जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: मेरठ विकास प्राधिकरण के द्वारा गंगानगर योजना में अधिग्रहण की गई जमीन का मुआवजा कुछ किसानों को नहीं मिला है। मुआवजा न मिलने क्षुब्ध एक किसान रविवार को परीक्षितगढ़ रोड पर बिजली के खंभे पर चढ़कर किसान ने छलांग लगा दी थी। इससे किसान को गंभीर चोंटें आई थीं। किसान की बाद में उपचार के दौरान अस्पताल मे मौत हो गई। इस पर भाकियू ने पोस्टमार्टम के बाद किसान का शव कलक्ट्रेट पर रखकर हंगामा करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही, जिलाधिकारी तथा मेडा के अफसरों से मृतक किसान के आश्रितों को उसकी जमीन का मुआवजा दिलाने की मांग की। रात आठ बजे किसान की मृत्यु की मजिस्ट्रीय जांच के साथ-साथ मृतक का आश्रितों को मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा के अंतर्गत आर्थिक सहायता तथा कन्या समृद्धि योजना में किसान की तीनों बेटियों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
रविवार को किसान मनोहर पुत्र प्रेमपाल निवासी प्रभात नगर, थाना सिविल लाइन नशे में धुत होकर भावनपुर थाना क्षेत्र में किला परीक्षितगढ़ रोड स्थित बीएनजी स्कूल के सामने रिंग रोड के पास 33 हजार केवी के टॉवर पर चढ़ गया था। इस के बाद उसने मुआवजा न मिलने पर मरने की धमकी दी थी। मनोहर का आरोप था कि मेरठ विकास प्राधिकरण ने उनकी जमीन गंगानगर योजना में अधिग्रहण की, लेकिन उसको आज तक मुआवजा नहीं दिया गया। इसके बाद भी और भी जमीन जबरदस्ती विकास प्राधिकरण लेना चाहता है। किसान के बिजली खंभे पर चढ़ने की सूचना पर थाना भावनपुर पुलिस ने कड़ी में मशक्कत के बाद मनोहर को टॉवर पर से उतारने की कोशिश की थी, लेकिन जैसे ही मनोहर बीच खंभे पर ऊपर से नीचे उतरा तो अचानक गिर गया।
हादसे में मनोहर के काफी चोटें आई थीं। पुलिस ने गंभीर अवस्था में मनोहर को उपचार के लिए सीएचसी भावनपुर में भेजा था, जहां से उसे मेडिकल रेफर कर दिया गया था। सोमवार की सुबह उपचार के दौरान किसान मनोहर की मेडिकल कालेज में मौत हो गई। मनोहर की मौत की सूचना परिजनों और भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी को मिली तो वे किसानों के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए। जहा किसानों ने हंगामा प्रदर्शन किया। भाकियू जिलाध्यक्ष ने मेडा अफसरों पर आरोप लगाया कि मनोहर की मौत का जिम्मेदार मेरठ विकास प्राधिकरण है।
जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी का कहना था कि इस पूरे प्रकरण में मेरठ विकास प्राधिकरण के जो भी कर्मचारी और अधिकारी दोषी हैं, उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। साथ ही, कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। पीड़ित परिवार को मुआवजा भी दिया जाए। भाकियूृ के कार्यकर्ता देर रात तक मृतक किसान मनोहर का शव कलक्ट्रेट पर रखकर विरोध प्रदर्शन तथा हंगामा करते रहे।
किसानों के साथ इन बिंदुओं पर हुआ समझौता
भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने बताया कि किसानों के बीच रात आठ बजे एडीएम सिटी बृजेश कुमार सिंह, एसपी देहात डा. राकेश कुमार मिश्र, एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह, एसडीएम सदर, एसीएम ब्रह्मपुरी, एसीएम सिविल लाइन, सीओ सिविल लाइन अभिषेक पटेल, सीओ सदर देहात शिवप्रताप सिंह के अलावा इंचौली, भावनपुर, मेडिकल, सिविल लाइन तथा गंगानगर थानों की पुलिस पहुंचीं। आंदोलनरत किसानों के साथ पांच बिंदुओं पर समझौता हुआ। इनमें किसान मनोहर की मृत्यु की मजिस्ट्रीयल जांच, मृतक आश्रितों को मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता, कन्या समृद्धि योजना में किसान की तीनों बेटियों को आर्थिक सहायता, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता तथा मजिस्ट्रीयल जांच के बाद दोषियों पर तुरंत कार्रवाई के आश्वासन पर किसान माने। इसके बाद उन्होंने धरना समाप्त कर दिया।
1980 में अधिग्रहण की थी जमीन
मृतक किसान मनोहर के भाई मनोज ने बताया करीब 1980 में यह जमीन अधिग्रहण की गई थी। लेकिन जमीन पर शुरू से ही उन्हीं का कब्जा था इसलिस वे निरंतर उस पर खेती करते आ रहे हैं। जमीन का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। फिर भी, मेरठ विकास प्राधिकरण के कर्मचारी और अधिकारी बार-बार आकर उनके भाई को डरा धमकाते रहे हैं। मेडा ने जमीन पर जबरन कब्जा करने की बात की। एक बार पूर्व में भी हरी भरी फसल पर मेरठ विकास प्राधिकरण की टीम के द्वारा ट्रैक्टर और जेसीबी चला दी गई थी।
तीन बेटियों के हाथ पीले करने का अरमान रह गया अधूरा
मृतक किसान मनोहर के तीन बेटियां हैं। किसान को उम्मीद थी कि मेरठ विकास प्राधिकरण के अधिकारी उसको उसकी जमीन का उचित मुआवजा देंगे तो वह तीनों बेटियों के हाथ पीले कर सामजिक जिम्मेदारी का निर्वहन कर सकेगा। लेकिन बेटियों की शादी करने से पहले ही मेडा की करतूत के कारण किसान मनोहन ने अपनी जान दे दी।
धरने पर ये रहे मौजूद
कलक्ट्रेट धरने पर भाकियू के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी के अलावा देशपाल हुड्डा, हर्ष चहल, मोनू टीकरी, सन्नी प्रधान, राजकुमार, सतेंद्र, मनोज, बबलू, हरेंद्र, अरुण, प्रिंस, हरीश, डीके, हरबीर, विनोद, कृष्णपाल सिंह, परवविंदर सिंह, सुनील आदि मौजूद रहे।