Sunday, July 6, 2025
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84 लाख की आय का सुबूत नहीं दे पाये धर्मेंद्र कुमार

  • एंटी करप्शन ने हस्तिनापुर के पूर्व एसओ धर्मेंद्र कुमार के खिलाफ कराया मुकदमा

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: हस्तिनापुर के पूर्व एसओ रहे धर्मेंद्र कुमार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति साबित होने पर एंटी करप्शन ने मेडिकल थाने में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि धर्मेंद्र कुमार की घोषित 6251000 रुपये के मुकाबले उनके पास मिली संपत्ति 14645639 रुपये की आंकी गई है। यानि पूर्व एसओ 8393700 रुपये की हुई आय को सिद्ध नहीं कर पाये हैं।

मेडिकल थाने में दर्ज एंटी करप्शन के इंस्पेक्टर अशोक शर्मा ने मुकदमा दर्ज कराया है। रिपोर्ट में कहा गया कि धर्मेंद्र कुमार के खिलाफ आय से 134 प्रतिशत अधिक संपत्ति साबित होने पर भ्रष्टाचार के आरोप सही पाये गए है। भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित हस्तिनापुर थानाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह ने मेरठ जिले में चार साल के कार्यकाल में अकूत संपत्ति अर्जित की है। शास्त्रीनगर के पॉश इलाके में तीन साल पहले खरीदे गए फ्लैट व हस्तिनापुर स्थित द्रौपदी घाट के पास पिछले साल बैनामा कर बनाए आलीशान फार्म हाउस का खुलासा हुआ था।

इसके अलावा भी धर्मेंद्र के पास काफी संपति बताई जा रही थी। 2016 में तत्कालीन एसएसपी जे रविंद्र गौड़ के कार्यकाल में 2013 बैच के दारोगा धर्मेंद्र की पोस्टिंग हुई थी। इसके बाद वह मेडिकल, लिसाड़ी गेट, सरूरपुर, मवाना, परीक्षितगढ़ थाने में थानाध्यक्ष रहे। हस्तिनापुर का चार्ज उन्हें तत्कालीन एसएसपी राजेश पांडे ने दिया था। सवा दो साल से वह हस्तिनापुर थाने में जमे थे। पहले पुलिस अधिकारियों और बाद में सत्ताधारी दल के एक नेता का हाथ होने के चलते उन्हें लगातार थाने का चार्ज मिल रहा था।

धर्मेंद्र कुमार के खिलाफ ईओडब्लू कानपुर शाखा के इंस्पेक्टर ने पूर्व एसओ के खिलाफ अलीगढ़ के लोधा थाने में भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया था। ईओडब्लू कानपुर शाखा के इंस्पेक्टर आरपी सिंह ने अलीगढ़ के लोधा थाने में धर्मेंद्र कुमार और एसएसआई सुधीर कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया है। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2015 में पंचायत चुनाव के मतदान के दिन लोधा के तत्कालीन एसओ धर्मेंद्र कुमार गांव नदरोई में प्रधान प्रत्याशी के सीबीआई दिल्ली में तैनात भाई रामकुमार व भतीजे हरीश को पकड़कर थाने ले गए थे।

उन पर चुनाव में माहौल बिगाड़ने व सरकारी कार्य में बाधा पैदा करने का आरोप था। रामकुमार के अनुसार रात में उन दोनों को एसओ व ने 80 हजार रुपये की रिश्वत लेकर छोड़ दिया। अगले दिन उन दोनों के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर लिया। रामकुमार ने जिला स्तर से लेकर शासन तक शिकायत की। मामले की जांच भ्रष्टाचार निवारण संगठन की कानपुर शाखा को सौपी गई। जांच में पाया कि पुलिस पर लगाये गये आरोप सही है। साक्ष्यों में आरोप सिद्ध होने पर ईओडब्ल्यू इंस्पेक्टर आरपी सिंह ने लोधा थाने में मुकदमा दर्ज कराया।

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