Wednesday, May 22, 2024
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गरीबों के निवाले पर अफसरों का डाका

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  • गरीबों के निवाले पर डाका, एफआईआर दर्ज, 450 कुंतल खाद्यान्न की कालाबाजारी में कर दी लीपापोती
  • नए सप्लाई इंस्पेक्टर के चार्ज के बाद हुआ कारगुजारियों का खुलासा
  • डीएसओ के पूर्व एआरओ और सप्लाई इंस्पेक्टर की भूमिका पर उठ रहे सवाल

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: राशन घोटाले की कई-कई जांचों के बावजूद मेरठ में खाद्यान्न अफसर गरीबों के निवाले पर डाला डालने व डलवाने से बाज आने को तैयार नहीं हैं। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें गरीबों के नाम पर उठाया गया 450 कुंतल खाद्यान्न ठिकाने लगा दिया गया। मामला पिछले साल जुलाई माह का है, लेकिन इस मामले में थाना ब्रह्मपुरी में एफआईआर अब दर्ज हुई है।

डीएसओ कार्यालय के एरिया थर्ड थाना ब्रह्मपुरी के शिव शक्ति नगर इलाके में लोकेश की राशन की दुकान है। आरोप है कि स्टाफ की सेटिंग से लोकेश की यह दुकान कोई अमन नाम का शख्स संचालित कर रहा था। जुलाई 2023 में जिला खाद्य विपरणन अधिकारी (डीएफएमओ) ने डीएसओ को पत्र लिखकर सूचित किया कि मैसर्स लोकेश खाद्यान्न का उठान नहीं कर रहा है। डीएफएमओ का पत्र मिलने के बाद जांच की गयी और लोकेश की दुकान को सस्पेंड कर दिया गया।

लोकेश की दुकान पर एक अन्य दुकान भी संबंद्ध थी। आरोप है कि मैसर्स लोकेश व जो दुकान उसकी दुकान पर संबंद्ध की गयी थी, उसके 450 कुंतल खाद्यान्न की कालाबाजारी कर दी गयी। नियमानुसार जो दुकानें राशन की किसी दूसरी दुकान पर संबंद्ध की जाती हैं। वितरण के बाद उनके कोटे पर जो भी खाद्यान्न बचता है। उसको अनिवार्य रूप से उस दुकानदार को वापस भेजा जाना जरूरी है।

होना तो यह चाहिए था कि 450 कुंतल खाद्यान्न का मामला पकड़ में आने के बाद डीएसओ कार्यालय को इस मामले में आरोपी दुकान संचालक के खिलाफ एफआईआर करानी थी, लेकिन आरोप है कि तत्कालीन एरिया इंस्पेक्टर व सप्लाई इंस्पेक्टर ने खेल कर दिया और आरोपी दुकानदार के गले में कानून का फंदा डालने की जगह एफआईआर कराने के केवल एडीएम ई के यहां मैसर्स लोकेश का इस्तीफा करा दिया।

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ऐसे हुआ खुलासा

इस कारगुजारी का खुलासा तब हुआ, जब डीएसओ कार्यालय में नए सप्लाई इंस्पेक्टर अजय कुमार ट्रांसफर होकर आए। उन्होंने उनके सामने यह मामला आया तो उन्होंने वक्त जाया किए बगैर 450 कुंतल खाद्यान्न की कालाबाजारी के मामले में एफआईआर करा दी, लेकिन जो एफआईआर कराई गयी उसकी तहरीर को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि 450 खाद्यान्न की कालाबाजारी में केवल मैसर्स लोकेश ही नहीं बल्कि उसको क्लीनचिट देने वाले तत्कालीन एआरओ व सप्लाई इंस्पेक्टर भी बराबर के दोषी हैं। इस मामले में सभी कसूरवारों के खिलाफ कार्रवाई को एक आरटीआई एक्टिविस्ट ने सीएम कार्यालय में शिकायत की है।

कालाबाजारी कर ले जाया जा रहा गेहूं एसडीएम ने पकड़ा

सरूरपुर: मंगलवार को गरीबों के राशन पर डाका डालकर कालाबाजारी करके ले जाए जा रहे सरकारी राशन से भरी पिकअप गाड़ी को एसडीएम ने पकड़ लिया। भूनी चौराहे के पास से एसडीएम की टीम ने सरकारी राशन से भरी पिकअप गाडी में भारी मात्रा में सरकारी राशन को पकड़ा गया। जिसके बाद टीम ने राशन के सैंपल भर कर लैब में जांच के लिए भेज दिए हैं।

मंगलवार शाम एसडीएम पंकज प्रकाश राठौर टीम के साथ दौरे पर थे। इसी बीच टीम ने एक पिकअप गाड़ी को रोककर जानकारी की तो पता चला कि गाड़ी में अवैध रूप से तस्कर किया जा रहा सरकारी राशन भरा हुआ है। जिसके बाद एसडीएम पंकज प्रकाश राठौर ने टीम को कार्रवाई के निर्देश दिए। खाद्य विभाग की टीम ने माल बरामद करते हुए जांच के लिए सैंपल लैब को भेज दिए हैं। सरधना क्षेत्र में बड़ी मात्रा में सरकारी राशन की कालाबाजारी की जा रही है।

इससे पहले भी एसडीएम की टीम ने अवैध कालाबाजारी को लेकर अभियान चलाया था। जिसमें कई बार भारी मात्रा करते में सरकारी राशन पकड़ा था। एसडीएम पंकज प्रकाश राठौर का कहना है कि पकड़े गए राशन के सैंपल भरकर जांच के लैब लिए भेज दिया है। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। क्षेत्र में सरकारी राशन की अवैध कालाबाजारी होने की सूचना पर अभियान चलाया गया है।

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