- बस ही नहीं, बल्कि आटो रिक्शा भी सड़क पर पार्क नहीं होंगे
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: रैपिड रेल स्टेशन की पार्किंग में बस स्टॉप भी बनेंगे। सवारियों को लेने के लिए रोडवेज व सिटी बसें सड़क पर पार्क नहीं की जाएगी। बसों को पार्किंग में ही पार्क किया जाएगा।
इसकी प्लानिंग एनसीआरटीसी ने की है। बस ही नहीं, बल्कि आटो रिक्शा भी सड़क पर पार्किंग नहीं करेंगे। उनकी भी अलग से पार्किंग की जाएगी। यह एनसीआरटीसी के बनाए गए ड्राइंग में भी दशार्या गया है।
एनसीईआरटीसी के अधिकृत सूत्रों का कहना है कि शहर में बारह रेलवे स्टेशन बनाए जा रहे हैं, उन सभी में पार्किंग होगी, जिसके अंदर ही बस स्टॉप भी बनाए जाएंगे।
सिटी व रोडवेज बसें पार्किंग के अंदर जाएंगी और वहीं से ही यात्रियों को लेकर निर्धारित स्थान के लिए रवाना होंगी। यह सिस्टम बनाया जा रहा है, जिसमें बस स्टॉप के अलावा अलग से पार्किंग में आटो रिक्शा के लिए भी पार्किंग की जाएगी। बस व आटों की दोनों अलग-अलग पार्किंग की व्यवस्था होगी।
इसके अलावा आम नागरिकों की कार व बाइक की अलग से पार्किंग बनेगी। दरअसल, दिल्ली व अन्य स्थानों पर मेट्रो के स्टेशन के बाहर से ही बसें यात्रियों को लेकर जाती है। सड़क पर ही बसों को पार्क कर दिया जाता है, ऐसा करने से सड़क पर जाम लग जाता है।
इस तरह की पुनरावृत्ति मेरठ में नहीं हो, इसको देखते हुए ही एनसीआरटीसी ने यह प्लानिंग की है। बसों को पार्किंग में ही यात्रियों को लेने व छोड़ने के लिए जाना होगा। ऐसा करने से रैपिड रेल स्टेशन के बाहर किसी तरह का जाम भी नहीं लगेगा। इसके लिए पूरी प्लानिंग के साथ एनसीआरटीसी काम कर रही है।
पार्किंग के लिए प्राइवेट लोगों से ली जाएगी जमीन
पार्किंग के लिए जमीन पर्याप्त मात्रा में नहीं है। इसके लिए प्रशासन को एनसीआरटीसी ने एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि चिन्हित की गई जमीन प्राइवेट लोगों की है, जिसका बातचीत कर अधिग्रहण किया जाना है। इसके लिए एनसीआरटीसी ने मुआवजे के लिए धनराशि प्रशासन के खातें में भी भेज दी है।
बताया जा रहा है कि प्राइवेट व्यक्ति की जमीन लेने के लिए एनसीआरटीसी के अधिकारी बातचीत भी कररहे हैं। क्योंकि रैपिड रेल का जिस स्थान पर स्टेशन होगा,उससे सटकर ही पार्किंग की जमीन ली जाएगी, ताकि यात्रियों को बस व आटो तक पहुंचने में ज्यादा दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी।
इसके लिए अब प्रशासन प्राइवेट लोगों की जमीन लेने के लिए वार्ता करेगा। इसमें एक अधिकारी एनसीआरटीसी का भी शामिल रहेगा। इसके बाद ही अधिग्रहण की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी। दरअसल, जिन स्थानों पर रैपिड रेल का स्टेशन बनेगा, उनमें कई स्थान ऐसे हैं, जहां पर प्राइवेट जमीन पचास हजार रुपये गज है, मगर प्रशासनिक स्तर पर इतना मुआवजा नहीं मिल पाएगा।
यही वजह है कि जमीन अधिग्रहण करने में प्रशासन को दिक्कत हो सकती है। क्योंकि प्राइवेट व्यक्ति सर्किल रेट से दो गुना कोई भी देने को तैयार नहीं है। कुछ स्थान ऐसे है,जहां पर डीएम का सर्किल रेट अच्छा है, जिसके चलते वहां पर लोग जमीन देने के लिए तैयार है।