Wednesday, June 11, 2025
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Meerut News: डीएम ने की विकास कार्यों की समीक्षा, अधिकारियों को लगाई फटकार

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: विकास भवन सभागार में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें डीएम डॉ. वीके सिंह ने प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना, जल जीवन मिशन, दुग्ध विकास, फैमिली आईडी, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, निपुण परीक्षा आंकलन, एमडीएम, पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान, सेतुओं का निर्माण, नई सड़क का निर्माण, राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना, जिला सहकारी बैंक आदि की समीक्षा करते हुए सभी विभागों को लक्ष्य के अनुरूप प्रगति लाये जाने के निर्देश दिये गये। कहा कि अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर विकास कार्यों का निरीक्षण करें। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार के लिए बीएसए को स्कूलों का निरीक्षण करने के निर्देश दिये। इस अवसर पर सीडीओ नूपुर गोयल, सीएमओ डॉ. अशोक कटारिया, जिला विकास अधिकारी अम्बरीष कुमार, पीडीडीआरडीए सुनील सिंह, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी अतुल सक्सैना, जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश कुमार, बीएसए आशा चौधरी सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

सीएम दरबार पहुंचा सीएम ग्रिड के टेंडर में घोटाला

जनवाणी संवाददाता

मेरठ: सीएम ग्रिड की तीन सड़कों के निर्माण के टेंडर में करोड़ों के घोटाले का मामला अब मुख्यमंत्री के दरबार पहुंच गया। भाजपा पार्षद अनुज वशिष्ठ ने नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अधिकारियों पर ठेकेदारों के साथ मिलीभगत करके नियम विरुद्ध टेंडर छोड़ने का आरोप लगाते हुए मुÑख्यमुत्री से शिकायत कर डाली। इससे नगर निगम के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।

दरअसल, नगर निगम ने नौ मार्च को मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना सीएम ग्रिड में तीन सड़कों के निर्माण के लिए टेंडर आमंत्रित किये थे। हाल ही में उक्त टेंडर छोड़ दिए। इनमें गढ़ रोड पर आंबेडकर इंटर कालेज के मोड़ से आरटीओ आफिस के आगे से हापुड़ रोड तक करीब 34 करोड़ रुपये के टेंंडर, बच्चा पार्क से मेरठ कालेज तक करीब 22 करोड़ रुपये और सर्किट हाउस से कमिश्नरी आवास तक करीब 20 करोड़ रुपये टेंडर शामिल हैं। वार्ड 63 से भाजपा पार्षद अनुज वशिष्ठ ने नगर निगम के अधिकारियों ने टेंडर छोड़ने के बारे में जानकारी चाही। अनुज वशिष्ठ का कहना है कि अधिकारियों ने चीफ इंजीनियर से पूछने को कहा। उन्होंने चीफ इंजीनियर प्रमोद कुमार सिंह से पूछा तो उन्होंने कहा कि टेंडर सही छोड़े गए, इसमें कोई अनियमितता नहीं हैं।

चीफ इंजीनियर ने कहा कि वह उन्हें लिखकर दें। वह लिखकर ही उसका जवाब देंगे। चीफ इंजीनियर रवैय्ये से क्षुब्ध होकर अनुज ने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत दर्ज करा दी। अनुज वशिष्ठ का कहना है कि तीन सड़कों के निर्माण के लिए छह कंपनियों ने बिड डालीं। इनमें जीत कंस्ट्रक्शन कंपनी, जीएस कंस्ट्रक्शन कंपनी लखनऊ, एसआरस कंस्ट्रक्शन कंपनी और आरसीसी इनफ्रा इंजीनियर प्रा. लि., श्याम कंस्ट्रक्शन कंपनी और बिडकोन कंपनी ने टेंडर डाले। आरोप है कि दो सड़कों के टेंडर जीत कंस्ट्रक्शन कंपनी के नाम छोड़ दिए गए और जीएस कंपनी के नाम छोड़ा गया। जबकि जीत कंस्ट्रक्शन कंपनी व जीएस कंपनी आपस में ब्लड रिलेशनशिप है। तीन टेंडर एक जिले में छोड़ना नियमविरुद्ध है।

उन्होंने आरोप लगाया कि जीत कंपनी और आरसीसी प्रदेश में चल रहे निर्माण कार्याे में अपने 2500 करोड़ के कार्यों को छुपाया जो नियमविरुद्ध है। अनुज ने मुख्यमंत्री से नगर निगम के अधिकारियों द्वारा खोली गई फाइनेंशियल बिड और टैक्नीकल बिड को तत्काल रोका जाए, ठेकेदार के साथ एग्रीमेंट को भी रोका जाये जब तक मामले की जांच प्रक्रिया पूरा न हो। इस टेंडर को पूल कराने मे जो भी अधिकारी शामिल हैं, जांच के बाद टेंडरों को रि टेंडर कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। इस मामले का सोमवार की देर शाम नगर निगम के अधिकारियों को पता चलने पर उनमें हड़कंप मचा है। अधिकारी मोबाइल कॉल रिसीव नहीं कर रहे। इस संबंध में नगरायुक्त सौरभ गंगवार से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।

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