- केंद्रों पर सघन चेकिंग, नकल रोकने के नाम पर सर्दी में उतरवा दिए जैकट और जर्सी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सुहाग की निशानी मंगलसूत्र, चूड़ियां और हिन्दू धर्म में आस्था का प्रतीक माने जाने वाले कलावा के धागों में यूपी पुलिस के अफसरों को नकल का खतरा नजर आया, इसलिए पुलिस भर्ती की परीक्षा देने पहुंचे युवकों के हाथों में बंधे मन्नत के धागों व लड़कियों की कलाई में सज रही चूड़ियां तक उतरवा दी गयीं। नौबत यही तक नहीं रही। सर्दी का महीना है, सुबह 9 बजे के आसपास अभी मौसम सर्द होता है, लेकिन यूपी पुलिस के अजब अफसरों ने गजब कारनामा पेश करते हुए सर्द मौसम के बावजूद परीक्षाथयों के कार्डिगन, जैकेट व स्वेटर तक उतरवा दिए।
सर्द मौसम में परीक्षार्थी कक्ष तक पहुंचे। हद तो तब हो गयी जब अनेक लड़कियों के बालों की तलाशी ले डाली गयी। सदर स्थित एसडी इंटर कालेज में बनाए गए परीक्षा केंद्र पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने परीक्षार्थियों की सघन चेकिंग की। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि शनिवार और रविवार को जनपद में पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा के लिए 35 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। एक परीक्षा केंद्र पर बाहर पांच पुलिसकर्मी तैनात रहे।
सामान हासिल करना या जंग जीतना
परीक्षा शुरू होने से पहले केंद्र के भीतर तमाम सामान परीक्षार्थियों से ले लिया गया था। परीक्षा निपटने व कक्ष से बाहर आने के बाद गेट पर उनका जो सामान जमा कराया गया था। उसको हासिल करना जंग जीतना सरीखा था। कुछ ने आरोप लगाया कि उनका सामान मिला ही नहीं। जो इस व्यवस्था में लगे थे उनका कहना था कि इतने बडेÞ आयोजन में थोड़ी बहुत चूक की गुंजाइश बनी रहती है।
सघन तलाशी के बाद ही एंट्री
यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती की लिखित परीक्षा रविवार को दूसरे दिन भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न केंद्रों पर दो पाली में होनी है। पहली पाली में परीक्षा 10 बजे शुरू हुई, जो कड़ी सुरक्षा के बीच संपन्न हुई। इसके लिए अभ्यर्थी आठ बजे से पहले ही परीक्षा केंद्रों पर पहुंच गए। केंद्रों पर परीक्षा को नकलविहीन संपन्न कराने के लिए कड़ी चौकसी बरती जा रही है। अभ्यर्थियों को लाइन से जांच व तलाशी के बाद परीक्षा केंद्र के अंदर एंट्री दी जा रही है। अधिकारी परीक्षा केंद्रों का जायजा ले रहे हैं। जांच एजेंसियां व एसटीएफ भी परीक्षा पर निगरानी रखे हुए हैं। अब दूसरी पारी के लिए अभ्यर्थी तैयारी में जुटे हैं।
अभिभावकों की भी परीक्षा
परीक्षा देने आने वाले परीक्षार्थियों के साथ उनके अभिभावकों के भी सब्र की परीक्षा हो रही थी। तमाम परीक्षार्थयों के साथ उनके परिजन पहुंचे थे। तमाम महिला परीक्षार्थी ऐसी थी जिनके साथ कोई न कोई आया हुआ था। इसके अलावा जो दूरदराज से परीक्षा देने पहुंचे थे उनमें से ज्यादातर अपनी गाड़ियों मसलन कार आदि से पहुंचे थे। जब तक परीक्षार्थी केंद्र में रहा, बाहर उनके सब्र व इंतजार की परीक्षा चलती रही।