Sunday, June 15, 2025
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खतरा: साइलेंट किलर है शुगर, बरतें एहतियात

  • हर साल 20 लाख की लेता है जान, दुनिया का हर छटा व्यक्ति जो भारतीय है, शुगर मरीज
  • देश में सात करोड़ से ज्यादा शुगर के मरीज
  • किडनी और दिल के रोगियों के लिए ज्यादा घातक है शुगर का होना

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: शुगर एक साइलेंट किलर है जो दुनिया में हर साल 20 लाख लोगों की जान लेता है और इनमें से अकेले भारत की बात की जाए तो हर साल सात लाख लोग शुगर के चलते मरते हैं। दुनिया भर में शुगर या डायबिटीज के मरीजों में काफी वृद्धि देखी जा सकती है, 1980 में जहां ये आकड़ा 10 करोड़ 80 लाख के आसपास था।

वहीं, इसी आंकड़े में वर्ष 2016 तक 400% की वृद्धि देखी गयी। आमतौर पर शुगर मरीज में मीडिल क्लास फेमिली के लोग ज्यादा हैं। पिछले कुछ सालों में शुगर से होने वाली मौतों के आंकडेÞ पांच फीसदी बढ़ गए हैं। इन आंकड़ों ने आईएमए समेत दूसरी भारतीय स्वास्थ्य संस्थाओं को चिंता में डाल दिया है।

भारत में सात करोड़ से ज्यादा शुगर मरीज

आईएमए के अध्यक्ष डा. संदीप जैन का कहना है कि यदि हम साल 2000 से अब तक की शुगर के कारण हुई मृत्यु का आंकड़ा देखे तो इनमें भी पांच प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिलती है। हर साल सीधे तौर पर 20 लाख व्यक्तियों को मौत के घाट उतार देता है। अगर हम भारत का आंकड़ा ले तो भारत सरकार के एक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार भारत में सात करोड़ ज्यादा शुगर के साथ अपना जीवन व्यतीत कर रहे है। मरीजों में हर छठा व्यक्ति भारतीय है। शुगर किसी भी उम्र में हो सकता है।

किडनी और दिल के रोगियों के लिए घातक

यह बीमारी किडनी तथा दिल की बीमारी के लिए एक बड़ा रिस्क फैक्टर है। हालांकि यदि शुगर का इलाज समय रहते किया जाए तथा अपनी दैनिक जीवनशैली में स्वस्थ गतिविधियों को अपनाया जाये तो कुछ हद तक इस बीमारी का कुछ निदान किया जा सकता है। शुगर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है और शरीर के उचित तरीके से इंसुलिन नामक औषधि का उपयोग नहीं होता है।

शुगर के लक्षण

  • बहुत प्यास लगना: शुगर पीड़ितों को अक्सर बहुत ज्यादा प्यास लगती है। यह इसलिए होता है, क्योंकि उनके शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है और शरीर को और अधिक पानी की आवश्यकता होती है।
  • पेशाब का ज्यादा आना: शुगर के मरीज अक्सर बार-बार मूत्र करते हैं। यह भी इसलिए होता है, क्योंकि उनके शरीर में ग्लूकोज का स्तर अधिक होता है और यह गुर्दे के माध्यम से बाहर निकलता है।
  • वजन का घटना: शुगर के मरीजों का अचानक से वजन कम करने लगते हैं, बिना किसी कारण या डाइट बदलाव के। यह उनके शरीर में ग्लूकोज के अधिक उपयोग का परिणाम होता है।
  • कमजोरी और थकान: शुगर पीड़ित लोग अक्सर थकान महसूस करते हैं और उन्हें काम करने में कमजोरी आती है। यह उनके शरीर में ग्लूकोज का सही उपयोग नहीं होने के कारण होता है।

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खतरनाक बीमारियों की चपेट में आने का खतरा

