- कैंट विधायक भड़के, बोर्ड के भाजपाई सदस्यों को लेकर सीईओ प्रसाद चव्हाण से मिले सत्यप्रकाश अग्रवाल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: वाहनों से एंट्री फीस के नाम पर वसूले जाने वाले टोल का पिछला फसाद अभी खत्म भी नहीं हुआ है कि कैंट बोर्ड ने दोबारा से सभी 11 नॉकों पर टोल ठेका छोड़ने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
इसके विरोध में गुरुवार को कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल सीईओ कैंट प्रसाद चव्हाण से मिलने पहुंचे। उनके साथ बोर्ड के सदस्य अनिल जैन, नीरज राठौर, विपिन सोढ़ी, धर्मेंद्र राठौर आदि भी शामिल रहे हैं।
विधायक का कहना था कि जिन पांच नॉकों सरधना रोड, बाउंड्री रोड, सीएबी, तोपखाना डबल गेट व फाजलपुर डिस्टलरी पर ठेका छोड़ा जाता रहा है। केवल उन्हीं प्वांइटों पर ठेका छोड़ा जाना चाहिए।
जनाक्रोश को ध्यान में रखते हुए दिल्ली रोड फैज-ए-आम, रुड़की रोड, मवाना रोड, रोहटा रोड व लाला मोहम्मदपुर टोल नॉके प्रस्तावित ठेके में शामिल नहीं किए जाने चाहिए।
ये दिया गया तर्क
पांच नए प्वांइटों पर टोल वसूली के विरोध के पीछे तर्क दिया गया कि जिन पांच प्वांइटों की बात की जा रही है, ये सभी शहर के बीच मे आ गए हैं।
शहर की जितनी भी नयी कालोनियां बसी हैं वो सभी पुरानी आबादी से दूर शहर के बीच बसी हैं। जबकि टोल नॉके हमेशा आबादी के बाहर होते हैं। मवाना रोड टोल नॉका भी आबादी के बीच है। गंगानगर, डिफेंस कालोनी, रक्षापुरम, ईशापुरम, कसेरू बक्सर आदि दर्जनों इलाकों में जाने के लिए पहले टोल देना होता है।
इसी प्रकार से रुड़की रोड व दिल्ली रोड की स्थिति है। दिल्ली रोड टोल नाका तो पूरी तरह से गैर कानूनी है। ये पीडब्ल्यूडी की रोड है। मवाना रोड व रुड़की रोड पर भी पीडब्ल्यूडी की सड़क पर टोल वसूली की जा रही है।
ये बोले विधायक
विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल का कहना था कि पूर्व में भी पांच नए प्वांइटों पर टोल वसूली का विरोध किया गया था। उसको लेकर जनाक्रोश भी था, लेकिन ठेकेदार कोर्ट में चला गया था। कोर्ट का सम्मान करते हुए मौन रहे, लेकिन नए ठेका देने में पुराने छह प्वांइट पर ही शामिल किए जाएं।
बोर्ड सदस्यों की भूमिका पर मौन
टोल ठेकेदार की मदद को लेकर कैंट बोर्ड के कुछ भाजपाई सदस्यों से पर लग रहे आरोपों को लेकर जब विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल से पूछा गया तो उनका कहना था कि वह जनता के प्रति जवाब देह हैं। यदि कोई गलत कर रहा है तो ये पब्लिक है, सब जानती है।