Friday, March 29, 2024
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डेंगू बुखार अब दिमाग पर कर रहा सीधा असर, लोगों में दहशत

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  • पिछले पांच वर्ष में डेंगू के सर्वाधिक मामले, सक्रिय मरीजों की संख्या 250

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: डेंगू बुखार जिले में तेजी से फैलता जा रहा है। डेंगू बुखार को लेकर जिले के लोगो में दहशत का माहौल है। जिले में जिस रफ्तार से डेंगू के मरीज मिल रहे हैं, वह बेहद खतरनाक है। अब डेंगू बुखार सीधा दिमाग पर असर कर रहा है। कोरोना के बाद अब डेंगू ने लोगों को बेहाल कर दिया है। जिलेभर में डेंगू फैल गया है।

देहात हो या फिर शहर, हर जगह मरीज डेंगू के बुखार से तप रहे हैं। शुक्रवार को जिले में डेंगू के 15 नए मरीज मिले हैं। अब तक कुल संख्या 567 पहुंच चुकी है। पिछले पांच वर्षों में ये डेंगू के सर्वाधिक केस हैं। मंडलीय सर्विलांस अधिकारी डा. अशोक तालियान ने बताया कि 153 केसों में से 97 मरीज रिकवर हो चुके हैं।

जबकि 250 डेंगू के सक्रिय मरीज हैं। इनमे 153 मरीज विभिन्न अस्पतालों में भर्ती होकर अपना इलाज करवा रहे हैं। वहीं, घर पर ठीक होने वाले मरीजों की संख्या 97 है। इस वर्ष डेंगू मरीजों के आंकडों की संख्या ने साल 2017 का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।

हालांकि स्वास्थ्य विभाग कंटेनर सर्वे, एंटी लार्वा स्प्रे और फॉगिंग करा रहा है, लेकिन यह नाकामयाब साबित हो रहा है। डेंगू के मरीज लगातार मिल रहे हैं। जहां डेंगू के अधिक या संदिग्ध मरीज मिल रहे हैं, वहां जिला विभाग की टीम ने लार्वा रोधी गतिविधियां आरंभ कर दी हैं। टीम को शहर व गांव के भ्रमण में घरों में मच्छर का लार्वा मिला है।

मलेरिया अधिकारी ने बताया कि शहर में भी टीमों ने भ्रमण किया है। जिनमें सदर, आबूलेन, कसेरू बक्सर व संजयनगर में लार्वा मिलने पर नोटिस जारी किए गए हैं। इसके साथ ही लोगों को नियमित जल पात्रों को खाली कराने समेत अन्य बिंदुओं पर भी जागरूक किया जा रहा है।

विभाग की टीमों दवारा लार्वा रोधी अभियान में कंकरखेड़ा, तेजविहार, फाजलपुर में भी कई घरों को नोटिस दिया गया है। उधर, क्षेत्र में संदिग्ध मरीजों के घरों पर जाकर फॉगिंग आदि की कार्रवाई की जा रही है। डाक्टर्स का कहना है कि बुखार, थकान, बदन व चक्कर आने के लक्षण उभरने पर तत्काल जांच कराएं। इलाज में देरी करने से डेंगू बुखार जानलेवा बन सकता है।

खतरनाक हुआ डेंगू, दो वायरस का एक साथ हमला

जिले में डेंगू का वायरस खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है। खतरनाक वायरस सीधे दिमाग पर असर कर रहा है। डाक्टरों के मुताबिक मरीजों में तेजी से प्लेटलेटस कम हो रहे हैं। मरीजों में मलेरिया के साथ पीलिया भी पाया जा रहा है, जो काफी खतरनाक है। वहीं, जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को मेडिकल रेफर किया जा रहा है।

डेंगू का मिजाज बिगड़ने से सेहत पर नया संकट खड़ा हो गया है। अस्पताल में प्लेटलेटस की मांग अचानक बढ़ी है। ब्लड बैंकों पर कंपोनेंट बनाने का भारी लोड है। मेडिकल कॉलेज में दर्जनभर मरीजों को प्लेटलेट चढ़ाई जा चुकी हैं।

जिला अस्पताल की डेंगू वार्ड इंचार्ज रेनू ने बताया कि ज्यादातर वायरल बुखार में समान लक्षण मिलते हैं, लेकिन कुछ अलग लक्षणों के आधार पर डेंगू की पहचान की जाती है। तेज बुखार, ठंड, जोड़ों में दर्द, आंख के पिछले हिस्से में दर्द और कमजोरी मिलने पर ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजा जाता है।