डा. शिशिर जैन शुभन नर्सिंग होम बताते है कि शुगर के चलते आपके शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ सकता है, जिससे आपके लिए हृदय संबंधित समस्याएं जैसे कि हार्ट अटैक और हार्ट डिजीज जैसे खतरनाक स्थितियां बढ़ सकती हैं। सिर में दर्द या सिर में लंबे समय तक हल्का-हल्का दर्द बना रहना भी एक संकेत होता है कि ब्लड शुगर का स्तर बढ़ गया है। यह दर्द कई घंटों या दिनों तक निरंतर बना रह सकता है और फिर अचानक से ठीक हो जाता है।

इसके अलावा धुंधला दिखना

ब्लड शुगर का स्तर बढ़ा हुआ होता है तो उसे धुंधला दिखाई देने लगता है। शुगर के कारण हाथों और पैरों में दर्द, सूजन, या दिक्कतें हो सकती हैं। शुगर के मरीजों में अक्सर अधिक भूख लगने की समस्या होती है। शुगर के मरीजों में मुंह में सूखापन और मुंह के कटने की समस्या हो सकती है। मरीजों को सांस की समस्याएं हो सकती हैं, यदि कोई व्यक्ति जल्दी- जल्दी साँस लेता है तो इसका अर्थ होता है की उसका ब्लड शुगर बढ़ा हुआ है। मेंटल हेल्थ की समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि थकान, थकावट, या चिंता।

इसमें कंफ्यूजन होना

अधिक उचित ध्यान और विचारक या बुद्धिमत्ता की कमी के कारण मरीज अक्सर कंफ्यूज हो सकते हैं। शुगर के मरीजों में पेट में दर्द या पेट की समस्याएं हो सकती हैं। शुगर के मरीजों को छोटी-चोटी चोट, कट या फुंसी में जलन और सूजन की समस्या हो सकती है। त्वचा समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि खुजली, सूजन, या सूखापन। शुगर के मरीजों में इंफेक्शन के जोखिम बढ़ सकते हैं, जैसे कि ज्यादा सांस की समस्याएं, पेट की समस्याएं, या त्वचा समस्याएं।

शुगर के कारण

आमतौर पर डायबिटीज के कुछ मुख्य कारण होते है। मोटापा, उच्च रक्तचाप, तनाव या डिप्रेशन, गर्भावधि मधुमेह, इंसुलिन की कमी, परिवार में किसी व्यक्ति को डायबिटीज होना। हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल, एक्सरसाइज न करने की आदत, हार्मोन्स का असंतुलन, हाई ब्लड प्रेशर, खान-पान की गलत आदतें बढ़ती उम्र आदि। शुगर से बचाव मुमकिन है अगर हम कुछ बातों का ख्याल रखे तो डा. वीरोत्तम तोमर आरोग्य नर्सिंग होम बताते हैं कि इस बीमारी से बचने के लिए मीठा कम खाएं तथा शक्कर, रिफाइंड और कार्बेहाइड्रेट वाले भोजन से दूर रहे। एक्टिव रहें, एक्सरसाइज करें, सुबह-शाम टहलने जाएं। पानी ज्यादा पीएं। मीठे शर्बत और सोडा वाले ड्रिंक्स पीने से बचें। आइसक्रीम, कैंडीज खाने से भी परहेज करें। वजन को नियंत्रण में रखें। स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन न करे। हाई फाइबर डायट तथा प्रोटीन का सेवन अधिक मात्रा में करें।

शुगर का उपचार

अपने आहार में कार्बोहाइड्रेट और शुगर की मात्रा को नियंत्रित करें, सेफेली समृद्ध आहार, हाइफाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाएं तथा अपनी खुराक की गणना करने के लिए कैलोरी काउंटिंग का पालन करें, इंसुलिन थैरेपी की आवश्यकता हो सकती है, इसे डॉक्टर के मार्गदर्शन में करें।

सबसे उत्तम आहार

एलएलआरएम के मीडिया प्रभारी डा. वीडी पांडेय की शुगर मरीजों को सलाह है कि बेरी (ब्लैक बेरी, स्ट्रॉबेरी और ब्लूबेरी)। साइट्रस फल जैसे संतरा, नींबू, नाशपाती आदि हरी-पत्तेदार सब्जिया जैसे पालक, मेथी आदि। फ्रासबीन की दाल या सब्जी, करेला या उसके जूस का सेवन करें।

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