Monday, May 26, 2025
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कंप्यूटर का तोहफा है तेजी से अकड़ते कंधे

Sehat


रेखा देशराज |

फ्रोजन शोल्डर यानी कंधों की अकड़न आज की कार्य संस्कृति से पैदा हुई एक आम स्वास्थ्य समस्या है। दरअसल किसी तकनीकी डिवाइस के अपने कुछ फायदे हैं तो तमाम नुकसान भी हैं। आज की तारीख में कंप्यूटर के बिना हमारा एक दिन भी काम नहीं चलता। कंप्यूटर ने हमारी कामकाज की समूची संस्कृति को अपनी मुट्ठी में कैद कर लिया है। अब चूंकि कंप्यूटर युवाओं के लिए कामकाज का सबसे बड़ा जरिया है, इसलिए यह कंप्यूटर उन्हें ही सबसे ज्यादा कंधों की अकड़न का तोहफा भेंट कर रहा है।

बहरहाल युवाओं में तेजी से बढ़ रही कंधों के अकड़न की समस्या आज आम हो गई है। जब कोई कंधों की जकड़न या अकड़न का शिकार हो जाता है तो उसके कंधे सही तरह से काम नहीं करते। ऐसे व्यक्ति द्वारा कुछ भी करने पर मसलन थोड़ा सा भार उठाने तक में भयानक होता है। यहां तक कि अपने हाथ से कमीज के बटन भी बंद करने भारी हो जाते हैं। इस फ्रोजन शोल्डर के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन जैसा कि विभिन्न अध्ययनों में पाया गया है कि इस समस्या का सबसे बड़ा कारण है कंप्यूटर पर काम करना। अब चूंकि कंप्यूटर पर सबसे ज्यादा काम आज के युवा करते हैं, इसलिए फ्रोजन शोल्डर की सबसे ज्यादा समस्या उन्हीं को है। इस समस्या के पीड़ितों को काफी समय तक कंधे को एक ही स्थिति में रखना पड़ता है। कई बार बहुत देर तक एक ही कंधे पर अधिक भर उठाना पड़ता है। कंधे से बहुत ज्यादा काम न लेना, हड्डियों का कमजोर होना आदि भी इस समस्या का कारण होते हैं। कई बार चोट लगने के कारण भी फ्रोजन शोल्डर की समस्या हो सकती है।

कब जानें कंधों में अकड़न है
-अगर बिना किसी वजह से कंधे में लगातार सूजन हो और हाथ हिलाना तक मुश्किल हो रहा हो।
ल्ल जब कंधे को किसी भी दिशा में मोड़ने से दर्द की लहर उठ जाती हो।
-जब हाथ से काम करना मुश्किल हो जाए। साथ ही देर रात अचानक कंधे का दर्द उभर आए और बाकी की रात रोते हुए कटे।
-जब छोटे-छोटे काम मसलन कंघी करना तक मुश्किल हो जाए। हाथ को पीछे की ओर ले जाने में असह्य दर्द हो।

कैसी-कैसी परेशानियां
कंधों की अकड़न के कारण और भी कई किस्म की समस्याएं हो सकती हैं जैसे डिप्रेशन, गर्दन और पीठ दर्द, थकान, काम करने में असमर्थता। अकड़े कंधों के कारण रोगी को मधुमेह, दौरा पड़ना, फेफड़े का रोग, संयोजी ऊतक विकार और हृदय रोग अधिक होने का भी खतरा रहता है। यह बीमारी पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक पायी जाती है और उसमें भी 40 साल से कम उम्र की महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है।

इलाज के साथ जरूरी है सावधानी
कंधों की अकड़न का इलाज संभव है। इसमें दवाएं खाने के साथ-साथ नियमित रूप से मालिश चिकित्सा, शल्य चिकित्सा इत्यादि की जाती है। जो लोग इससे पीड़ित हैं, उन्हें कई महीनों या अधिक लंबे समय तक काम करने एवं जीवन की सामान्य गतिविधियां करने में भी अत्यधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कंधे की अकड़न से बचने और हो जाए तो इससे उबरने के लिए कुछ ये उपाय भी जरूरी हैं।
-नियमित रूप से हर दिन कंधों का हल्का-फुल्का व्यायाम करें।
-खान-पान का विशेष ध्यान रखें और ताजे फलों व सब्जियों को अपनी रोजाना की डाइट में शामिल करें।
-जब इस समस्या से पीड़ित हों तो नियमित रूप से गर्म पानी से सिंकाई करें।
-प्रतिदिन मालिश करना भी इससे उबरने और बचे रहने दोनो का सरल उपाय है।
-जब कंधों की जकड़न का शिकार हों तो रात के समय में कम से कम एक घंटे तक ठंडा लेप कंधे पर रखें।


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