पूनम दिनकर
मधुमेह आज एक दुर्जेय व्याधि के रूप में सम्पूर्ण विश्व की सभ्य कहलाने वाली मानव जाति में द्रुतगति से वृद्धि को प्राप्त करता हुआ, मौत का तांडव करता हुआ, चिकित्सा वैज्ञानिकों के लिए खुली चुनौती बना हुआ है। इस रोग में शर्करा युक्त पदार्थों की चयापचय क्रिया विकृत हो जाती है। शर्करा पदार्थों के चयापचय में मुख्य भूमिका इन्सुलिन नामक हार्मोन की होती है। यह हार्मोन पेट में अवस्थित अग्न्याशय नामक ग्रंथि का अन्त: स्राव होता है। खान-पान संबंधी कारण, रहन-सहन संबंधी कारण, मानसिक कारण, शारीरिक रोगों के कारण, अग्न्याशय की विकृति के कारण तथा वंशानुगत अन्य कारणों से भी यह रोग हो जाता है।
मधुमेह रोग के प्रारंभिक लक्षणों में सर्व प्रमुख होता है अत्यधिक मात्रा में व बार-बार गंदला पेशाब आना, अधिक प्यास लगना, भूख अधिक लगना, पूरी खुराक लेते रहने पर भी तीव्रता के साथ वजन कम होना, थोड़ा-सा काम करने पर ही शरीर में थकावट महसूस करना, चक्कर आना तथा शक्कर की मात्र अधिक बढ़ जाने पर बेहोश हो जाना। इतना होने पर भी अगर इसका सही उपचार नहीं होता तो निम्नांकित लक्षण उत्पन्न होने लगते हैं।
जब मधुमेह रोग होने की संभावना शरीर में प्रारंभ हो जाती है उस समय सम्पूर्ण शरीर में वेदना होने लगती है, प्यास सताती है, मूत्र अधिक आता है, रात की नींद हराम हो जाती है तथा जांघ व पैरों में दर्द एवं गुदगुदी-सी प्रतीत होती है। बहुत से लोगों को प्यास के साथ-साथ बंधा सा श्वांस एवं तेज भूख सताती है।
रक्त में ग्लूकोज की मात्र बढ़ने से बहुमूत्रता होती है जिससे रोगी के शरीर में जल की कमी हो जाती है। इससे ‘एसिटोन’ का निर्माण होकर श्वसन क्रिया में वृद्धि हो जाती है किंतु मस्तिष्क की सामान्य क्रियाएं घट जाती हैं। फलस्वरूप तन्द्रा, मूर्च्छा, अजीर्ण, कब्ज, पेट दर्द, व्याकुलता, सिर दर्द रूपी अनेक उपद्र्रव शुरू हो जाते हैं।
मधुमेह एवं हृदयरोग का अटूट संबंध होता है। अधिकतर रोगियों में हृदयरोग के साथ ही मधुमेह का भी इतिहास मिलता है। एक सर्वेक्षण के अनुसार चालीस प्रतिशत मधुमेह के रोगियों को दिल का दौरा अवश्य ही पड़ता है। इसके अतिरिक्त टीबी, उच्च रक्तचाप, अन्धापन एवं लकवा आदि भी मधुमेही में रक्तवाहिनियों की खराबी से उत्पन्न होते हैं।
मधुमेह रोग इतना खतरनाक है कि यदि इसे समय रहते नियंत्रित न किया जाए तो शरीर के सभी संस्थान इसके प्रभाव में आकर रूग्ण हो सकते हैं। संयमपूर्वक आचरण करते हुए औषधियों के सेवन करने से ही इस पर विजय पाई जा सकती है। अगर यह रोग एक बार किसी व्यक्ति को जकड़ लेता है तो उससे पूर्ण मुक्ति पाना असंभव होता है किंतु आहार-विहार को सुधार कर इस पर नियंत्रण पाना संभव है।
यदि आपको प्रीडायबिटीज है, आप इसे रोकने के लिए सही कदम उठा सकते हैं और इसे अपरिवर्तनीय मधुमेह में बदलने से रोक सकते हैं।
अपना लाइफस्टाइल बदलें
कभी कभी, छोटे परिवर्तन एक बड़ा फर्क ला सकते हैं। मधुमेह को रोकने के लिए जीवनशैली में हस्तक्षेप(बदलाव) सबसे अच्छा उदाहरण है। मधुमेह निवारण कार्यक्रमों पर कई अध्ययनों ने साबित किया है कि मधुमेह को आसीन जीवनशैली छोड़, स्वस्थ परिवर्तन अपनाकर प्रभावी ढंग से रोका जा सकता है।
स्वस्थ खाएं
