- परतापुर इंटरचेज के पास बने डंपिंग ग्राउंड में काम शुरू नहीं
- 680 वाहनों का हो चुका डिस्पोजल, जल्द नीलामी होगी
- शासन के आदेश भी पुलिस के लिए कोई नहीं रखते मायने
- पुलिस ही सड़कों पर वाहन खड़े करा दे तो फिर जवाबदेही किसकी
- कंकरखेड़ा थाने ने थाने की गेट एंट्री पर ही खड़े वाहन
- दुर्घटना की बन रहे वजह, थाना पुलिस हटाने को तैयार नहीं
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शासन के आदेश भी पुलिस के लिए कोई मायने नहीं रखते। शासन की गाइडलाइन है कि सड़कों पर अतिक्रमण की जिम्मेदारी थानेदार की होगी, लेकिन थाना पुलिस ही सड़कों पर वाहन खड़े करा दे तो फिर किसकी जवाबदेही होगी? कंकरखेड़ा थाने ने थाने की गेट एंट्री पर ही ट्रकों व अन्य वाहनों को सड़क पर खड़ा करा रखा हैं।
जो दुर्घटना की वजह भी बनते हैं, मगर थाना पुलिस इन्हें हटाने को तैयार नहीं हैं। जब थाने के बाहर से ही वाहन नहीं हटाये जा रहे है तो फिर किसी अन्य जगह पर सड़क से कैसे वाहन हटाये जा सकते हैं? शासन के आदेश का असर पुलिस पर नहीं होता। कंकरखेड़ा ही नहीं, बल्कि सिविल लाइन थाने के सामने भी सड़क पर लावारिस वाहनों को खड़ा करके पुलिस भूल गई हैं। आवागमन में यहां दिक्कत पैदा हो रही हैं।
एक तरफ पुलिस सड़कों पर खड़े होने वाले वाहनों को उठाकर पुलिस लाइन भेजती है और चालान कर देती है वहीं कई थाने ऐसे भी हैं जिनके मुकदमों से संबंधित वाहन बजाय थाने में खड़े होने के सड़कों पर पड़े हुए है। इससे जहां सड़कों पर अनावश्यक जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है। इनको लेकर पुलिस का ध्यान फिलहाल नहीं है। वहीं शहर के सौन्दर्य पर धब्बा भी लग रहा है।
शहर के ट्रांसपोर्ट नगर, रेलवे रोड, कंकरखेड़ा, लिसाड़ीगेट, सिविल लाइन आदि थानों के बाहर मुकदमों से संबंधित कंडम होन चुके वाहन बेतरतीबी से खड़े दिखाई दे जा सकते है। शहर के थानों के बाहर लावारिस और मुकदमों से संबंधित वाहनों का अंबार लगा है। इनकी वजह से सड़क पर अक्सर जाम लगता है। सालों से खड़े अधिकतर वाहन कबाड़ हो चुके हैं। इस समस्या का निस्तारण करने के लिए एनएच-58 पर सेंट्रल वाहन गोदाम बनाया जा रहा है।
इसके अलावा थानों में पुलिस और फरियादियों के वाहन खड़े करने के लिए पार्किंग भी बनेगी। शहर के 15 थानों से लावारिस वाहनों का रिकॉर्ड मांगा गया है। परतापुर इंटरचेंज के पास हाईवे पर छह हजार गज में सेंट्रल वाहन गोदाम बनाया जा रहा है। यहां थानों के लावारिस वाहन खड़े किए जाएंगे।
परतापुर थाने के वाहन सेंट्रल गोदाम में पहुंचाए गए। कबाड़ वाहनों के हटने से खाली जगह पर पार्किंग की व्यवस्था होगी। पुलिस ने बताया कि लावारिस वाहनों की नीलाम कराने के लिए पुलिस जूझती रहती है। समय पर नीलामी नहीं होने से थानों में वाहनों की संख्या बढ़ती जा रही है।
एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि वैसे तो शहर के सभी पन्द्रह थानों में कंडम वाहनों का ढेर लगा हुआ है लेकिन रेलवे रोड, लिसाड़ीगेट, टीपी नगर और कंकरखेड़ा में सड़क पर वाहन पड़े हुए है। अभी तक 680 वाहनों का डिस्पोजल कराया जा चुका है और सैंकड़ों की तादाद में वाहनों की नीलामी होनी बाकी है।