- निगम क्षेत्र में बिना टेंडर के दर्जनभर जगहों पर होती है अवैध पार्किंग
- सीएम के आदेश के बाद चलाया था अवैध पार्किंग के खिलाफ अभियान
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: जी हां! है न कमाल की बात कि क्रांतिधरा पर अनगिनत स्थानों पर अवैध पार्किंग की जाती है, लेकिन फिर भी अधिकारी मौनी बाबा बने हुए हैं। वहीं, क्रांतिधरा पर बिना टेंडर के ही अवैध पार्किंग चल रही है। पूर्व में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद नगर निगम द्वारा अवैध पार्किंग के खिलाफ अभियान चलाया गया था, लेकिन कुछ दिन तो अवैध पार्किंग पर निगम सख्त रही।
लेकिन उसके बाद फिर से शहर में न जाने कितनी जगहों पर अवैध पार्किंग चल रही है। जिसमें निगम इस तरफ से पूरी तरह मौन साधे हुए हैं। शहर में 50 से अधिक जगहों पर निगम की पार्किंग होती थी, जिसका अभी तक टेंडर नहीं छोड़ा जा सका। इसके बावजूद शहर में धड़ल्ले से अवैध पार्किंग हो रही है।
नगर निगम द्वारा एक वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री के आदेश के बाद गढ़ रोड स्थित अवैध पार्किंग को हटवाया गया था। इसके साथ अलग-अलग जगहों से अवैध पार्किंग व स्टैंड को निगम द्वारा हटवाया गया था। जिसमें निगम के द्वारा जिन जगहों पर पार्किंग के लिए टेंडर छोड़े गए थे। उनका समय पूरा हो चुका है। अब अधिकतर जगहों पर बिना टेंडर के ही अवैध पार्किंग कराई जा रही है।
शहर में 50 से अधिक जगहों पर टेंडर छोडेÞ जाने के बाद नगर निगम द्वारा पार्किंग कराई जाती थी, लेकिन अब बिना टेंडर के ही निगम के अधिकारियों की सेटिंग से अवैध पार्किंग कराई जा रही है। जिसमें अधिकतर जगहों पर सड़क किनारे ही सड़कों पर वाहनों की पार्किंग कराई जाती है। जिसमें पार्किंग के कारण मार्गों पर वाहनों की लंबी लाइन लगने के साथ ही जाम लग जाता है। अस्पताल एवं अन्य संस्थानों के बाहर भी जो पार्किंग वाहनों की कराई जाती है।
वह पूरी तरह से अवैध है, लेकिन निगम के अधिकारियों से मिलीभगत कर शहर में अवैध पार्किंग का कार्य धड़ल्ले से चल रहा है। गौरतलब है कि शहर में विज्ञापन का जो टेंडर निगम द्वारा छोड़ा जाता था। उसमें पार्षदों द्वारा धांधली का आरोप लगाया था। जिसमें तीन माह पूर्व टेंडर की अवधि खत्म होने के बाद भी निगम के अधिकारियों ने सेटिंग के चलते विज्ञापनों एवं होर्डिंग को शहर में लगवाए रखा, लेकिन फिलहाल जो विज्ञापन का टेंडर छोड़ा गया है।
वह करीब छह करोड़ रुपये में गत वर्ष की अपेक्षा अधिक में छोड़ा गया है। इसी तरह से पार्किंग का टेंडर अभी नहीं हुआ, लेकिन शहर में न जाने कितनी जगहों पर निगम की मिलीभगत से बिना टेंडर के ही अवैध पार्किंग की सेटिंग का खेल चल रहा है। फिलहाल निगम द्वारा शहर में अवैध पार्किंग के खिलाफ कोई अभियान भी नहीं चलाया जा रहा है।
जबकि पूर्व में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मेरठ में अवैध पार्किंग को लेकर सख्त नजर आए थे। उन्होंने अवैध पार्किंग एवं अतिक्रमण पर निगम के अधिकारियों को बड़ा एक्शन लेने के आदेश दिए थे। उन आदेशों का कुछ दिनों तक तो असर दिखाई दिया, लेकिन वर्तमान में वह आदेश निगम की फाइलों में दब गए हैं।
ये हैं अवैध पार्किंग के मुख्य प्वाइंट
शहर में इन स्थानों पर मुख्य रूप से अवैध पार्किंग की जाती है। जिसमें गंगा प्लाजा, कैलाशी हॉस्पिटल, आरजी कॉलेज, लोकप्रिया हॉस्पिटल, कचहरी के मुख्य गेट पर ही वाहनों को अवैध पार्क किया जाता है।