हैं कि भारत और अमेरिका के बीच 25 जून तक एक अंतरिम व्यापार समझौते पर सहमति बन सकती है। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी व्यापार वार्ता को गति देने के लिए पिछले सप्ताह वाशिंगटन में थे। इस दौरान वे अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक से दो बार मिले।
10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ लागू
दोनों पक्ष प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते की पहली किस्त से पहले अंतरिम व्यापार समझौते पर विचार कर रहे हैं। भारत पर अमेरिका का 26 प्रतिशत पारस्परिक टैरिफ इस साल 9 जुलाई तक निलंबित है। इसे अमेरिका ने 2 अप्रैल को लगाया था। हालांकि, भारतीय सामानों पर अब भी अमेरिका की ओर से लगाया गया 10 प्रतिशत बेसलाइन टैरिफ लागू है।