जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: प्रसिद्ध छाती व सांस रोग विशेषज्ञ डॉ वीरोत्तम तोमर को छाती व सांस रोग तथा क्रिटिकल केयर चिकित्सक विशेषज्ञों की 26 वीं नेशनल कांफ्रेंस (नेपकोन) पुणे में गेस्ट फैक्लटी के रूप में आमंत्रित किया गया। डॉ तोमर ने छाती रोगों के विशेषज्ञों के एक पैनल मन्त्रणा में मरीज के मुंह से खून आने पर उसके इलाज के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
डॉ तोमर ने बताया कि खांसी में या मुंह से खून आने को कभी भी हल्के में नहीं लेना चाहिए आमतौर पर यह एक्यूट ब्रोंकाइटिस तथा टीबी जैसे रोगों में आता है। परंतु, मुंह से खून आने के कई अन्य कारण भी हैं जिनमें मुख्य रूप से फेफड़ों का कैंसर, निमोनिया, हृदय की बीमारी इत्यादि शामिल है।
डॉ तोमर ने फेफड़ों से खून आने पर सबसे प्रमुख जांचों में बलगम की जांच, छाती का सीटी स्कैन व ब्रोंकोस्कॉपी (दूरबीन जांच) को आवश्यक बताया जिससे समय पर सही बीमारी का पता चल सके और उसका सटीक इलाज हो सके।
डॉ तोमर ने इस गोष्ठी में वेंटीलेटर के उपयोग की एक कार्यशाला में चिकित्सकों को हैंड्स-ऑन-ट्रेनिंग भी कराई जिसमें उन्होंने वेंटिलेटर तथा बाईपेप मशीन के प्रयोग की नवीन तकनीक की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जहां पहले मरीज को वेंटीलेटर पर रखने पर मरीज के जीवन की आशा खत्म मान ली जाती थी परंतु अब ऐसा नहीं है, नवीन वेंटीलेटर तकनीक से तथा बाइपेप के सही उपयोग से गंभीर रोगियों का जीवन बच जाता है।
सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पलमोनरी डिजीज), सांस व फेफड़ों में सुकड़न, फाइब्रोसिस के वह रोगी जो ऑक्सीजन पर निर्भर हैं तथा जिनकी बीमारी गंभीर अवस्था में पहुंच चुकी है उनमें बाईपेप मशीन का उपयोग उनके सांस लेने की क्षमता को बढ़ा सकता है। सांस के कष्ट को दूर कर सकता है तथा जीवन को लंबा कर सकता है। डॉ तोमर ने बताया कि इस कांफ्रेंस में देशभर के 3000 छाती रोग विशेषज्ञों ने भाग लिया।
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