- दो मकानों में जमा किए गए थे एक करोड़ कीमत के पटाखे
- लोहियानगर कांड के बाद पुलिस हाई अलर्ट मोड में
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: कोतवाली के बीरूकुंआ गंगाजली मंदिर वाली गली में सीओ सुचिता सिंह के छापे में करीब करोड़ बतायी जा रही कीमत के पटाखों का जखीरा पकड़ा गया। पटाखों का यह जखीरा दो मकानों में छिपा कर रखा गया था। इसकी सप्लाई आसपास के कई जिलों में की जानी थी।सीओ की इस कार्रवाई से शहर के पटाखा माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं दूसरी ओर पटाखों के जखीरे की बरामदगी के बाद आसपास रहने वालों में भी दहशत है।
उनकी दहशत का कारण पुलिस की कार्रवाई नहीं बल्कि दहशत की वजह यह कि बारूद का इतना बड़ा जखीरा उनके घर की बगल में मौजूद था। यदि लोहिया नगर सरीखा कांड इस जखीरे की वजह से हो जाता तो कितनी बड़ी जनहानि होती, इसका कयास भर लगाने से आसपास रहने वालों का दिल बैठ गया। उन्होंने बताया कि वो बेहद डरे हुए हैं, लेकिन शुक्र है कि सीओ ने समय रहते यहां कार्रवाई कर मौत का सामान बरामद कर लिया।
बीरू कुंआ के रहने वाले वैभव पुत्र रमेश गुप्ता के मकान पर जब सीओ ब्रहमपुरी सुचिता सिंह फोर्स के साथ दबिश को पहुंची और वहां घर को खंगला शुरू किया और करीब अनुमानित बीस से तीस लाख की कीमत के पटाखे वहां से मिले तो दबिश में शामिल पुलिस वाले भी हैरान रह गए। उनका कहना था कि सवाल इस बात का नहीं कि यहां अवैध रूप से बिक्री करने के लिए पटाखों का जखीरा जमा किया गया है बल्कि इस बात का सवाल है कि यदि कोई अप्रिय घटना हो जाती तो कितनी बड़ी जनधन की हानि होती।
घंटों लगे पैकिंग में
सीओ सुचिता सिंह ने बताया कि माल कितना बरामद किया गया है इसकी रकम तो लेकर तो अनुमान अलग-अलग हैं। लेकिन अवैध रूप से जमा किया गया जखीरा कितना ज्यादा था इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई घंटे इसकी पैकिंग में लगे।
उन्होंने बताया कि जिस सूचना के आधार पर वह यहां कार्रवाई को पहुंची थी, तब उन्हें भी इस बात की कतई उम्मीद नहीं थी कि इतनी बड़ी मात्रा में यहां मौत का माना जाने वाला सामान जमा किया गया होगा। वहीं दूसरी ओर लोगों की मानें तो करीब तीस लाख कीमत के ये पटाखे हैं।
कई पुश्तों से है पटाखों का कारोबार
आसपास के लोगों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए वैभव का परिवार कई पुश्तों से दीपावली व दहशरा के मौके पर पटाखों के बेचने का काम कर रहा है। केवल वैभव ही नहीं इनके जितने भी अन्य रिश्तेदार हैं वो सभी इस काम में लग जाते हैं। कुछ साल पहले यानि कोरोना से पहले की यदि बात की जाए
तो इनका परिवार शहर के बाहर कहीं भी जगह किराए पर लेकर वहां करोड़ों रुपए कीमत के पटाखों जमा करता था। वैभव के बारे में यहां तक कहा जाता है कि जब भले ही कितनी भी सख्ती हो जब जब कहीं भी पटाखे नहीं मिले तो वैभव के यहां आतिशबाजी का सामान जरूर मिल जाएगा।
दो हिरासत में
सीओ ब्रहमपुरी सुचिता सिंह ने बताया कि इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। जो पटाखे बरामद किए गए हैं उनकी कीमत को लेकर अलग-अलग अनुमान लगाया जा रहा है।