Tuesday, April 22, 2025
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National Farmers Day: मेरठ के नूरपूर जिले में जन्में थे किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह,पढ़ें पूर्व पीएम के संघर्ष के बारें में कुछ विशेष बातें..

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉट कॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनन्दन है। आज 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जा रहा है। वहीं, किसानों के कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले व्यक्ति यानि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती रूप में भी मनाया जाता है। यह दिवस किसान बड़ें उत्साह के साथ मनाते हैं। दरअसल,इस उत्सव के पीछे मुख्य उद्देश्य किसानों के समाजिक ​आर्थिक विकास में योगदान को मान्यता देना और उनके कल्याण के​ लिए जागरूकता फैलान है। वहीं, इस बार किसान दिवस का विषय स्थायी कृषि के लिए किसानों को सशक्त बनाना रखा गया है। तो चलिए जानते हैं पूर्व पीएम के जीवन के बारें में कुछ विशेष बातें…

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मेरठ जिले के नूरपुर में हुआ था चौधरी चरण सिंह का जन्म

भारत रत्न चौधरी चरण सिंह का जन्म 1902 में उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर गांव में हुआ था। किसान परिवार में जन्मे चरण सिंह ने भारत की आजादी की लड़ाई में भाग लिया और इसके बाद भी वह लगातार किसानों के मुद्दों के लिए सक्रिय रहे।

उनके कार्यों और नीतियों ने उन्हें किसानों के मसीहा के रूप में स्थापित किया। पहली बार चरण सिंह 1967 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। इससे पहले उन्होंने मंत्री रहते हुए कई विभागों को संभाला था। चरण सिंह एक बार फिर 1970 में यूपी के मुख्यमंत्री बने थे।

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किसान दिवस का इतिहास?

देश के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है। चौधरी चरण सिंह ने 1979 से 1980 तक भारत के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। उनका कार्यकाल भले ही छोटा था, लेकिन उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं बनाईं। उनकी नीतियां कृषि क्षेत्र में स्थिरता लाने और किसानों की समस्याओं को दूर करने में सहायक रहीं। साल 2001 में भारत सरकार ने पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह के सम्मान में 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस घोषित किया था।

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किसानों की रक्षा के​ लिए संघर्ष किया

चौधरी चरण सिंह ने हमेशा किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष किया। 1978 में उन्होंने किसान ट्रस्ट की स्थापना की, जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण समाज को न्याय के महत्व के बारे में जागरूक करना और उन्हें एकजुट करना था। उनके द्वारा शुरू किए गए योजनाओं और कार्यक्रमों ने न केवल किसानों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार किया, बल्कि भारतीय कृषि क्षेत्र में स्थिरता और प्रगति का भी मार्ग प्रशस्त किया।

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इस दिन का क्या है महत्व?

राष्ट्रीय किसान दिवस का मकसद भारतीय किसानों के योगदान को मान्यता देना और उनके जीवन में सुधार के लिए प्रयास करना है। इस दिन देशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें किसानों को नई तकनीकों और योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है।

यह दिन किसानों को अपनी चुनौतियों और लक्ष्यों पर चर्चा करने का अवसर देता है। साथ ही, यह किसानों के संघर्षों को समझने और उनके समाधान खोजने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के उपयोग से किसानों को उनकी उत्पादकता बढ़ाने में सहायता प्रदान करना भी इस दिन का एक प्रमुख उद्देश्य है।

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