- शताब्दीनगर स्थित वीसी का बंगला सामुदायिक केन्द्र में होगा तब्दील
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) का शताब्दीनगर स्थित बंगले में अब शादी की शहनाइयां गूंजेंगी। दरअसल, प्राधिकरण वीसी के बंगले को कम्यूनिटी सेंटर के रूप में तब्दील करने जा रहा हैं। होने वाली बोर्ड बैठक में इसका प्रस्ताव रखा जाएगा। इसके बाद कम्यूनिटी सेंटर में विवाह समारोह होंगे। ये भी प्राधिकरण की अतिरिक्त आमदनी का स्रोत बनेगा।
प्राधिकरण उपाध्यक्ष के लिए शताब्दीनगर की डिवाइडर रोड पर आलीशान बंगला बनाया जा रहा था। इस पर करीब पन्द्रह करोड़ रुपये प्राधिकरण के खर्च भी हो चुके थे। हालांकि फिलहाल फिनिशिंग बागी हैं, जिसको कराया जाएगा। तत्कालीन कमिश्नर डा. प्रभात कुमार ने इस आलीशान बंगले का प्रस्ताव जब उनके सामने पहुंचा तो उन्होंने इसको रिजेक्ट कर दिया था, लेकिन उससे पहली मीटिंग में इसके निर्माण का प्रस्ताव तत्कालीन वीसी राजेश यादव के कार्यकाल में हुआ था।
उस दौरान तेजी के साथ इसका निर्माण हुआ। चंडीगढ़ में इसका मानचित्र तैयार कराया गया। आर्किटेक्ट विशेषज्ञों की एक टीम भी दौरा करने आयी थी, जिसके बाद ही मानचित्र फाइनल करने के बाद कार्य आरंभ हुआ। वीसी के बंगले पर करीब 15 करोड़ रुपये खर्च कर दिये गए। ये ऐसे समय में हुआ, जब प्राधिकरण आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा था। क्योंकि समाजवादी आवास पर डेढ़ अरब रुपये खर्च कर दिये गए थे।
ये धनराशि प्राधिकरण ने खर्च की थी। समाजवादी आवास बिक नहीं पाये थे। ऊपर से प्राधिकरण उपाध्यक्ष का बंगले पर इतनी बड़ी धनराशि खर्च कर दी गई, जिसके बाद तत्कालीन कमिश्नर डा. प्रभात कुमार ने इस पर रोक लगा दी थी। इसकी फाइल पर लिख भी दिया था कि वीसी का बंगला सरकारी पैसे की बर्बादी हैं। इसका आगे निर्माण बंद कर इसकी नीलामी की जाए, ताकि प्राधिकरण को इसका लाभ मिल सकेगा।
प्राधिकरण ने तभी से वीसी बंगले को नीलामी में लगा दिया था। एक दशक से वीसी का बंगला नीलामी में लगा हुआ था, लेकिन इसका कोई खरीदार ही नहीं आया। क्योंकि बीस करोड़ रुपये प्राधिकरण के अफसरों ने इसकी कीमत लगाई थी। अब फिर से इसका प्रस्ताव प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय बोर्ड बैठक में रखने जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि वीसी बंगले को कम्यूनिटी सेंटर के रूप में तब्दील कर दिया जाएगा। इसके बाद इससे प्राधिकरण का आर्थिक लाभ होगा।