- जिन लोगों में लकवा जैसी शिकायतें और शरीर के अंगों में कंपन रहता है, उन्हें होगा फायदा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: ऐसे मरीज जिनका शरीर स्थिर नहीं रहता, मांस पेशियों व अन्य अंगों में कंपन रहता है। उनके लिए वरदान बोटॉक्स थेरेपी की सुविधा अब मेडिकल में शुरू हो गई है। निजी अस्पतालों में इस थेरेपी की कीमत 50 हजार से शुरू होकर पांच लाख तक होती है। जबकि मेडिकल में यह आधी कीमत पर उपलब्ध है। एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी विभाग में पहली बार दो मरीजों की बोटॉक्स थेरेपी की गई। इनमें एक गंगानगर की रहने वाली युवती भावना उम्र 20 वर्ष है।
जिसका हाथ सीधा नहीं होता था, लेकिन बोटॉक्स थेरेपी के बाद उसे आराम हो रहा है। जबकि दूसरी महिला बुलंदशहर की रहने वाली सरोज 58 वर्ष है। जिसकी आंख अपने आप बंद हो जाती थी और मुंह पर खिंचाव रहता था। इनकी भी बोटॉक्स थेरेपी की गई है। यह थेरेपी दिमाग की कई बीमारियों जैसे लकवे के बाद हाथ-पैरों में होने वाली अकड़न, गर्दन में होने वाली अकड़न, चेहरे की मांसपेशियों का फड़कना, हाथों, पैरों में कंपन, लंबे समय से माइग्रेन, हाथो में ज्यादा पसीना आना समेत सभी प्रकार के मूवमेंट डिसआॅर्डर जो दवाओं से ठीक नहीं हो पा रहे हो उनमें काफी उपयोगी है।
मेडिकल के न्यूरो सर्जरी विभाग की एचओडी डा. दीपिका सागर ने बताया बोटॉक्स थेरेपी सेरेब्रल पैलसी के मरीज जो चलने फिरने में अकड़न की वजह से असमर्थ होते हैं, उनके लिए भी कारगर है। इस थेरेपी पर निजी अस्पतालों में 50 हजार से पांच लाख रुपये खर्च होता है। जबकि मेडिकल में यह आधी कीमत पर उपलब्ध है। इस उपलब्धि पर प्रधानाचार्य डा. आरसी गुप्ता ने न्यूरोलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष डा. दीपिका सागर को बधाई दी।