कम कैलोरी, विशेष रूप से कम संतृप्त वसा वाला आहार खाएं। परिक्षण से पता चला है कि, वसा (फैट) का सेवन कुल कैलोरी की मात्रा के 30 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए जबकि संतृप्त वसा (सैचुरेटेड फैट) सिर्फ 10 प्रतिशत तक प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। सब्जियां, ताजे फल, साबुत अनाज, डेयरी उत्पादों और ओमेगा -3 वसा के स्रोतों को शामिल कीजिये। इसके अलावा, फाइबर सेवन भी ज्यादा कीजिये।
अपने खाने के हिस्से को सीमित रखें
आप कितना खाते हैं और कब खाते हैं बहुत महत्त्वपूर्ण है। दिन भर में भोजन विभाजित करने से मोटापे और मधुमेह का खतरा कम होता है। अनुपात हिस्सों में भोजन खाना निश्चित रूप से उपयोगी साबित होगा। खाने के पैटर्न में अनियमितता भी रक्त शर्करा के स्तर में भारी परिवर्तन का कारण बन सकती है।
शारीरिक रूप से सक्रिय रहें
स्वस्थ रहने के लिए सबसे अच्छा तरीका व्यायाम करना है। यह न केवल मधुमेह को रोकता है पर एक सकारात्मक प्रभाव आपके समग्र स्वास्थ्य पर भी डालता है। आप ताजा और ऊजार्वान महसूस करेंगे।
अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त लोगों को अपने दैनिक कार्यों में व्यायाम शामिल करना चाहिए। व्यायाम के 30 मिनट चाहे वह एरोबिक्स, सरल गतिविधियों जैसे नृत्य, टेनिस, जल्दी चलने के रूप में हो, आपके मधुमेह/टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को 30 प्रतिशत कम कर देता है। यदि आपको व्यायाम करने के लिए समय निकालना मुश्किल लग रहा है, तो अपने विराम के बीच या अपने कार्यालय परिसर में भोजन करने के बाद चलें। यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियमित करेगा और मधुमेह होने का खतरा कम हो जाएगा।
धूम्रपान न करें
जो लोग धूम्रपान करते हैं, वह मधुमेह होने का खतरा दुगुना कर देते हैं। आपको इस आदत को छोड़ना पड़ेगा तभी ही अन्य परिवर्तन आपके स्वास्थ्य पर पूर्ण रूप से प्रभाव कर सकेंगे ।
शराब का सेवन काम करें
ज्यादा शराब पीने वाले लोग ज्यादा जल्दी वजन बढ़ने की प्रवृत्ति रखते हैं। मोटापे से मधुमेह का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर आपको प्रीडायबिटीज है, शराब रक्त शर्करा में वृद्धि का कारण बनकर आपको जल्दी मधुमेह दे सकता है।
पर्याप्त नींद लीजिए
रोजाना रात को कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद बहुत जरूरी है। पर्याप्त नींद दिन के दौरान आपकी ऊर्जा का स्तर उच्च रखेगी, साथ ही यह उच्च कैलोरी वाले भोजन के लिए आपकी लालसा कम करने में मदद करेगी।
तनाव का प्रबंधन
जितना अधिक आप तनाव लेंगे उतना अधिक आप अस्वास्थ्यकर आदतों का पालन करेंगे। अध्ययन दिखाता है कि तनाव के हॉर्मोन्स रक्त शर्करा के स्तर में परिवर्तन लाते हैं और सीधा आपके मधुमेह के जोखिम को बढ़ाते हैं। अपने तनाव के स्तर को कम करने के लिए ध्यान का अभ्यास, योग, संगीत सुनना कोई भी ऐसी गतिविधि करें जो आप को तनाव से मुक्त और खुश रखे।
नियमित स्वास्थ्य जांच
ऐसा कोई सबूत नहीं है कि मधुमेह को हमेशा के लिए रोका जा सकता है। जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम भी बढ़ जाता है जो मधुमेह से जुड़े हैं। इसलिए, 47 साल की उम्र के बाद, हर साल नियमित रूप से पूर्ण स्वास्थ्य जांच कराना जरूरी है।