Sunday, April 13, 2025
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नहाए खाय के साथ शुरू हुआ छठ महापर्व अनुष्ठान, कल होगा खरना, पवित्र नदियों के जल से बनेगा महाप्रसाद

नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को नहाय खाय के साथ महापर्व छठ पूजा की शुरुआत हो गई। आज मंगलवार यानि 5 नवंबर को साल 2024 के छठ महापर्व की शुरुआत हो चुकी है। छठ के पहले दिन नहाय खाय की परंपरा होती है। इस दिन व्रती सुबह नहाकर सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं। नहाय खाय के साथ शुरू होकर यह पर्व उषा अर्घ्य के साथ समाप्त होता है।

छठ पूजा के इन चार दिनों तक व्रत से जुड़े कई नियमों का पालन किया जाता है। इस दिन महिलाएं गंगा जल से ही भात-चने की दाल और लौकी का प्रसाद बनाती हैं। गंगा घाटों पर प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं, तो वहीं गंगा नदी के किनारे सुरक्षा जवानों को तैनात किया गया है।

नदियों का पवित्र जल से बनेगा खरना का महाप्रसाद

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कुल मिलाकर देखें तो नहाए खाए के साथ ही छठ महापर्व का अनुष्ठान आज से शुरू हो गया है। बड़ी संख्या में गंगा नदी में छठव्रती स्नान कर गंगाजल ले अपने घर जा रहे हैं। छठव्रती नदियों और तालाबों में स्नान करते हैं और वहां से इन नदियों-तालाबों का पवित्र जल लाया जाता है। इसी से महाप्रसाद बनाया जाता है।

कल खरना, परसों पहला अर्घ्य

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इस अनुष्ठान के पहले दिन आज छठ व्रती सूर्य भगवान का जलाभिषेक करती हैं। उसके बाद अरवा चावल, चने की दाल और कद्दू की सब्जी का महाप्रसाद बनाया जाता है। इस महाप्रसाद को पहले सूर्य देवता को अर्पित किया जाता है। उसके बाद छठ व्रती इस प्रसाद को ग्रहण करती हैं फिर सभी को महाप्रसाद का वितरण किया जाता है।

बिहार और पूर्वी यूपी में छठ की धूम

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छठव्रतियों ने बताया कि आज कद्दू भात के बाद कल खरना है और परसों पहला अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ महाव्रत का समापन हो जाएगा। छपरा, खगड़िया, मुंगेर, और पटना समेत यूपी पूर्वांचल, दिल्ली मुंबई के तमाम जिलों में एक सा नजारा दिखा।

मेरठ में भी नहाए खाए के साथ शुरू हुआ छठ महापर्व

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मेरठ में लोक आस्था और सूर्योपासना का महापर्व छठ मंगलवार से नहाए खाए के साथ शुरु हो गया। गगोलतीर्थ स्थित एतिहासिक सरोवर के चारों और छठ वृतियों ने पूजा अर्चना के लिए पिंड बनाए इस दौरान तीर्थ पर लोगों का आना जाना लगा रहा।

मंगलवार सवेरे छठ व्रतियों ने स्नान कर सूर्य भगवान और छठी मईया को आराधना के साथ वृत का संकल्प लिया। छठ वृतियों ने मंगलवार को गगोलतीर्थ पहुंचकर एतिहासिक सरोवर पर अपने नाम लिख पिंड बनाए। बुधवार को निर्जला व्रत रख सांय को खरना किया जाएगा। खरना के बाद निर्जला उपवास शुरु होगा जो शुक्रवार तक सूर्य को अर्घ्य के साथ संपन्न होगा। छठ महापर्व के मददेनजर गगोलतीर्थ पर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त कर दिए गए।

मेला भी लगना शुरु हो गया। गगोलतीर्थ के महंत स्वामी शिवदास ने जानकारी दी कि छठ पर्व पर दिल्ली, हरियाणा, पंजाब व दूरदराज से हजारों की संख्या में छठ व्रती परिवार सहित आते हैं। जिनके रहने खाने पीने की व्यवस्था तीर्थ पर की गई है। मंगलवार को निगम अफसरों ने गगोलतीर्थ पहुंचकर सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। पार्किंग के लिए अलग व्यवस्था की गई है।

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