- मोदीपुरम के पल्हैड़ा में बने भाजपा नेता विक्रांत के अवैध कॉम्प्लेक्स पर कब चलेगा एमडीए का बुलडोजर ?
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेरठ विकास प्राधिकरण से शिक्षण संस्थान के लिए खरीदी गई जमीन पर कैसे कॉम्प्लेक्स बनने दिया? यह बड़ा सवाल हैं। ये कॉम्प्लेक्स का खेल एक भाजपा नेता ने कर दिया हैं। भाजपा नेता इस कॉम्प्लेक्स के निर्माण को लेकर सुर्खियों में आ गए हैं। प्राधिकरण इंजीनियरों ने इस कॉम्प्लेक्स को कैसे बनने दिया? जब जमीन शिक्षण संस्थान के लिए आवंटित की गई थी तो फिर व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स कैसे बन गया?
दरअसल, भाजपा नेता के भ्रष्टाचार के इस महल को लेकर चर्चा खूब हो रही हैं। क्या इस भ्रष्टाचार के महल पर एमडीए का बुलडोजर चलेगा या फिर नहीं? भाजपा नेता के रसूख के चलते बुलडोजर नहीं चलाया जाएगा। इसका कोई मानचित्र स्वीकृत नहीं हुआ। क्योंकि शिक्षण संस्थान के लिए आवंटित जमीन पर व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स नहीं बन सकता। इसी वजह से इस पर अनाधिकृत बिल्डिंग बना दी गई।
आखिर कौन थे ये अधिकारी जिन्होंने भ्रष्टाचार का महल बनने दिया। शिक्षण संस्थान के नाम पर बड़ा घालमेल किया गया। दरअसल, हम बात कर रहे पल्हैडा चौराहे पर बने कॉम्प्लेक्स की। ये कॉम्प्लेक्स विक्रांत चौधरी का हैं, जो वर्तमान में भाजपा किसान मोर्चा का जिला महामंत्री के पद पर तैनात हैं। एक केन्द्रीय राज्यमंत्री का भी विक्रांत को करीबी बताया जाता हैं। एमडीए ने इसमें सिर्फ नोटिस का खेल लंबे समय तक खेला गया।
एक-दो दिन में ये कॉम्प्लेक्स नहीं बन गया, बल्कि दो से तीन साल इसमें लगे। दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि इस कॉम्प्लेक्स को बनवाने में रसूख और भ्रष्टाचार का खेल खूब खेला गया, जिसके चलते ये कॉम्प्लेक्स बनकर तैयार हो गया। इसमें एमडीए के इंजीनियरों ने कोई कार्रवाई नहीं की। ये हालत तो गई है एमडीए इंजीनियरों की।
अब क्या एमडीए के अधिकारी कॉम्प्लेक्स को गिराने के साथ ही एमडीए के जिम्मेदार इंजीनियरों पर भी कार्रवाई करेंगे या फिर नहीं? अब यह मामला लखनऊ तक गूंज गया है तो इसमें एमडीए को इस कॉम्प्लेक्स के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई तो करनी पड़ेगी, लेकिन जिम्मेदार इंजीनियरों पर भी कार्रवाई करनी चाहिए। आखिर कब चलेगा बुलडोजर? इस पर शहर के लोगों की निगाहें लगी हुई हैं।
उधर, एमडीए इंजीनियरों का कहना है कि कॉम्प्लेक्स के ध्वस्तीकरण का आदेश हैं। फोर्स नहीं मिलने पर कार्रवाई नहीं हो पाई थी। अब फिर से फोर्स की मांग की जाएगी। फिर इस कॉम्प्लेक्स का भू-उपयोग बदलने के लिए शासन में अर्जी दी गई थी। शासन से इसको लेकर एक पत्र एमडीए के पास भी आया था। भू-उपयोग बदलने के लिए एमडीए बोर्ड में प्रस्ताव रखा जाएगा। इसके बाद फिर शासन में भेजा जाएगा, लेकिन अब ऐसा बताकर एमडीए इंजीनियर लीपापोती करने की कोशिश कर रहे हैं।
वक्फ की जमीन को कुर्क करने की तैयारी
मेरठ: वक्फ बोर्ड की जमीन को कब्जाने के पीछे भाजपा के कई लोगों के नाम सामने आ रहे हैं। आखिर पर्दे के पीछे 70 करोड़ की जमीन पर कब्जे की तैयारी चल रही हैं। मेरठ विकास प्राधिकरण के ध्वस्तीकरण करने के बाद भी बाज नहीं आ रहे हैं। कंकरखेड़ा पुलिस इस जमीन को धारा 145 के तहत कुर्क की कार्रवाई कर दस्तावेज डीएम को भेज रही हैं। पुलिस की इस कार्रवाई से पहले ही जमीन पर कब्जे का प्रयास करने वालों के पैरों नीचे की जमीन खीसक गई हैं।
सूत्रों का कहना है कि एक बड़े भाजपा नेता के आवास पर कंकरखेड़ा इंस्पेक्टर को बुलाया गया था, जहां पर वक्फ की जमीन को कुर्क नहीं किया जाए, इसको लेकर चर्चा की गई। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं तो इंस्पेक्टर कंकरखेड़ा करते है और नहीं भाजपा नेता। दोनों ही इससे पल्ला झाड़ रहे हैं। दरअसल, करोड़ों की जमीन पर दीवार निकाल ली गई थी।
सड़क बनाने का काम भी हुआ, जिसे एमडीए की टीम ने गिरा दिया। बड़ा सवाल ये है कि आखिर दीवार करने वाले लोग कौन थे? बात ध्वस्तीकरण करने से काम नहीं चलेगा, बल्कि जमीन कब्जाने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई करने की आवश्यकता हैं। इसमें प्रशासन पीछे क्यों हट रहा हैं?
यह बड़ा सवाल हैं। विपक्ष का नेता इसमें शामिल रहा होता तो अब तक भूमाफिया की धाराओं में गिरफ्तारी हो गई होती, लेकिन सूत्रों का कहना है कि भाजपा नेता पर्दे के पीछे शामिल हैं, जिसके चलते कोई कार्रवाई नहीं हो पा रही हैं।