- मानसून में इस प्रकार की घटनाएं आम हैं, इनमें अनेक पशु करंट की चपेट में आकर मर भी जाते हैं
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: गलकर पूरी तरह से जर्जर हो चुके बिजली के खंभे और कई इलाकों में झूलते ही ढीले तार हादसों को न्यौता दे रहे हैं। पीवीवीएनएल अफसर एक ओर तो बिजली सिस्टम के सुदृढ़ीकरण व स्मार्ट बनाने का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पूरे महानगर में तमाम इलाकों में लबे बिजली के जर्जर खंभे जमीनी हकीकत को बयां कर रहे हैं। बिजली के इन खंभों की यदि शीघ्र खासतौर से इस साल मानसून के आने से पहले इनकी सुध नहीं ली गई तो बिजली के खंभों व तारों से जहां भी पानी भरेगा वहां करंट उतरने की घटनाएं सामने आएंगी। मानसून में इस प्रकार की घटनाएं आम हैं। इनमें अनेक पशु करंट की चपेट में आकर मर भी जाते हैं।
बिजली के जर्जर खंभों की बात की जाए तो सबसे बुरी हालत लिसाडीगेट व ब्रह्मपुरी इलाके की है। लिसाड़ीगेट के सौ फुटा रोड पर बिजली के खंभे नीचे से गल चुके हैं। उनकी हालत कभी गिरने सरीखी हो गयी है। कुछ खंभों की हालत तो ऐसी है कि यदि तेज आंधी भी चल गयी या बंदर सरीखा कोई पशु चढ़कर उसको बुरी तरह हिला देगा तो भी टूट कर गिर जाएगा केवल सौ फुटा रोड ही नहीं महानगर में अन्य इलाकों में भी ऐसे मौत को दावत देते नजर आ रहे खंभे नजर आ जाएंगे। हापुड़ रोड तथा बागपत रोड पर भी ऐसे खंभे आमतौर पर नजर आ जाते हैं।
शिकायत के बाद भी चुप
लोगों ने जानकारी दी कि बिजली के जर्जर हो चुके खंभों को लेकर अनेकों बार बिजली विभाग को शिकायत की जा चुकी है। उन्हें यहां के फोटो भी लेकर भेजे गए हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी इस प्रकार के फोटो अनेकोें बार अपलोड किए जा चुके हैं। लखनऊ में बैठे पावर अफसरों को भी ट्वीट कर जानकारी दी जा चुकी है।
सिर पर झूल रही मौत
महानगर के तमाम ऐसे भी इलाके हैं, जहां बिजली के ढीले तार सिर पर झूल रहे हैं। झूके हुए बिजली के खंभे और झूल रहे तारों को लेकर जानकारी दिए जाने व शिकायत किए जाने के बाद भी पीवीवीएनएल अफसर कुछ करने को तैयार नहीं। लगात है कि उन्हें किसी बडेÞ हादसे का इंतजार है।