नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। सनातन धर्म में अनेक त्योहार होते है और का अपना खास महत्व होता है। इनमें से एक है करवा चौथ का पर्व। इस पर्व में सुहागिन महिलाएं व्रत रखती है। इस दिन निर्जला व्रत रख सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती हैं। यह व्रत शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही खुलता हैं। हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का त्योहार मनाया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल 20 अक्तूबर 2024 को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा। इस व्रत को करते समय कई नियमों का पालन करना जरूरी होता है। हालांकि यह व्रत सभी महिलाओं को करना चाहिए, लेकिन कुछ स्थितियों में स्त्रियों को यह व्रत नहीं करना चाहिए। ऐसे में आइए जानते हैं किन महिलाओं को करवा चौथ का व्रत नहीं करना चाहिएृ
किन महिलाओं को नहीं रखना चाहिए करवा चौथ का व्रत
गर्भवती महिलाएं
करवा चौथ का पर्व हर सुहागिन महिला के लिए बहुत महत्व रखता है, लेकिन गर्भावस्था के दौरान शरीर को अधिक पोषण की जरूरत होती है। वहीं करवा चौथ के व्रत में पूरे दिन कुछ भी खाना या पीना वर्जित होता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को करवा चौथ का व्रत नहीं करने की सलाह दी जाती है। गर्भावस्था में भूखे रहना बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए ऐसे में महिलाओं को करवा चौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए।
कुंवारी लड़कियां
करवा चौथ सुहाग का पर्व है। शास्त्रों के अनुसार, इस व्रत को केवल सुहागिनों को ही रखना चाहिए। यह व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। इसलिए कुंवारी लड़कियों को करवा चौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए।