Wednesday, July 3, 2024
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कैंट बोर्ड फिर पहुंची सीबीआई, मचा हड़कंप

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  • सीईओ, सेक्शन हेड व ओएस से पूछताछ
  • सेनेट्री सेक्शन के फरार चल रहे इंस्पेक्टर अभिषेक गंगवार की सुरागकशी
  • पूर्व में मारे गए छापे में गिरफ्तार कर ले गए थे सीबीआई अफसर योगेश यादव को
  • कैंटोनमेंट हॉस्पिटल दवा घोटाला, भर्ती घोटालों में दो बार अवैध वसूली

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: केंद्रीय जांच ब्यूरो एजेंसी एक बुधवार को एक बार फिर अचानक कैंट बोर्ड कार्यालय पहुंच गयी। सीबीआई अफसरों को देखकर कैंट बोर्ड के पहले से दूसरे मामलों में सीबीआई की जांच में फंसे अफसरों की सीटी पिट्टी गुम हो गयी। सूत्रों ने जानकारी दी कि हालांकि आज पहुंची सीबीआई की टीम पहले से चल रहे व पुराने किसी मामले खासतौर से अवैध निर्माणों समेत दूसरे कई संगीन मामलों की पड़ताल को नहीं आयी थी, बल्कि आज का सीबीआई अफसरों का दौरा कैंट बोर्ड के सेनेट्री सेक्शन के फरार चल रहे इंस्पेक्टर अभिषेक गंगवार के मामले को लेकर बताया जा रहा है।

सीबीआई की प्राइवेट कार से दोपहर को कैंट बोर्ड में दाखिल हुई। अफसरों की गाड़ी परिसर में दाखिल होने की खबर जब तक कैंट बोर्ड के अफसरों तक पहुंचती और उनमें से कुछ सीट छोड़कर गायब होते, तब तक सीबीआई अफसर अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुके थे। सीईओ ज्योती कुमार से औपचारिक मुलाकात के बाद सीबीआई के सभी अफसर सीधे बोर्ड के मीटिंग हाल में बैठ गए। उसके बाद शुरू हुई सवालों की झड़ी और पूछताछ की घंटों प्रक्रिया चली।

सीईओ, सेक्शन हेड और ओएस तलब

बोर्ड मीटिंग हाल में बैठे सीबीआई के अफसरों ने पूछताछ की पारी की शुरुआत किससे की इसको लेकर बताने वालों के अलग-अलग दावे हैं, लेकिन इतना जरूर पता चला है कि सीबीआई के अफसरों ने सीईओ कैंट, सेनेट्री सेक्शन हेड व बोर्ड के कार्यालय अधीक्षक से लंबी पूछताछ की है। बोर्ड मीटिंग हाल में दोपहर से शुरू हुआ पूछताछ का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा, लेकिन क्या पूछताछ की गयी इसके बारे में कोई भी कुछ बोलने को तैयार नहीं। जिनसे पूछताछ की गयी है बतायी जा रही है उन तीनों के मोबाइल फोन आउट आॅफ रेंज जा रहे हैं। इसलिए पूछताछ को लेकर अधिकृत रूप से कुछ भी जानकारी नहीं मिल सकी।

भ्रष्टाचार से जुड़ा है मामला

कयास लगाए जा रहे हैं कि बुधवार को सीबीआई के अफसरों का कैंट बोर्ड में पहुंचना और घंटों पूछताछ करने के पीछे निर्माण के मामले में धन उगाही के प्रकरण के चलते फरार चल रहे सेनेट्री सेक्शन हेड अभिषेक गंगवार समेत पूरे सेनेट्री सेक्शन की कारगुजारियों से जुड़ा है। यदि सेनेट्री सेक्शन किसी प्रकार का कुछ गलत करता है तो ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी सीईओ कैंट को न हो, क्योंकि किसी भी फाइल पर फाइनल निर्णय सीईओ कैंट का ही होता है।

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कैंट बोर्ड के सेनेट्री सेक्शन के भ्रष्टाचार की यदि बात की जाए तो इंजीनियरिंग सेक्शन से मिलकर होटल 22 बी को ट्रेड लाइसेंस देने तक इसके अफसरों के कारनामों की एक लंबी फेहरिस्त है। कुछ समय पहले यहां अवैध निर्माणों तथा अन्य घोटालों की जांच को पहुंचे मध्य कमान लखनऊ से कैंट बोर्ड आए डायरेक्टर डीएन यादव ने कैंट बोर्ड के इंजीनियरिंग व सेनेट्री सेक्शन की ऐसी ही कई कारगुजारियों की कलई खोल कर रख दी थी।

अब तक इन मामलों में सीबीआई मार चुकी है छापे

कैंट बोर्ड के घपले व घोटालों की यदि बात करें तो सीबीआई की कार्रवाई की लंबी सूची है। इनमें सबसे प्रमुख जो घोटाला रहा है वो था कैंट बोर्ड द्वारा संचालित कैंटोनमेंट हॉस्पिटल का दवा घोटाला। जिसमें कुछ को जेल जाना पड़ा और कुछ कोर्ट से राहत हासिल करने में सफल रहे। कैंटोनमेंट के दवा घोटाले करने वालों में मलाई किसने खाई और कौन खाली हाथ रह गया इसका फैसला तो सीबीआई की अदालत में होगा, लेकिन दवा घोटाले का सबसे बड़ा नुकसान उन गरीबों को पहुंचा है,

जिनके लिए बीमारी में इलाज कराने का कैंटोनमेंट हॉस्पिटल एक बड़ा सहारा था। दवा घोटाला सामने आने के साथ ही कैंटोनमेंट हॉस्पिटल के बुरे दिनों की शुरुआत भी हो गयी। कैंट बोर्ड प्रशासन भी इसको लेकर कंजूसी बरतनी शुरू कर दी। यूं कहने को कैंटोनमेंट हास्पिटल की भारी भरकम बिल्डिंग तो नजर आती है, लेकिन इसमें माकूल इलाज मरीजों को मिल सकेगा इसकी अब कोई उम्मीद नहीं रही।

कैंटोनमेंट हॉस्पिटल के दवा घोटाले के अलावा जो दूसरे दो बडेÞ घोटाले हुए हैं वो हैं भर्ती के नाम पर किएगए घोटाले। भर्ती के नाम पर जो पहला घोटाला हुआ था उसमें सेनेट्री सेक्शन के योगेश यादव को सीबीआई ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। भर्ती के नाम पर दूसरा सफाई कर्मचारियों के साथ किया गया। इनमें बड़ी संख्या में उनकी थी जिन्होंने कच्ची नौकरी के लिए ब्याज पर पैसे लेकर कथित भर्ती घोटाले में शामिल बोर्ड के कर्मचारियों को दिया था। इस मामले में भी सीबीआई ने कैंट बोर्ड में छापा मारकर सुंदर नाम के कर्मचारी को गिरफ्तार किया था।

सीबीआई ने तीसरी कार्रवाई कुछ दिन पहले सेनेट्री सेक्शन के भ्रष्टाचार को लेकर की थी, जिसमें आरोप था कि एक शख्स से काम करने के एवज में धन उगाही की गयी थी। लालकुर्ती निवासी इसी शख्स की शिकायत का संज्ञान लेते हुए सीबीआई ने छापा मारा और सेनेट्री सेक्शन के इंस्पेक्टर योगेश यादव को गिरफ्तार जेल भेजा। हालांकि मौके से अभिषेक गंगवार फरार हो गया।

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