- इंजीनियरों का दावा, 7000 वर्ग मीटर में तैयार की जा रही अवैध कॉलोनी की गई ध्वस्त
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सोमवार को मेरठ विकास प्राधिकरण ने खानापूर्ति का ध्वस्तीकरण किया। ये ध्वस्तीकरण मवाना रोड स्थित अम्हेड़ा क्षेत्र में अवैध कॉलोनी पर किया गया। मेरठ विकास प्राधिकरण (एमडीए) इंजीनियरों का दावा है कि 7000 वर्ग मीटर में तैयार की जा रही अवैध कॉलोनी पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया। यह कॉलोनी फरमानउद्दीन की बताई गई है, जो जोन-बी-वन में स्थित है।
लंबे समय से यहां पर अवैध कॉलोनी विकसित की जा रही थी, जिसको प्राधिकरण इंजीनियरों ने कोई कार्रवाई नहीं की। जब प्राधिकरण उपाध्यक्ष मृदुल चौधरी ने कार्रवाई के आदेश दिए तो उसके बाद ही इंजीनियरों की कुंभकर्णी नींद टूटी। इसके बाद कार्रवाई करने के लिए एमडीए इंजीनियर कॉलोनी में तो पहुंचे, लेकिन खानापूर्ति करने के लिए। आखिर इस बिल्डर पर एमडीए इंजीनियर खास मेहरबान हैं।
यहां बुलडोजर तो चला, लेकिन खानापूर्ति के करने के लिए…दिखावा करने के लिए। प्राधिकरण इंजीनियरों ने ऐसा क्यों किया? यह समझ में नहीं आ रहा हैं। अम्हेडा में ही श्मशान के पीछे करीब 600 बीघा जमीन में अवैध कॉलोनी विकसित कर दी गई, जिसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही हैं। आखिर इस पर कैसी मेहरबानी की जा रही हैं? दुकानों को तोड़ा क्यों नहीं जा रहा हैं? जब कॉलोनी अवैध हैं, फिर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही हैं?
इसके लिए जिम्मेदारों पर भी एमडीए कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा हैं? इसकी लगातार कमिश्नर से शिकायत की जा रही है, जिससे कमिश्नर खास नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं, फिर भी कार्रवाई क्यों नहीं की गई? इतना सब होने के बावजूद प्राधिकरण इंजीनियरों ने खानापूर्ति करते हुए बुलडोजर चला दिया। बुलडोजर के ध्वस्तीकरण अभियान के दौरान नोडल अधिकारी विवेक शर्मा, जेई वेद प्रकाश अवस्थी व अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।
इसी कॉलोनी में 13 दुकानों का अवैध निर्माण कर दिया गया। इन दुकानों को तोड़ने की बजाय इंजीनियरों ने सील लगाकर खानापूर्ति कर दी। ध्वस्तीकरण करने से क्यों बचा जा रहा हैं? अवैध रूप से बनी दुकानों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही हैं? प्राधिकरण ने सील तो कर दिया, लेकिन आमतौर पर सील जिन बिल्डिंगों पर लगी, वो सभी बनकर तैयार हो गई तथा
उनमें लोगों ने रहना और कारोबार करना शुरू कर दिया। सिर्फ बाउंड्री वाल गिरा कर खानापूर्ति कर देना ही ध्वस्तीकरण नहीं होता। इसके अलावा किला रोड पर भी अवैध रूप से निर्मित सात दुकानों को सील किया। इस दौरान नोडल अधिकारी नीरज कुमार, अवर अभियंता धीरज यादव भी मौजूद रहे।