नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। आज वैशाख पूर्णिमा का पावन पर्व है, जिसे सनातन धर्म में विशेष महत्व प्राप्त है। यह तिथि इसलिए भी खास मानी जाती है क्योंकि इस दिन चंद्रमा पूर्ण कलाओं से युक्त होकर आकाश में उदित होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चंद्र देव को अर्घ्य अर्पित करने से मानसिक तनाव दूर होता है और मन को शांति प्राप्त होती है। इसके साथ ही यह दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष आराधना के लिए भी अत्यंत शुभ माना गया है। मान्यता है कि पूर्ण श्रद्धा और भक्ति से पूजा करने पर सुख-समृद्धि का आगमन होता है और जीवन के पापों का क्षय होता है।
बुद्ध पूर्णिमा की तिथि
इस वर्ष वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाएगा, जो 12 मई 2025 को पड़ रही है। पंचांग के अनुसार, यह तिथि 11 मई की रात 08:01 बजे शुरू होकर 12 मई की शाम 10:25 बजे समाप्त होगी। धार्मिक दृष्टि से यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है और इस दिन किए गए सरल उपाय भी विशेष फल प्रदान करते हैं।
दीपक जलाने के शुभ स्थान
इस विशेष दिन पर चार स्थानों पर दीपक जलाना लाभकारी सिद्ध हो सकता है। ऐसा करने से न केवल इच्छाएं पूरी हो सकती हैं, बल्कि आर्थिक संकट और कर्ज से भी मुक्ति मिलने की संभावना होती है।
मुख्य द्वार- पूर्णिमा के दिन मुख्य दरवाजे पर दीपक जलाने से घर में प्रवेश करने वाली नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
तुलसी के पास- तुलसी का पूजन कर उसके समीप घी का दीपक प्रज्वलित करें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और आर्थिक स्थिति में सुधार आता है।
घर के मंदिर में- इस दिन घर के मंदिर में दीपक जलाना न भूलें। यह शुभ कर्म जीवन में समृद्धि और धनवृद्धि का मार्ग खोलता है।
रसोईघर में- रसोई को देवी अन्नपूर्णा का स्थान माना गया है। वैशाख पूर्णिमा पर वहां दीपक जलाने से भोजन से जुड़ी कोई भी कमी नहीं रहती और घर में हमेशा अन्न का भंडार भरा रहता है।