- सतर्कता बरतने की पुलिस कर रही अपील
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: साइबर अपराधी बैंक खातों में सेंधमारी के लिए नए नए तरीके अपना रहे हैं। जागरूक रहने और ठगी से बचने के लिए अतिरिक्त सतर्कता ही बचाव का एकमात्र उपाय है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने आॅनलाइन गेम्स के जरिए हो रही ठगी से बचाव के लिए उपाय बताये। उन्होंने बताया कि विभिन्न आॅनलाइन गेमिंग एप के जरिए साइबर ठग, यूजर्स को आनलाइन गेम खेलकर पैसा कमाने का लालच देकर यूजर्स का डेटा व वित्तीय जानकारियों तक पहुंच बना लेते हैं जिसका ब्लैकमेलिग व अन्य गलत उद्देश्यों के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि साइबर ठग सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फेक पेज बनाकर उस पर पब्जी, फ्री फायर व अन्य आॅनलाइन लोकप्रिय गेम, गेम के टूल व बैटल गन बेचने का विज्ञापन डालते हैं। बच्चे पेज पर विज्ञापन देखकर उससे संपर्क करते हैं। वे पहले खाते में रकम मांगते हैं और बाद में बच्चों से उनके पैरेंट्स के क्रेडिट कार्ड व डेबिट कार्ड का नंबर और फिर मोबाइल पर आए मैसेज को पूछकर आॅनलाइन खरीदारी कर लेते हैं।
ऐसे में क्रेडिट कार्ड व डेबिट कार्ड का नंबर किसी भी आनलाइन गेम मे सेव न करने व शेयर न करने व साथ ही साथ सजग व जागरूक रहने की जरूरत है। एसएसपी ने कहा कि आॅनलाइन गेम्स के जरिए कई प्रकार से ठगी की जाती है। आॅनलाइन गेम में जब बच्चे स्क्वाड में खेलते हैं तो इन्हें फॉलो करने वाला स्टॉकर इनकी साइकोलॉजी से खेलता है।
इन्हें लालच देकर पेरेंट्स के अकाउंट से पैसा निकलवा लेते हैं और मना करने पर धमकी देते हैं। खाते से पैसे कटते ही बच्चे ट्रांजेक्शन डिटेल वाले मैसेज डिलीट कर देते हैं ताकि इसकी जानकारी पेरेंट्स को ना पता चले। बैंक पासबुक प्रिन्ट कराने पर अभिभावकों को खाते से रकम कटने की जानकारी मिलती है। उन्होंने बच्चों के साथ-साथ अभिभावकों को भी सतर्कता बरतने की अपील की है।
एनजीओ महिला के साथ लाखों की ठगी
मंगलवार को एसएसपी कार्यालय पर एनजीओ की अध्यक्ष के साथ ठगी का मामला सामने आया है। जिसमें पीड़िता ने शिकायत पत्र देते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। श्याम नगर की रहने वाली पीड़िता ने शिकायत पत्र देते हुए बताया कि वह एक एनजीओ की अध्यक्ष है और कि कुछ वर्ष पहले आरोपी अनीस पुत्र अमीर, अहमद व अहसान पीड़िता के संपर्क में आए थे तथा आरोपियों ने पीड़िता के संग काम करने की इच्छा जताई थी तो महिला ने आरोपियों को संघ काम करने के लिए कह दिया था।
वहीं, कुछ समय बाद आरोपियों ने पीड़िता को विश्वास में लेकर बाइक व कार गैराज खोलने की बात कही तो पीड़िता ने विश्वास कर आरोपी अहसान को गैराज खोलने के लिए ढाई लाख रुपये दे दिए तथा तीन लाख अनीस को कार गैराज खोलने के लिए उधार दे दिए। दोनों आरोपियों ने अलग-अलग काम शुरू किया। आरोप है कि कुछ समय बाद जब पीड़िता ने आरोपियों से पैसा वापस मांगने की बात कही तो आरोपियों ने महिला को पैसा देने से साफ इनकार कर दिया और पीड़िता को अपहरण कर जान से मरवाने की धमकी दे दी। इस बात से महिला डरी हुई है और लगातार आरोपी फोन कर महिला को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। पीड़िता ने लिसाड़ी गेट थाना पुलिस को शिकायत पत्र दिया, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।