- मोदी-योगी सरकार पर बरसे कांग्रेसी नेता, वक्ताओं ने केन्द्र तथा प्रदेश सरकार पर जमकर साधा निशाना
जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर: प्रदेश में हाथरस गैंगरेप कांड के बाद मचे राजनीतिक घमासान के बीच मंगलवार को पूर्व सांसद तथा कांग्रेस नेता हरेन्द्र मलिक ने किसान महापंचायत का आयोजन कर अपनी ताकत दिखाई। कोरोना के दौर में भी भारी जनसमूह राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में पहुंचा। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सहित वेस्ट यूपी के बडे कांग्रेसी नेता भी महापंचायत में शामिल होने पहुंचे। वक्ताओं ने प्रदेश की योगी तथा केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा।
पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक के आह्वान पर मंगलवार को राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान में आयोजित किसान महापंचायत में किसानों का भारी जनसमूह शामिल हुआ। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सहित वेस्ट यूपी के कईं जिलों के कांग्रेस जिलाध्यक्ष तथा वरिष्ठ नेता किसान महापंचायत में शामिल होने पहुंचे। हरेन्द्र मलिक तथा उनके बेटे पंकज मलिक की किसान महापंचायत के लिए की गई मेहनत राजकीय मैदान में भारी भीड के रूप में दिखी।
इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि बिलों को किसान विरोधी करार देते हुए सरकार की नीयत पर सवाल उठाए। हाथरस कांड को लेकर योगी सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने के साथ ही मंच से हाथरस जाते समय राहुल गांधी के साथ पुलिस द्वारा की गई बदसुलूकी तथा रालोद नेता जयंत चौधरी पर किए गए लाठीचार्ज को लेकर भी विरोध दर्ज कराया गया।
इस महापंचायत को पहले नुमाइश मैदान पर करने की घोषणा की गई थी लेकिन प्रशासन ने सोमवार देर सायं नुमाइश मैदान पर अनुमति देने से इंकार कर दिया था। इसी कारण देर सायं किसान पंचायत का स्थान बदलकर राजकीय इंटर कॉलेज का मैदान कर दिया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने इस कृषि बिल विरोधी महापंचायत का आयोजन किया। उन्होंने इसकी घोषणा पहले ही कर दी थी लेकिन प्रशासन ने कृषि बिल विरोधी किसान पंचायत को नुमाइश मैदान पर प्रतिबंधित कर दिया। दरअसल नुमाइश मैदान सीधे जिला प्रशासन के आधीन है।
कोविड गाइड लाइन के अनुसार किसी भी आयोजन में 200 से अधिक लोगों के शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इसी कारण प्रशासन ने नुमाइश मैदान पर पंचायत के आयोजन की अनुमति देने से इंकार कर दिया। हालांकि पंचायत को प्रतिबंधित भी नहीं किया। दरअसल किसान पंचायत शहर के बाजार से अलग नुमाइश मैदान पर होने के कारण प्रशासन इस पर प्रतिबंध के मूड में नहीं है। लेकिन लिखापढ़ी में नुमाइश मैदान पर अनुमति भी नही दी गई। यदि किसान पंचायत कलक्ट्रेट में डीएम कार्यालय पर होती तो प्रशासन इसे प्रतिबंधित कर सकता था।
हालांकि पंचायत की नुमाइश मैदान पर अनुमति इसलिए नही दी गई क्योंकि किसी भी आयोजन में 200 लोगों से अधिक की अनुमति अभी गाइड लाइन में नही है। इसी कारण प्रशासन ने अपनी सरकारी भूमि पर पंचायत करने की अनुमति देने से इंकार कर दिया। इसके बाद कांग्रेस के पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने नुमाइश मैदान का स्थान बदलकर पंचायत आयोजन राजकीय इंटर कॉलेज में कर दिया।
उन्होंने राजकीय इंटर कॉलेज के मैदान की अनुमति भी ले ली थी। किसान महापंचायत में मुख्य रूप से पूर्व सांसद हरेन्द्र मलिक, पूर्व विधायक पंकज मलिक, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हरेन्द्र त्यागी, शहराध्यक्ष जुनैद रऊफ, पर्यावरण सेवादल के प्रदेश संयोजक सतीश शर्मा, जयओम शर्मा, पूर्व मंत्री दीपक कुमार, अकिल राणा, बीबी गर्ग, प्रदीप राणा, समीना, जगदीश अरोरा, रईस अहमद आदि शामिल रहे।