- गत पांच दिसंबर को हुई थी महिला की लिफ्ट में फंसकर मौत, अगर अस्पताल खुला तो होगा मुकदमा
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कैपिटल हॉस्पिटल में हुए लिफ्ट हादसे के बाद सीएमओ ने जांच समिति रिपोर्ट के बाद हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त कर दिया है। सीएमओ ने अब तक लाइसेंस को सस्पेंड किया गया था।जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने हॉस्पिटलका लाइसेंस निरस्त कर दिया है। जिससे हॉस्पिटल संचालकों में खलबली मच गई। सीएमओ डा. अशोक कटारिया का कहना है कि कैपिटल हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। वहीं, पुलिस का कहना है कि अगर संचालकों ने हॉस्पिटल को खोलने का प्रयास किया तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
जांच रिपोर्ट के आधार पर हुई कार्रवाई
सीएमओ का कहना है कि जांच समिति के सामने संचालक कोई सही जवाब नहीं दे पाए। हॉस्पिटल पूरी तरह गलत तरीके से संचालित था। अवैध तरीके से लिफ्ट चल रही थी। इसके कारण महिला की मौत हुई थी। इसके कारण हॉस्पिटल का लाइसेंस कैंसिल किया गया है। लाइसेंस कैंसिल की रिपोर्ट आवास विकास को भेज दी है। आवास विकास फैसला लेगा कि अस्पताल पर बुलडोजर चलाना है या क्या एक्शन लेना है।
डा. कविता के कहने पर गए थे कैपिटल हॉस्पिटल
अंकुश ने कहा कि उसकी पत्नी करिश्मा का इलाज डा. कविता भाटिया से चल रहा था। डा. कविता ने कहा कि वह कैपिटल हॉस्पिटल में आॅपरेशन करती हूं। वहीं पर आॅपरेशन करूंगी। वहीं, आॅपरेशन भी हुआ, इसके बाद हॉस्पिटल के दो पुरुष कर्मचारी राजा और प्रिंस लिफ्ट से मरीज को नीचे ला रहे थे। इसी बीच लिफ्ट टूट गई। करिश्मा की मौत हो गई।
हॉस्पिटल से मदद नहीं रिश्तेदारों ने निकाला
पीड़ित पक्ष की ओर से जांच रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि करिश्मा को दबा देख सभी कर्मचारी वहां से फरार हो गए। अंकुश ने रिश्तेदारों को बुलाकर लिफ्ट से करिश्मा को बाहर निकाला। तब तक दबे हुए लगभग एक घंटा हो चुका था। करिश्मा को लिफ्ट से निकाले जाने के बाद वहां पर मौजूद कर्मियों से इलाज के लिए कहा गया। उन्होंने डा. कविता भाटिया, प्रबंधक नरेन्द्र व कैपिटल हॉस्पिटल के मालिक से बात की। इसके बाद बताया कि हम इस समय इलाज नहीं कर सकते, किसी और हॉस्पिटल में ले जाओ।
इन पर हुआ मुकदमा
- कविता भाटिया, डॉक्टर।
- नरेंद्र कैपिटल, प्रबंधक हॉस्पिटल।
- राजा उर्फ भूरा, स्टाफ।
- प्रिंस, स्टाफ।
सभासद ने ईओ और नगर पंचायत अध्यक्ष को दी आत्मदाह की चेतावनी
दौराला: नगर पंचायत दौराला में सोमवार को नए टैक्स को लेकर बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें 50 से 60 लोगों ने हिस्सा लिया। बैठक में सभासद रोहित अहलावत ने अपने वार्ड की समस्याओं की सुनवाई न होने का आरोप लगाया और आत्मदाह की चेतावनी दी। रोहित अहलावत ने बैठक के दौरान कहा कि वह पूर्व में नगर पंचायत के अधिकारी को वार्ड की समस्या को लेकर पत्र दे चुके हैं, लेकिन उनके पत्र देने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई। कहा कि विकास कार्यों को लेकर उनके वार्ड के साथ भेदभाव किया जा रहा है। चेतावनी दी कि यदि 15 दिन में उन्हें जवाब नहीं दिया गया तो वह नगर पंचायत में आत्मदाह करने पर मजबूर होंगे।