- सीसीएसयू की महिला प्रकोष्ठ की जांच पर नहीं एतबार, दो छात्राओं ने दिया शपथ पत्र
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सीसीएसयू के इंग्लिश विभाग में छात्राओं के कथित शोषण का मामला एक बार फिर राजभवन पहुंच गया है। पीड़ित दो छात्राओं ने कुलपति की जांच कमेटी पर गंभीर सवाल उठाते हुए दोबारा शपथ पत्र दिए हैं। शपथ पत्र में कहा गया है कि उन्हें सीसीएसयू के महिला प्रकोष्ठ की जांच पर एतबार नहीं है। जिसके बाद एक बार फिर सीसीएसयू के तमाम एचओडी के बीच यह मामला गरमा गया है। यह पूरा मामला सीसीएसयू के पूर्व इंग्लिश विभागाध्यक्ष विकास शर्मा से जुड़ा है। इंग्लिश विभाग की कुछ छात्राओं ने अश्लील बातें करने, अंक कम करने, तमाम प्रकार के लालच व धमकिया दिलाने के आरोप लगाए थे।
उक्त आरोपों के चलते कुलपति ने एक महिला सैल की आराधना गुप्ता की अध्यक्षता में जांच कमेटी बना दी थी। जांच कमेटी ने विकास शर्मा को क्लीनचिट दे दी थी, लेकिन बाद में दो छात्राओं ने बाकायदा शपथ पत्र देकर जांच कमेटी की जांच पर गंभीर सवाल उठाते हुए राजभवन के स्तर से कमेटी बनाकर जांच कराए जाने की गुहार लगायी। उधर, इस मामले को लेकर आरटीआई एक्टिविस्ट व सुप्रीमकोर्ट के अधिवक्ता डा. संदीप पहल ने एक पत्र सूबे की राज्यपाल को भेज कर मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच कमेटी राजभवन से बनाकर सीसीएसयू भेजकर आरोपों की जांच कराए जाने का आग्रह किया है।
बकौल संदीप पहले पीड़ित छात्राओं की माने तो राजभवन की जांच कमेटी के सीसीएसयू में आने के बाद कथित उत्पीडन कांड से जुड़ी अन्य छात्राएं भी फिर हिम्मत जुटाएंगी। इस मामले में सबसे गंभीर आरोप यह है कि जो उपन्यास विकास शर्मा द्वारा लिखे गए हैं। उन पर पीएचडी करने के लिए छात्राओं पर दबाव बनाने के आरोप हैं। जिन उपन्यासों की बात की जा रही है। उनकी भाषा शैली को लेकर भी तमाम आपत्तियां जतायी जा रही हैं। दरअसल, विकास शर्मा के खिलाफ जो पहले जांच हुई थी। उसमें उन्हें बेदाग बताया गया था।
निजी कारणों और परीक्षा में अंक है वजह
जो आरोप लगाए गए हैं, वो निराधार हैं। इन आरोपों के पीछे निहित स्वार्थ व पारिवारिक कारणों के अलावा परीक्षा में अधिक अंकों के हासिल करने की भी मंशा आरोप लगाने वालों की रही है। -विकास शर्मा, एचओडी इंग्लिश विभाग सीसीएसयू
जांच में पाया निर्दोष
सीसीएसयू की महिला प्रकोष्ठ ने विकास शर्मा पर लगाए गए छात्राओं के आरोपों की जांच की। जांच के दौरान शपथ पत्र देकर छात्राओं ने आरोप वापस ले लिए हैं। जांच में आरोप निराधार पाए गए। -आराधना गुप्ता, प्रभारी महिला प्रकोष्ठ सीसीएसयू
शर्मसार करने वाले आरोप
छात्राओं के द्वारा लगाए गए आरोप बेहद गंभीर हैं। कुलपति की जांच कमेटी की जांच खुद जांच के घेरे में हैं। मामले की शिकायत राजभवन से की गयी है। यदि जांच ठीक की होती तो दो छात्राएं शपथ पत्र ना देती। -संदीप पहल, एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट