Tuesday, July 9, 2024
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139 करोड़ के बजट को बोर्ड की हरी झंडी

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  • पिछले वर्ष से 22 अधिक का प्रस्ताव बनाकर मध्य कमान को भेजा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: छावनी परिषद की विशेष आम सभा में 139 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्तावित बजट को हरी झंडी दे दी गई। पिछले वित्तीय वर्ष से करीब 22 करोड़ रुपये अधिक का बजट है। इसमें अफसरों व कर्मियों के वेतन की मद में करीब 60 करोड़ रुपये, सड़कें बनाने को सात करोड़ रुपये, रजबन व सदर में पानी की टंकी बनाने को तीन करोड़ रुपये, वाहन खरीदने को दो करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया। उक्त बजट को मध्य कमान को भेज दिया गया। अब देखना यह है कि वहां से कितना धन स्वीकृत किया जाता है।

छावनी परिषद कार्यालय के सभागार में हुई विशेष बोर्ड बैठक में सबसे पहले अध्यक्ष ब्रिगेडियर निखिल देशपांडे ने जाकिर हुसैन को कैंट बोर्ड के ईओ के पद की शपथ दिलाई। इसके बाद आगामी वित्तीय वर्ष के लिए कैंट बोर्ड के 139,10,58,456 रुपये के प्रस्तावित बजट को चंद मिनट की चर्चा के बाद पास कर दिया गया। इस बजट में कई अहम चीजों पर करोड़ों का खर्च प्रस्तावित किया गया। कैंट की टूटी सड़कों बनाने, सफाई व्यवस्था के लिए वाहन खरीदने, कूड़ा निस्तारण के लिए, पानी की टंकियां बनावने के प्रस्ताव रखे गए।

पिछले वर्ष 117.25 करोड़ रुपये बना था। मनोनीत सदस्य सतीश चंद शर्मा ने जलभराव का मुद्दा उठाया। सफाई अधीक्षक वीके त्यागी ने बताया कि आबूनाले की सफाई पोर्क लेन मशीन से की जा रही है। तीन जेसीवी मशीन में एक खराब है। दो को कूड़ा उठाने में लगाया गया है। 12 ट्रिपर में तीन ट्रीपर खराब हैं। अध्यक्ष ने नगर निगम के साथ आबू नाले की सफाई कराने व ट्रीपरों की मरम्मत कराने का आदेश दिया। सतीश ने निराश्रित गायों को गोशाला भेजने की बात कही।

मेरी बदनामी हो रही: सतीश

बोर्ड बैठक में छावनी परिषद के मनोनीत सदस्य सतीश शर्मा ने कहा कि कैंट क्षेत्र में बोर्ड लगाए जाएं कि लोग क्या-क्या निर्माण कर सकते हैं। कुछ चीजों की छावनी परिषद से अनुमति की जरूरत नहीं होती, लेकिन कर्मचारी जाते हैं और उक्त कार्य को भी रुकवा देते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ कर्मचारी कुछ ले देकर निर्माण कार्य कराते हैं, इससे आरोप लगते हैं बोर्ड सदस्य पैसे खा रहे हैं, इससे मेरी बदनामी होती है।

छावनी परिषद के इंजीनियर पीयूष गौतम ने बताया कि कुछ लोग मरम्मत की अनुमति लेते हैं, लेकिन वे नए सिरे से भवन निर्माण शुरू कर देते हैं। ऐसे निर्माणों पर कार्रवाई की जाती है। कुछ लोग अवैध कब्जा करके भवन बनाकर कई दशकों से रह रहे हैं। वे जब मरम्मत की अनुमति मांगते हैं, तब उन्हें पता चलता है कि वह अवैध निर्माण करके रह रहे हैं, लेकिन वे दशकों से रहने की बात कहाकर अनुमति मांगते हैं, ऐसे लोगों अनुमति नहीं दी जाती। अध्यक्ष ने कहा कि इस संबंध में लोगों को जागरूक किया जाए।

क्यूआर कोड से भुगतान करने पर एक रुपया वसूलेगा कैंट बोर्ड

छावनी परिषद की बोर्ड बैठक में सचिव सीईओ जाकिर हुसैन द्वारा प्रस्ताव रखा गया कि क्यूआर कोड के माध्यम से लोग जो भुगतान करते हैं, उनसे जीएसटी के रूप में एक रुपया प्रति ट्रांजिक्शन वसूला जाए। इसे बोर्ड ने पास कर दिया।

इन मदों में होगा खर्च

  • कैंट की सड़कें बनवाने को सात करोड़ रुपये
  • रजबन व सदर में पानी की टंकी बनाने को तीन करोड़ रुपये
  • कूड़ा निस्तारण को दो करोड़ रुपये
  • वाहन खरीदने को दो करोड़ रुपये
  • सीवर लाइन को एक करोड़ रुपये
  • ट्रंचिंग ग्राउंड को 1.50 करोड़ रुपये
  • हाईमास्ट व स्ट्रीट लाइटों को 1.30 करोड़ रुपये
  • कैंट हास्पिटल में नए ओटी व ओपीडी भवन निर्माण को 1.25 करोड़ रुपये
  • हैंडपंपों को 40 लाख रुपये
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