- सेलरी बढ़ाने के सवाल पर एफसी पर लाल हुए एमएलसी तो भड़कीं वीसी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: हॉट टॉक ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय कार्यसमिति की बैठक की गरिमा तार-तार कर दी। बात कुछ भी नहीं थी और हॉट टॉक ने बात को बहुत बड़ी भी कर दिया। नतीजा यह हुआ कि वीसी व कुलपति उठ गए और बगैर किसी नतीजे के कार्य समिति की बैठक बीच में ही खत्म हो गई। शुक्रवार को सीसीएसयू कार्यसमिति की बैठक समिति कक्ष में वीसी संगीता शुक्ला की अध्यक्षता में आयोजित हुई। बैठक का संचालन कुलसचिव धीरेन्द्र कुमार कर रहे थे।
यूनिवर्सिटी के अधिकारियों व कार्यसमिति के सदस्यों के साथ इसमें एमएलसी धर्मेन्द्र भारद्वाज व प्रो. संजीव शर्मा भी मौजूद थे। सूत्रों ने जानकारी दी है कि प्रो. संजीव शर्मा ने टीचरों की सेलरी का मुद्दा उठाया।
उनका प्रस्ताव था कि टीचरों की सेलरी बढ़ाई जाए। उनकी बात का एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज ने समर्थन किया। बताया जाता है कि इस पर एफसी रमेश चंद ने कहा कि टीचरों के साथ यदि नॉन टिचिंग स्टॉफ की भी सेलरी बढ़ाए जाए तो मुनासिब होगा। क्योंकि यदि बाद में नॉन टिचिंग स्टॉफ की सेलरी यदि बढ़ाई जाए तो फिर फंड की कमी की बात नहीं आनी चाहिए। सूत्रों ने बताया कि एफसी की इस बात पर एमएलसी की त्यौरियां चढ़ गर्इं। बात हॉट-टाक सरीखी हो गयी। उन्होंने जो कुछ कहां उसका यहां उल्लेख तो संभव नहीं, लेकिन, लेकिन जो भी कहा उससे कार्यसमिति की अध्यक्षता कर रहीं वीसी उखड़ गर्इं। उन्होंने एफसी से कहा कि चलिए रमेश जी खडेÞ हो जाइए।
बस हो चुकी बैठक। इतना कहकर वह खुद भी खड़ी हो गयीं। जाते-जाते एमएलसी को उन्हें के अंदाज में लगे हाथों जवाब दे दिया। तब तक वहां का माहौल पूरी तरह से गरमा गया था। शायद किसी को अंदाजा नहीं था कि कार्यसमिति की बैठक का माहौल इतना ज्यादा गरमा जाएगा। माना जा रहा है कि एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज व प्रो. संजीव शर्मा के लिए यह अप्रत्याशित था। उल्लेखनीय है कि किसी भी यूनिवर्सिटी के वीसी का प्रोटोकॉल एक कैबिनेट मंत्री से ऊंचा होता है। वीसी की अध्यक्षता में चल रही किसी भी बैठक में यदि कोई हॉट टॉक करता है
तो वह अशिष्टता की श्रेणी में शुमार किया जाता है। वहीं, इस संबंध में कार्यसमिति की बैठक को लेकर जब वीसी संगीता शुक्ला से संपर्क किया तो उन्होंने किसी परिचित की मौत में होने की बात कहकर बातचीत में असमर्थता जतायी। उधर, एफसी रमेश चंद निगम ने बताया कि कार्यसमिति में एमएलसी ने जो कुछ कहा उसको तत्काल काउंटर किया गया। जो कुछ उन्होंने कहा वैसी बातें कभी स्वीकार्य नहीं। एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज से संपर्क का प्रयास किया गया। उनके नंबर पर रिंग जाती रही, लेकिन दूसरी ओर से कॉल रिसीव नहीं हो सकी।
हत्यारोपी को आजीवन कारावास
मेरठ: न्यायालय अपर जिला जज कोर्ट संख्या एक मेरठ चंद्र प्रकाश तिवारी ने हत्या के आरोप में विकास पुत्र राममेहर निवासी ग्राम तितावी जिला मुजफ्फरनगर को दोषी पातें हुई आजीवन कारावास व 20 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया। अभियोजन की ओर से सरकारी अधिवक्ता मुकेश मित्तल ने बताया कि वादी मुकदमा राजेश पाल पुत्र जयकरण सिंह द्वारा दिनांक 1 नवंबर 2011 को थाना जानी में रिपोर्ट दर्ज कराई कि कविंद्र उर्फ रविन्द्र गत 27 अक्टूबर 2011 को सुबह 10:00 बजे आरोपी के साथ कहीं गया था और रंजिश के चलते उसकी हत्या कर दी। घटना वाले दिन गांव के रहने वाले विकास ने बताया कि अन्य दूसरे आरोपी रवि अपने घर पर कह रहा था कि हमने कविंद्र से अपना बदला ले लिया है, तुम गोवर्धन खुशी से मनाओ।
इसके बाद गत 2 नवंबर को बिनौली के जंगल से कविंद्र की लाश बरामद हुई थी। विवेचना आरोपी विकास और रवि को हत्या के आरोप में आरोपित बनाया था। इसके बाद आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत हो गया था। इस मुकदमे में आरोपी रवि को गत 8 जुलाई 2024 को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। न्यायालय में आरोपी विकास ने कहा कि झूठा फंसाया जा रहा है। जिसका सरकारी वकील ने कड़ा विरोध किया और न्यायालय में कुल 11 गवाह पेश किए। न्यायालय ने दोनों पक्षों को सुनकर तथा पत्रावली पर उपलब्ध को देखकर विकास को भी आजीवन कारावास से दंडित किया।