डेंगू वार्ड में बढ़ाए 14 बेड

जिला अस्पताल के लिए 14 अतिरिक्त बेड बनाए गए हैं। डेगू वार्ड इंचार्ज रेनू ने बताया कि अब तक 16 बेड संचालित थे, लेकिन डेंगू मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आइसीयू वार्ड और मेल सर्जिकल वार्ड में 14 नए बेड लगाए गए हैं।

जहां डेंगू मरीजों को भर्ती किया गया है, वहां सभी बेडों पर मरीजों के लिए मच्छरदानी उपलब्ध है। ब्लड बैंकों में बडी मात्रा में प्लेटलेट तैयार किए जा रहे हैं। इसके साथ ही उच्च स्तरीय पैथोलोजी भी संचालित है।

महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक डेंगू

डेंगू का पारा लगातार चढ़ रहा है, लेकिन वायरस के निशाने पर महिलाओं से ज्यादा पुरुष हैं। स्वास्थ्य विभाग ने मरीजों की रिपोर्ट शासन को भेजी है, जिसमें क्षेत्रवार संक्नमण के साथ ही लिंगात्मक विश्लेषण भी किया है। जिला अस्पताल डेगू वार्ड इंचार्ज ने बताया कि महिलाएं ज्यादातर घर एवं असपास लान तक रहती है।

ऐसे में उन्हें डेंगू का खतरा ज्यादा है, लेकिन वायरस के निशाने पर ज्यादा पुरुष आए हैं। पुरुषोंं में संक्रमण के कई कारण हैं। वे ज्यादातर घर से बाहर रहते हैं। साथ ही आधी बाजू के कपडेÞ पहनते हैं। इस वजह से संक्रमित मच्छरों के संपर्क में आ जाते हैं।

वहीं, स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक बड़ी संख्या में बच्चे भी डेंगू की चपेट में आए हैं। मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलाजी लैब एवं पीएल शर्मा जिला अस्पताल की लैब पर जांच का भारी लोड है।
क्यों फैलता है डेंगू?

डेंगू बुखार एडीज मच्छर के काटने से होता है। ज्यादातर सुबह और शाम को उड़ने वाले एडीज एजिप्टी नामक मच्छर के काटने से डेंगू संक्रमण शरीर में पहुंचता है। मरीज को अचानक तेज बुखार, सिर में दर्द, चक्कर आना, जी घबराना, उल्टी आना, शरीर पर खून के चकते और खून की सफेद कोशिकाओं में कमी आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं। वहीं, डेंगू के खतरनाक लक्षण जैसे बेहोशी, प्लेटलेट का 20 हजार से कम होना, पेट में तेज दर्द, हाथ-पैर का ठंडा पडना, बीपी मेंं गिरावट, हीमोग्लोबिन का अचानक बढ़ना आदि उभरने लगते हैं।

कैसे करें बचाव?

सोते समय मच्छरदानी का प्नयोग करें। घर से निकलने पर एंटीमास्किटो क्रीम लगाएं। फुल बाजू की शर्ट पहनें। धारीदार मच्छरों के बैठने पर सतर्क हो जाएं। खूब पानी पिएं।

डेंगू या वायरल के मरीजों में तेज बुखार होने पर पसीना निकलने से शरीर में सोडियम व पोटेशियम की मात्रा घटती है। जो बेहोशी या गफलत की वजह है। डेंगू बुखार के मरीज को नमक-पानी का घोल देते रहना चाहिए। प्लेटलेट काउंट जरूर कराएं। -डा. तनुराज सिरोही, वरिष्ठ फिजीशियन

सरधना में बुखार से युवक की मौत, परिवार में कोहराम

सरधना क्षेत्र में बुखार का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बुखार लोगों की मौत बनकर टूट रहा है। भाटवाड़ा मोहल्ला निवासी कल्लू पुत्र हरफूल मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करता था। करीब पांच दिन पूर्व उसे बुखार आया था। स्थानीय चिकित्सक से उसका उपचार चल रहा था।

लगातार दवाई खाने के बाद भी तबीयत में कोई सुधार नहीं आ रहा था। गुरुवार अलसुबह अचानक से तबीयत और बिगड़ गई। इससे पहले की परिजन उसे अस्पताल लेकर जाते, कल्लू की मौत हो गई। युवक की मौत से उसके परिजनों में कोहराम मच गया। बाद में गमगीन माहौल में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। वहीं स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जानकारी से इंकार किया है।

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