- कार्ड धारकों का आरोप उन्हें नहीं मिला एक माह के कोटे का चना
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: राशन कार्ड धारकों को सितंबर माह में दो बार चना वितरण का इंतजार है। उनका कहना है कि मुफ्त वितरण में सरकार की ओर से भेजा गया चना पिछले माह नहीं बांटा गया। उनसे वादा किया गया था कि अगली बार दो बार वितरण कराया जाएगा।
वहीं, दूसरी ओर कुछ कार्ड धारकों का आरोप है कि कोरोना काल में गरीब लोगों को मदद पहुंचाने की गरज से प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने माह नवंबर तक चना व चावल मुफ्त बांटे जाने के आदेश दिए थे।
इस मद में सरकार की ओर से मेरठ के हिस्से में पर्याप्त कोटा दिया गया था। आपूर्ति विभाग के आला अधिकारियों की ओर से चना व चावल मुफ्त बांटे जाने का दावा भी किया गया था, लेकिन यदि कार्ड धारकों की मानें उनमें से ज्यादातर को तो मुफ्त का चना व चावल तो मिला नहीं।
यदि आरोप सही हैं तो सवाल उठता है कि फिर मुफ्त में बांटा जाने वाला चना व चावल कहां चला गया। क्या एक बार फिर गरीबों के हिस्से का निवाला आपूर्ति विभाग के अफसरों व राशन डीलरों ने मिलकर डकार लिया है। उसे बाजार में ठिकाने लगा दिया गया है। ये ऐसे सवाल हैं जो मुंह बाए खड़े हैं।
घटिया क्वालिटी का चावल !
चावल न मिलने के आरोप ही नहीं लगाए जा रहे हैं, बल्कि बड़ी संख्या में ऐसे भी कार्ड धारक हैं। जिनका आरोप है कि जो चावल सरकार की ओर से वितरण के लिए भेजा गया था वो चावल बाजार में बिकवा दिया गया और कार्ड धारकों को घटिया किस्म का चावल जिसका डोसे का आटा बनता है वो बांटने के लिए राशन की दुकानों पर भेजा गया। यदि इसकी जांच की जाए तो कई बड़ी गर्दन फंस सकती हैं।
कहां गया वितरण का चना ?
कोरोना संक्रमण काल के दौरान मुफ्त बांटने के लिए योगी सरकार की ओर से आपूर्ति विभाग को चने की भी खेप भेजी गयी थी।
कुछ कार्ड धारकों की मानें तो उन्हें तो चना मिला ही नहीं तो फिर चना गया कहां। क्या चना बाजार में बेच दिया गया। ऐसे कार्ड धारक बड़ी संख्या में हैं।
जिनके आरोप है कि उन्हें चना नहीं दिया गया। कुछ का तो यहां तक कहना है कि दिया जाना तो दूर की बात उन्होंने तो अपनी राशन की दुकान पर चना देखा तक नहीं। यानि गोदाम से बजाए राशन की दुकानों पर भेजे जाने के बाद चने की खेप बाजार में बेच दी गयी।
ये कहना है जिला पूर्ति अधिकारी का

इस संबंध में जिला पूर्ति अधिकारी नीरज सिंह का कहना है कि एक माह का चना का कोटा शासन से आने में देरी की वजह से नहीं बांटा जा सका है। इस बार चना दो बार बंटवाया जाएगा। बाजार में चना बेचने की बात को उन्होंने एक सिरे से खारिज कर दिया। साथ ही स्पष्ट किया जो चावल आया है। वहीं, बंटवाया गया है।
उपभोक्ताओं ने बेचा डाला चावल
बकौल डीएसओ कई उपभोक्ताओं ने ही अपना चावल बाजार में बेचने की कारगुजारी दिखाई है। जो चावल सरकार की ओर से दिया गया ऐसे उपभोक्ता बड़ी संख्या में हैं। जिन्होंने अपना चावल बाजार में बेच दिया। नीरज सिंह का कहना है कि उन्होंने स्वयं ऐसा चावल कई स्थानों पर पकड़ा भी है। सरकारी चावल खरीदने वालों के खिलाफ एफआईआर भी करायी हैं।