- बेदम खादी व्यापार को नई संजीवनी मिलने की उम्मीद
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: विधानसभा 2022 के चुनावों का शंखनाद हो चुका है। जनपद मेरठ में पहले ही चरण में 10 फरवरी को विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा। वहीं, चुनाव का बिगुल बजते ही खादी की डिमांड भी बढ़ गई है। जिले में चुनावी माहौल गरमाने लगा है। चुनाव के लिए नेताओं ने खादी के कपड़े से बनी स्टाइलिश ड्रेसों की डिमांड शुरू कर दी है। इसलिए पिछले काफी दिनों से बेदम खादी के व्यापार के नई संजीवनी मिलने की उम्मीद है। खादी आश्रमों पर सबसे ज्यादा कुर्ता, पायजामा और साथ ही सर्दी (जैकेट) की डिमांड भी बढ़ गई है। नेतागिरी की पहचान खादी से मानी जाती है, जिसमें नेताजी को भी ज्यादातर खादी पहनकर ही प्रचार-प्रसार करने में खूब आनंद आता है।
विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है, जिसके चलते नेताजी की खादी पहनने की चाह भी बढ़ गई है और लगातार नेता खादी के कपड़े खरीदकर जैकेट और कुर्ते पजामे सिलवाने में जुट गए हैं। जिससे खादी के कपड़ों की डिमांड बढ़ने से दुकानदार व सिलाई मास्टर भी काफी गदगद हैं। वहीं, चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के बाद नेता लोग भी पूरी तरह मैदान में उतरकर आ गए हैं और प्रचार भी शुरू कर दिया है।
नेता लोग अपनी पहचान बनाने में कोई भी कसर नहीं छोड़ रहे हैं। नेताओं ने कपड़ों से लेकर जूतों तक में बदलाव ला दिया है। अब नेताजी ने जींस पेंट पहनना बंद कर खादी के कपड़ों पर जोर दे दिया है और खादी के कपड़ें पहनकर प्रचार करना शुरू कर दिया है। विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने के बाद मेरठ में खादी ग्रामोद्योग के भवन पर नेताजी के पहुंचने का सिलसिला भी शुरू हो गया है और लगातार वहां खरीददारी भी बढ़ी है। साथ ही इन दिनों नेताओं के साथ उनके युवा प्रशंसकों व समर्थकों को भी खादी के कपड़े के कुर्ते खूब भा रहे हैं।
नेताजी रख रहे पहनावे का पूरा ख्याल
विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही राजनीतिक दल पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं। नेता भले ही सार्वजनिक तरीके से जनता के बीच नहीं जा रहे हों, लेकिन गुपचुप तरीके से सभी नेता जनता से संपर्क कर रहे हैं। फिर चाहे वह सोशल मीडिया हो या वाट्सऐप ग्रुप। वहीं, नेता जनता के बीच जाने से पहले अपने पहनावे पर भी खास ख्याल रख रहे हैं। कल तक सूट-बूट में दिखाई देने वाले नेता अब खादी की पोशाक में नजर आने लगे हैं। इस बार चुनावी माहौल को देखते हुए मार्केट में रेडीमेड ड्रेसेज भी मौजूद है। इनमें नेहरुजी वाली टोपी और खादी के विभिन्न तरह के रंग बिरंगे कुर्ते शामिल हैं। इस बार नेता खादी के कपड़े के कुर्ते-पायजामा, धोती कुर्ता और जैकेट पहनना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
चुनाव में बढ़ जाती है डिमांड
गांधी आश्रम के संचालक रमेश यादव ने बताया कि चुनाव का दौर शुरू होते ही खादी के कपड़ों की मांग बढ़ गई है। नई-नई ड्रेसों के साथ खादी ने अपनी अलग ही पहचान बनाई है। नेताओं के लिए खादी आश्रमों पर विशेष वस्त्र मौजूद हैं। इनमें ठंड के सीजन में सबसे ज्यादा डिमांड ऊनी जैकेट की है, जो 1200 से लेकर दो हजार रुपये में बिक रही है। इसके अलावा कुर्ता पजामा 900 रुपये से श्ुरु होकर 1500-1600 रुपये में बिक रहा है। इसके अलावा कुर्ते पजामे का खादी का कपड़ा 200 रुपये मीटर बिक रहा है। उन्होंने बताया कि पहले दिनभर में चार पांच ग्राहक ही आते थे, लेकिन अब 15 से 20 ग्राहक खरीदारी करने पहुंच रहे हैं। आम दिनों के मुकाबले चुनाव के दिनों में खादी की बिक्री दोगुनी हो गई है।
गांधी आश्रम पर खादी के कपड़ों की बढ़ी डिमांड
यही वजह है कि गांधी आश्रमों पर खादी के कपड़ों की मांग बढ़ रही है। खादी का कपड़ा सामान्य कपड़े से महंगा है, फिर भी नेता इसे खूब खरीद रहे हैं। चुनावी माहौल में इन दिनों खादी के कपड़ों के कुर्ता, पायजामा बनवाए जा रहे है। इसके साथ ही कड़ाके की सर्दी को देखते हुए नेता लोग जैकेट भी खरीद रहे हैं। वहीं, कुछ दुकानों पर खादी के कपड़े और जैकेट की बिक्री बढ़ाने के लिए आॅफर भी लागू कर दिया गया है। आॅफर में कुर्ता, पायजामा पर 20 प्रतिशत तक की छूट के साथ ही जैकेट पर भी इतने ही प्रतिशत की छूट दी जा रही है। जिसके बाद नेताओं में खादी के कपड़े खरीदने में दिलचस्पी बढ़ गई है।
आम दिनों के मुकाबले चुनाव के दिनों में खादी की बिक्री दोगुनी हो गई है। पहले दिनभर में चार पांच ग्राहक ही आते थे, लेकिन अब 15 से 20 ग्राहक खरीदारी करने पहुंच रहे हैं। नेताओं के साथ उनके युवा प्रशंसकों व समर्थकों को भी खादी के कपड़े के कुर्ते खूब भा रहे हैं। नेताओं में खादी के कपड़े खरीदने में दिलचस्पी बढ़ गई है। चुनावी माहौल में इन दिनों खादी के कपड़ों के कुर्ता, पायजामा बनवाए जा रहे है।
-रमेश यादव, गांधी आश्रम