Friday, June 20, 2025
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पटाखों से होने वाले प्रदूषण से बचें

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पटाखों के कारण होने वाला प्रदूषण, दिवाली के बाद हर राज्यों में नजर आता है। इन सब में दिल्ली जैसे राज्यों की स्थिति तो इतनी बुरी होती है कि यहां लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। दरअसल,साइंटिफिक भाषा में इसे प्रदूषित कोहरे को स्मॉग कहा जाता है। ये कोहरे, धूल और कई अन्य प्रदूषकों का एक हानिकारक मिश्रण है, जो कि सांस नलियों से जा कर शरीर के अलग-अलग अंगों को नुकसान पहुंचाता है। इससे कई लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है और कुछ लोगों को ये गंभीर रूप से बीमार करता है।

अस्थमा या पुरानी सांस की बीमारियां जैसी ब्रोंकाइटिस और निमोनिया से पीड़ित लोगों को स्मॉग से होने वाले स्वास्थ्य समस्याओं का ज्यादा खतरा रहता है। वे दूसरों की तुलना में बहुत जल्द वायु प्रदूषण के नुकसानों का शिकार हो सकते हैं। इन लोगों ने स्मॉग के लगातार संपर्क में रहने से फेफड़े की दूसरी बीमारियों, हृदय रोग और स्ट्रोक बढ़ सकता है। इ स तरह की सांस की समस्या से जूझ रहे मरीजों को स्मॉग का स्तर ज्यादा होने पर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इससे इन रोगियों में इन बीमारियों के अटैक की संख्या बढ़ सकती है।

छोटे बच्चों के लिए स्मॉग जहर की तरह है। दरअसल, इस प्रदूषण और स्मॉग से बच्चों में अस्थमा विकसित होने का खतरा अधिक होता है क्योंकि उनके फेफड़े अविकसित होते हैं।बच्चे बहुत समय बाहर खेलने में बिताते हैं और यही कारण है कि उन्हें स्मॉग से प्रभावित होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसके अलावा उन्हें निमोनिया और सांस के गंभीर रोग जैसे क्रॉनिक आॅब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज की समस्या भी हो सकती है।

बुजुर्ग या कहें कि वरिष्ठ नागरिकों की इम्यूनिटी कमजोर होती है। इस स्थिति के कारण, बुजुर्ग लोगों को वायु प्रदूषण से प्रभावित होने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। इससे दिल का दौरा, अस्थमा अटैक और कई सारी समस्याएं हो सकती हैं। स्मॉग से नाक और गले में भी जलन होती है। जब स्मॉग अंदर जाता है, तो यह नाक के मार्ग और गले की सुरक्षात्मक झिल्लियों को सुखा देता है। इससे शरीर के लिए संक्रमण से लड़ना बेहद मुश्किल हो जाता है। इससे फेफड़ों में सूजन आ जाती है सांस लेने में तकलीफ, घरघराहट, खांसी और सांस लेते समय दर्द भी होता है।

जो कोई भी बाहर काम करता है, वह वायु प्रदूषण के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो सकते हैं और आसानी से बीमार पड़ सकते हैं । नियमित एक्सपोजर उनके स्वास्थ्य को खराब कर सकता है जिससे कई श्वसन रोग हो सकते हैं। जैसे क्रॉनिक आॅब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिसीज की समस्या। साथ ही उन्हें फेफड़ों का इंफेक्शन हो सकता है। आंखों की समस्या हो सकती है। दरअसल, हवा में मौजूद प्रदूषकों के कारण जलन और आंखों के लाल होने जैसी सामान्य समस्याएं होती हैं। इसके अलावा, स्मॉग के कारण आपको ड्राई आंखों की समस्या हो सकती है। साथ ही कुछ लोगों को इसके कारण वोकल कॉर्ड में सूजन या लेरिन्जाइटिस की समस्या भी हो सकती है।


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