- थाना सिविल लाइन में इंडियन बैंक और कैनरा बैंक के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर
- एसएसपी के आदेश पर आरबीआई के कानपुर अफसर की तहरीर पर दर्ज हुए मुकदमे
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर के बैंक नकली नोटों की टकसाल बन गए हैं। आरबीआई के कानपुर कार्यालय के एक बडेÞ अफसर की तहरीर पर एसएसपी के आदेश पर थाना सिविल लाइन में इस संबंध में दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। जिन बैंकों के शाखा प्रबंधकों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए गए हैं उनमें इंडियन बैंक (इलाहाबाद बैंक) व कैंनरा बैंक के प्रबंधक शामिल हैं। निर्गत विभाग महात्मा गांधी मार्ग कानपुर स्थित आरबीआई कार्यालय के प्रबंधक दावा अनुभाग आईपीएस गहलौत की तहरीर में कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक में अन्य बैंकों की चेस्ट शाखाओं से प्राप्त प्रेषण में (जो नोट भेजे जा रहे हैं) जाली नोट अधिक संख्या में पाए जा रहे हैं।
जाली नोट का मुद्रण एवं परिचालन भारतीय दंड संहिता की धारा 489ए से 480ई तक के अंतर्गत अपराध है। अत: मेरठ में जिन बैंकों की शाखाओं/चेस्ट से भेजे जाने वाली करेंसी में जाली नोट पाए जा रहे हैं। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराना रिजर्व बैंक की जिम्मेदारी बनती है। तहरीर में कहा गया है कि मेरठ जिन बैंकों के चेस्ट से नकली करेंसी आ रही है, वह किस थाना क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं यह जानकारी रिजर्व बैंक के लिए करना कठिनाई पूर्ण है। अत: जाली नोटों को लेकर तहरीर के साथ जो सूची भेजी गयी है उसके आधार पर संबंधित बैंक के खिलाफ संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करायी जाए। आईपीएस गहलौत की इस तहरीर पर अभी तक दो बैंकों इंडियन व कैनरा बैंक के शाखा प्रबंधकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है।
ये है प्रक्रिया
सूत्रों ने जानकारी दी है कि सभी बैंक राष्ट्रीय व प्राइवेट जो रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया के आधीन काम करते हैं, उनसे चेस्ट से दूसरे या तीसरे दिन कई कुछ और ज्यादा दिनों के बाद जो भी रकम जा होती है आरबीआई को भेजी जाती है। यह नियमित प्रक्रिया है। बताया जाता है कि बैंकों के चेस्ट से जो करेंसी भेजी जा रही है उनमें वर्तमान में बड़ी संख्या में नकली करेंसी निकल रही है। इसको लेकर आरबीआई गंभीर है।
- दो बैंकों पर मुकदमे
आरबीआई के अफसर की ओर से दी गयी तहरीर पर दो मुकदमे थाना सिविल लाइन में दर्ज कराए गए हैं। -रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी मेरठ।