जनवाणी ब्यूरो |
हरिद्वार: जिलाधिकारी हरिद्वार सी0 रविशंकर ने आज कलेक्ट्रेट में आयोजित प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के अन्तर्गत गठित जिला स्तरीय समिति की समीक्षा की। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना का मुख्य उद्देश्य 50 प्रतिशत से अधिक अनु0 जाति जनसंख्या वाले चयनित गांवों का एकीकृत विकास सुनिश्चित करना है।
इसके अन्तर्गत आदर्श ग्राम एक ऐसी परिकल्पना है। जिसमें लोगों को विभिन्न बुनिवादी यथा-पेयजल एवं स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, समाज सुरक्षा, ग्रामीण सड़कें एवं आवास, विद्युत एवं स्वच्छ ईंधन, कृषि, वित्तीय समावेश, डिजिटलीकरण जैसी सेवायें देने की परिकल्पनायें की गयी हैं जिससे समाज के सभी वर्गों की न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति हो और असमानतायें कम से कम रहें। गांव विकास योजना का उद्देश्य चुने गांवों का आदर्श ग्राम के रूप में लगभग 5 वर्ष की समय सीमा में विकास करने के लिये व्यापक, वास्तविक और व्यावहारिक रूप रेखा तैयार करना है।
बैठक में जिलाधिकारी को अधिकारियों ने बताया कि कुल 53 गांवों में से प्रथम चरण के 10 गांवों में से 5 तथा द्वितीय चरण के 10 गांवों में से 6 गांवों का डाॅटा भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है।
जिलाधिकारी ने चिह्नित प्रधान मंत्री आदर्श गांवों में सम्बन्धित गांवों का नाम लेते हुये उनमें दी जाने वाली सुविधाओं जैसे- शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधा, राशन की दुकान, इण्टरनेट व मोबाइल कनेक्टीविटी, विद्युत, पेयजल, आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या, आल वेदर रोड, साॅलिडवेस्ट मैंनेमेंट आदि सुविधाओं के बारे में इन विभागों से जुड़े अधिकारियों से बिन्दुवार विस्तृत जानकारी ली।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी विभाग आपस में सामंजस्य व तालमेल स्थापित करते हुये आगे की प्रगति रिपोर्ट यथाशीघ्र प्रस्तुत करें।
बैठक में विनीत तोमर, मुख्य विकास अधिकारी, पुष्पेन्द्र सिंह चौहान, जिला विकास अधिकारी, नरेन्द्र यादव, उद्यान एवं समाज कल्याण अधिकारी, आरसी तिवारी, पीडीडीआरडीए, भारती तिवारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी सहित सम्बन्धित विभागों के अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।