- प्राधिकरण अधिकारियों को ज्ञापन देकर मांग भी की
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेरठ विकास प्राधिकरण के मास्टर प्लान 2031 की ग्रीन बेल्ट पर आपत्ति लगाई जा रही हैं। एनएच-58 से ग्रीन बेल्ट का दायरा कम करने की मांग प्राधिकरण उपाध्यक्ष से की गई हैं। इसके लिए प्राधिकरण अधिकारियों को ज्ञापन देकर मांग भी की गई।
कहा गया कि वर्तमान में बाइपास को छोड़कर दोनों और हाईवे पर 60 मीटर की ग्रीन बेल्ट है, जिस समय मेरठ विकास प्राधिकरण ने लगभग 20 वर्षों पूर्व 2021 की महायोजना बनाई थी, उस समय एनएच-58 बाइपास पर बहुत कम निर्माण थे एवं विकास और नगरीकरण नहीं था, उस समय वहां 38 मीटर की रोड वाइंडिंग एवं 100 मीटर की ग्रीन बेल्ट निर्धारित की गई थी, परंतु वर्तमान में बाइपास पर प्राधिकरण की कई रेसिडेंशियल कालोनियां, होटल, रेस्टोरेंट्स, वाटर पार्क पेट्रोल पंप, मंडप, व्यवसायिक कॉम्प्लेक्स, यूनिवर्सिटी, कॉलेज, हॉस्पिटल, रिसॉर्ट्स आदि विकसित करके उक्त बाइपास का पूर्ण नगरीकरण किया जा चुका है
अत: एनएच58 बायपास पर अन्य हाईवेज की तरह जहां अति आवश्यक हो 38 मीटर रोड वाइंडिंग के साथ अधिकतम 60 मीटर ग्रीन व्रज का निर्माण किया जाना ही जनहित में उपयोगी होगा। इसके बाद भी रोड वाइंडिंग एवं ग्रीन बेल्ट मिलाकर 98 मीटर क्षेत्र सदैव हरा भरा रहेगा। बाइपास पर विकास की अत्यधिक संभावनाएं हैं और विकास हो भी रहा है। ऐसी परिस्थिति में उक्त बाइपास पर जहां भी ग्रीन व्रज का निर्धारण जरूरी हो वहां पर ग्रीन बेल्ट में ओपन अस्थाई पार्किंग की सुविधा नक्शा पास कराते समय अनुमति योग्य किए जाने का जनहित में सुझाव है।
इससे अवैध निमार्णों और विवादों में कमी आएगी। इसके अलावा महायोजना 2031 के ड्राफ्ट में सीमाओं का जो विस्तार किया है, उसके अंतर्गत विस्तारित हाइवे सीमाओं को गुलाबी कलर से हाईवे फैसिलिटी जोन के नाम से नया भू उपयोग जोन प्रस्तावित किया है जिसमें की रेस्टोरेंट्स, होटलस, पेट्रोल पंप, सीएनजी स्टेशन आदि के लिए विशेष छूट प्रस्तावित है। ज्ञापन देने वालों में अरविन्द गुप्ता मारवाड़ी आदि शामिल थे। इन्होंने ही ग्रीन बेल्ट को कम करने की मांग की हैं।