- नये नियम से जनता को हो रही है भारी परेशानी
- एसडीएम कार्यालय की बंदिश से महीनों की वेटिंग
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: नगर निगम के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में नागरिकों को भारी दुश्वारियां हो रही हैं। एसडीएम कार्यालय में रजिस्ट्रेशन करवाने की बाध्यता के चलते कई-कई महीने बाद भी नागरिक अपने बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र तक नहीं बनवा पा रहे हैं। इससे उनको बच्चे का एडमिशन करवाने में भारी दुश्वारियां हो रही हैं। प्रमाणपत्र स्कूलों में प्रवेश, ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने, मतदाता सूची तैयार करने, विवाह पंजीकरण, सरकारी रोजगार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, पासपोर्ट और आधार नंबर जारी करने सहित विभिन्न प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण होगा।
इसके अलावा गोद लिए गए, अनाथ, परित्यक्त और सरोगेट बच्चों के साथ-साथ एकल माता-पिता या अविवाहित माताओं के बच्चों के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को ये कानून आसान बनाएगा। पहले नगर निगम में यह नियम था कि जिसका एक वर्ष से पुराना जन्म या मृत्यु का प्रमाण पत्र है तो वह सिटी मजिस्ट्रेट के कार्यालय में नगर निगम द्वारा दिये गये फार्म भरकर लेकर जाता था। सिटी मजिस्ट्रेट के यहां इस फार्म का नंबर लिखकर उसपर मोहर लगाकर आवेदक को ही सौंप दिया जाता था। फिर आवेदक स्वयं इस फार्म को नगर निगम में जमा कर देता था
तथा उसका प्रमाण पत्र जारी हो जाता था, लेकिन वर्तमान नगर आयुक्त ने नया फरमान दे दिया है कि यह फार्म भरकर पहले एसडीएम कोर्ट में जमा करना होगा। एसडीएम कार्यालय में यह प्रमाण पत्र रख लिया जाता है। फिर याहं इसका सर्वे कराये जाने का प्रावधान है। इस प्रक्रिया में कम से कम एक सप्ताह से दस दिन का समय लगता है। फिर यह फार्म एसडीएम कार्यालय में चढ़ाकर एसडीएम के प्रोफार्मा के साथ यह फार्म नगर निगम को भेजा जाता है। नगर निगम अपने स्तर पर कागजातों की जांच प्रक्रिया पूरी करने के बाद फिर अपनी रिपेर्ट लगाकर पत्रावली को वापस एसडीएम कार्यालय भेज देता है।
वहां से इस पर दोबारा से रिपोर्ट लगाकर नगर निगम को भेजी जाती है। जिसके आधार पर नगर निगम प्रमाण पत्र जारी करता है। इस प्रक्रिया में एक-एक माह से एक-एक साल का समय लग रहा है। जबकि अब स्कूलों में बच्चों के प्रवेश की प्रक्रिया चल रही है तथा उसमें जन्म प्रमाण पत्र मांगा जा रहा है। सोमवार को नगर निगम में सैकड़ों लोगों ने अपने-अपने बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र जारी न होने पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने जन्म-मृत्यु अनुभाग में हंगामा भी किया। अनुभाग प्रभारी दिनेश सिंह ने उनको समझाया कि उनके स्तर से कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही है।
जब एसडीएम कार्यालय से फार्म आ जाते हैं तो उनके यहां तुरंत प्रमाण पत्र जारी होता है। नए नियम लागू करने पर एआईएमआईएम के पार्षद फजल करीम ने नाराजगी जताई है। उन्होंने नगर आयुक्त को प्रार्थना पत्र भी दिया है। आरोप है कि अधिकारियों की लापरवाही से लोगों के प्रमाण पत्र नहीं बन रहे हैं। अगर नियम लागू किया है तो उस पर अमल क्यों नहीं लाया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही प्रमाण पत्र नहीं बने तो वह नगर निगम में अधिकारियों के कार्यालय के बाहर लोगों के साथ धरने पर बैठेंगे।