Thursday, September 12, 2024
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पांच वार्ड में ठेके पर सफाई कराएगा कैंट बोर्ड

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  • लेगेसी वेस्ट प्लांट और कूड़ा निस्तारण प्लांट का प्रस्ताव बनाने के आदेश
  • छावनी परिषद की विशेष बोर्ड बैठक में हुए कई अहम फैसले

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: छावनी परिषद की स्पेशल बोर्ड बैठक में कैंट क्षेत्र के तीन वार्डांे में छावनी परिषद के सफाई कर्मियों से सफाई कराने व पांच वार्डांे में ठेके पर सफाई कराने का निर्णय लिया गया। ट्रेचिंग ग्राउंड पर लेगेसी वेस्ट प्लांट व कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने के लिए प्रस्ताव बनाने के आदेश छावनी के सहायक अभियंता को दिए गए। छावनी परिषद के अध्यक्ष ब्रिगेडियर निखिल देशपांडे की अध्यक्षता हुई बैठक में छावनी परिषद के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की संविदा पर पुननियुक्ति पर चर्चा हुई।

सचिव व सीईओ जाकिर हुसैन ने बताया कि पांच सेवानिवृत्त कर्मचारियों से कार्य लिया जा रहा और दो की और आवश्यकता है। अध्यक्ष ने कहा कि पहले गाइडलाइन दिखाई जाए उसका अध्ययन करने के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। इसलिए इसे फिलहाल टाल दिया। बैठक में सफाई व्यवस्था लचर होने को लेकर चिंता जताई गई। मनोनीत सदस्य सतीश चंद शर्मा ने कहा कि सफाई व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो रहा। अध्यक्ष ने सफाई कर्मियों के बारे में जानकारी ली। चर्चा हुई कि एक से लेकर तीन वार्ड तक बोर्ड के लगभग 120 सफाई कर्मियों से कार्य कराया जाए।

शेष पांच वार्डांे में ठेके पर सफाई कराई जाए। उनकी जवाबदेही होगी। बैठक में कूड़े के निस्तारण का मुद्दा उठाया गया। कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने पर विचार हुआ। सहायक अभियंता पियूष गौतम ने कहा कि अब्दुल्लापुर में कैंट बोर्ड के ट्रेचिंग ग्राउंड में कई वर्ष के कूड़े का अंबार लगा है। इसके लिए लेगेसी प्लांट लगाया जाए और कूड़ा निस्तारण प्लांट भी लगाया जाए। अध्यक्ष ने उन्हें प्रस्ताव बनाने के आदेश दिए।

पहले टैक्स जमा करो, फिर होगी सुनवाई

मनोनीत सदस्य ने रंगसाज मोहल्ले में एक भवन पर टैक्स एसेसमेंट तीन लाख से बढ़ाकर 16 लाख रुपये करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने पूछा कौन सा मॉल है, जो इतना एसेसमेंट किया जा रहा है। अध्यक्ष ने इस मामले में उचित कार्रवाई करने को कहा। राजस्व अनुभाग के कर्मचारी ने बताया कि उक्त भवन स्वामी जब भी नोटिस भेजा जाता है तो हर बार बिल कम करा लेते हैं, लेकिन राशि जमा नहीं करते। अध्यक्ष ने कहा कि पहले टैक्स जमा करो, फिर होगी सुनवाई। यह स्पष्ट लोगों को बता दिया जाए। बैठक में कार्यालय अधीक्षक जय पाल तोमर, राजस्व अधिीक्षक राजेश जॉन, कर अधीक्षक प्रमोद कुमार, एकाउंटेंट हितेश कुमार मौजूद रहे।

सीबीआई जांच में दोषी पाए गए कैंट बोर्ड के कर्मियों पर होगी कार्रवाई

छावनी परिषद की स्पेशल बोर्ड बैठक में सीबीआई की जांच का मुद्दा छाया रहा। बैठक में सीबीआई जांच में दोषी पाए गए कैंट बोर्ड के दो कर्मचारियों पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। सीबीआई ने म्यूटेशन व अवैध निर्माण में कार्रवाई को क्लीन चिट दी। बैठक में डोर टू डोर कूड़ा उठाने वाली कं. का भुगतान करने का निर्णय लिया गया।

दरअसल, एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने कई वर्ष पूर्व कैंट बोर्ड के कई मामलों से संबंधित अनियमितता की शिकायत की थी। सीबीआई के साथ-साथ विभागीय जांच भी की गई। इनमें कैंट बोर्ड के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पुन: संविदा पर रखने ठेके पर सफाई कराने व कई अन्य मामलों की जांच की गईं। आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा म्यूटेशन व अवैध निर्माण के कई ममालों की भी शिकायत सीबीआई से की थी।

बुधवार को बोर्ड बैठक में सीबीआई की जांच रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी गई। सीईओ ने बताया कि जांच में निष्कर्ष निकला कि म्यूटेशन के नौ में से आठ केस सही पाए गए। एक केस को पहले ही कैंट बोर्ड द्वारा रद्द कर दिया गया। इस मामले में कैंट बोर्ड को क्लीन चिट मिल गई। दूसरा मामला अवैध निर्माण का था। सीबीआई ने अवैध निर्माण पर कैंट बोर्ड द्वारा कर गई कार्रवाई को सही माना। इसमें भी कैंट बोर्ड को क्लीन चिट मिल गई। बंगला नंबर-22बी को सील लगी होने पर भी फूड लाइसेंस दिए जाने की जांच करने पर सीबीआई इस मामले में कैंट बोर्ड द्वारा की गई कार्रवाई से संतुष्ट हो गई।

बैठक में सीईओ ने बताया कि वर्ष 2019 में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए आगरा की फर्म अग्रवाल एंड कपनी ने 18.57 लाख रुपये प्रति माह पर दर पर टेंडर डाला था। तत्कालीन सीईओ पर चव्हाण ने इसे बोर्ड बैठक में रखा। रेट अधिक होने की बात कही गई। तो उक्त फर्म ने ठेके के पिछले रेट पर 15.60 लाख रुपये में कार्य करने पर सहमति जताई और कार्य शुरू कर दिया। इसके बाद सीईओ का तबादला हो गया और नावेन्द्र नाथ सीईओ बने। उन्होंने जनवरी 2021 में बोर्ड बैठक में पुन: प्रस्ताव लाकर ठेके की रकम 18.57 लाख रुपये करने की बात कही।

इसपर बोर्ड ने सहमति दे दी, पर उपाध्यक्ष ने इसका विरोध किया था। जुलाई 2021 में बोर्ड भंग हो गया। इस बीच पत्रावलियों में उलटफेर हो गया। तत्कालीन ज्योति कुमार ने उक्त फर्म को 2022 में 15.60 लाख रुपये से ही भुगतान किया। इस मामले की विभागीय जांच के साथ-साथ सीबीआई जांच भी हुई। सीबीआई ने विभिन्न मामलों में जांच के लिए करीब 15 हजार पन्नों कैंट बोर्ड से मांगे थे। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के मामले में सीबीआई ने सफाई सुपरवाइजर वीके त्यागी व सफाई निरीक्षक अभिषेक गंगवार को पत्रावलियों में छेड़छाड़ के लिए दोषी मानते हुए कार्रवाई करने की अनुशंसा की है। अब बोर्ड इनपर कार्रवाई करेगा।

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